छोटा नागपुर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{{पुनरीक्षण}} छोटा नागपुर भारत में स्थित एक पठार है ज...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(5 intermediate revisions by 4 users not shown)
Line 1: Line 1:
{{पुनरीक्षण}}
'''छोटा नागपुर''' [[भारत]] में स्थित एक पठार है जिसका ज़्यादातर हिस्सा [[झारखंड]] और कुछ हिस्से [[उड़ीसा]], [[बिहार]] और [[छत्तीसगढ़]] में फैले हुये हैं। यह पठार पूर्व कैंब्रियन युगीन (5,4000,000, वर्ष से भी अधिक पुरानी) चट्टानों से बना है। [[रांची]], [[हज़ारीबाग़]] और कोडरमा के पठारों का संयुक्त नाम ही छोटा नागपुर है। इसकी मुख्य विशेषताओं में से एक 'पाट भूमि' है। इसे 'भारत का रूर' भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ संसाधनों की प्रचुरता है।  
छोटा नागपुर [[भारत]] में स्थित एक पठार है जिसका ज्यादातर हिस्सा [[झारखंड]] और कुछ हिस्से [[उड़ीसा]], [[बिहार]] और [[छत्तीसगढ़]] में फैले हुये हैं। यह पठार पूर्व कैंब्रियन युगीन (5,4000,000, वर्ष से भी अधिक पुरानी) चट्टानों से बना है। [[रांची]], [[हज़ारीबाग़]] और कोडरमा के पठारों का संयुक्त नाम ही छोटा नागपुर है।  
==क्षेत्रफल==
==क्षेत्रफल==
छोटा नागपुर का क्षेत्रफल 65,509 वर्ग किमी इसका बड़ा हिस्सा [[रांची|रांची का पठार]] है, जिसकी औसत ऊंचाई 700 मीटर है। छोटा नागपुर का समूचा पठार उत्तर में [[गंगा]] और [[सोन नदी|सोन]] के बेसिन और दक्षिण में [[महानदी]] के बेसिन के बीच स्थित है;  इसके मध्य भाग में पश्चिम से पूर्व दिशा में कोयला क्षेत्र वाली दामोदर घाटी गुजरती है।
छोटा नागपुर का क्षेत्रफल 65,509 वर्ग किमी इसका बड़ा हिस्सा रांची का पठार है, जिसकी औसत ऊंचाई 700 मीटर है। छोटा नागपुर का समूचा पठार उत्तर में [[गंगा]] और [[सोन नदी|सोन]] के बेसिन और दक्षिण में [[महानदी]] के बेसिन के बीच स्थित है;  इसके मध्य भाग में पश्चिम से पूर्व दिशा में कोयला क्षेत्र वाली दामोदर घाटी गुजरती है।
==उत्पादन==
==उत्पादन==
सदियों से भारी पैमाने पर होने वाली खेती ने पठार की अधिकांश प्राकृतिक वनस्पति को नष्ट कर दिया है, इसके बावजूद अब भी कुछ महत्त्वपूर्ण वन बचे हुए है। टसर रेशम और लाख जैसे वन उत्पाद आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण हैं। भारत में खनिज संसाधनों का सबसे महत्त्वपूर्ण संकेंद्रण छोटा नागपुर में है। दामोदर घाटी में कोयले के विशाल भंडार हैं और हज़ारीबाग़ ज़िला विश्व में अभ्रक के प्रमुख स्त्रोतों में से एक है। अन्य खनिज हैं-[[तांबा]], चूना-पत्थर, बॉक्साईट, लौह अयस्क, एस्बेस्टॉस और ऐपाटाइट (फ़ॉस्फ़ेट उर्वरक के उत्पादन में उपयोगी) बोकारो में एक विशाल तापविधुत संयंत्र और इस्पात कारखाना है। इस पठार से गुजरने वाले रेलमार्ग इसे दक्षिण-पूर्व में कोलकाता (भूरपूर्व कलकत्ता) और उत्तर में पटना से जोड़ते हैं और दक्षिण तथा पश्चिम के अन्य नगरों से भी संपर्क उपलब्ध कराते है।  
सदियों से भारी पैमाने पर होने वाली खेती ने पठार की अधिकांश प्राकृतिक वनस्पति को नष्ट कर दिया है, इसके बावजूद अब भी कुछ महत्त्वपूर्ण वन बचे हुए है। टसर रेशम और लाख जैसे वन उत्पाद आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण हैं। भारत में खनिज संसाधनों का सबसे महत्त्वपूर्ण संकेंद्रण छोटा नागपुर में है। दामोदर घाटी में कोयले के विशाल भंडार हैं और हज़ारीबाग़ ज़िला विश्व में अभ्रक के प्रमुख स्त्रोतों में से एक है। अन्य खनिज हैं-[[तांबा]], चूना-पत्थर, बॉक्साईट, लौह अयस्क, एस्बेस्टॉस और ऐपाटाइट (फ़ॉस्फ़ेट उर्वरक के उत्पादन में उपयोगी) बोकारो में एक विशाल तापविधुत संयंत्र और इस्पात कारख़ाना है। इस पठार से गुजरने वाले रेलमार्ग इसे दक्षिण-पूर्व में [[कोलकाता]] (भूरपूर्व कलकत्ता) और उत्तर में पटना से जोड़ते हैं और दक्षिण तथा पश्चिम के अन्य नगरों से भी संपर्क उपलब्ध कराते है।  


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
Line 15: Line 12:


==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{पर्वत}}
{{पहाड़ी और पठार}}
 
[[Category:पहाड़ी और पठार]]
[[Category:पर्वत]]
[[Category:भूगोल कोश]]
[[Category:झारखण्ड]]
[[Category:झारखण्ड]]
[[Category:उड़ीसा राज्य]]
[[Category:उड़ीसा राज्य]]
[[Category:छत्तीसगढ़ राज्य]]
[[Category:छत्तीसगढ़ राज्य]]
[[Category:नया पन्ना]]
[[Category:भूगोल कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Latest revision as of 07:25, 15 July 2012

छोटा नागपुर भारत में स्थित एक पठार है जिसका ज़्यादातर हिस्सा झारखंड और कुछ हिस्से उड़ीसा, बिहार और छत्तीसगढ़ में फैले हुये हैं। यह पठार पूर्व कैंब्रियन युगीन (5,4000,000, वर्ष से भी अधिक पुरानी) चट्टानों से बना है। रांची, हज़ारीबाग़ और कोडरमा के पठारों का संयुक्त नाम ही छोटा नागपुर है। इसकी मुख्य विशेषताओं में से एक 'पाट भूमि' है। इसे 'भारत का रूर' भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ संसाधनों की प्रचुरता है।

क्षेत्रफल

छोटा नागपुर का क्षेत्रफल 65,509 वर्ग किमी इसका बड़ा हिस्सा रांची का पठार है, जिसकी औसत ऊंचाई 700 मीटर है। छोटा नागपुर का समूचा पठार उत्तर में गंगा और सोन के बेसिन और दक्षिण में महानदी के बेसिन के बीच स्थित है; इसके मध्य भाग में पश्चिम से पूर्व दिशा में कोयला क्षेत्र वाली दामोदर घाटी गुजरती है।

उत्पादन

सदियों से भारी पैमाने पर होने वाली खेती ने पठार की अधिकांश प्राकृतिक वनस्पति को नष्ट कर दिया है, इसके बावजूद अब भी कुछ महत्त्वपूर्ण वन बचे हुए है। टसर रेशम और लाख जैसे वन उत्पाद आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण हैं। भारत में खनिज संसाधनों का सबसे महत्त्वपूर्ण संकेंद्रण छोटा नागपुर में है। दामोदर घाटी में कोयले के विशाल भंडार हैं और हज़ारीबाग़ ज़िला विश्व में अभ्रक के प्रमुख स्त्रोतों में से एक है। अन्य खनिज हैं-तांबा, चूना-पत्थर, बॉक्साईट, लौह अयस्क, एस्बेस्टॉस और ऐपाटाइट (फ़ॉस्फ़ेट उर्वरक के उत्पादन में उपयोगी) बोकारो में एक विशाल तापविधुत संयंत्र और इस्पात कारख़ाना है। इस पठार से गुजरने वाले रेलमार्ग इसे दक्षिण-पूर्व में कोलकाता (भूरपूर्व कलकत्ता) और उत्तर में पटना से जोड़ते हैं और दक्षिण तथा पश्चिम के अन्य नगरों से भी संपर्क उपलब्ध कराते है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख