अंगसंहिता - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत अङ्गसंहिता)[1]
किसी शब्द में व्यंजन और स्वर के मध्य का ध्वनि संबंध[2]।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 07 |
- ↑ अन्य कोश
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