राजमहल पहाड़ियाँ: Difference between revisions
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*यह पहाड़ियाँ मुख्य रूप से लावा से निर्मित हुई हैं। | *यह पहाड़ियाँ मुख्य रूप से लावा से निर्मित हुई हैं। | ||
*इनके द्वारा 300 से 450 मीटर ऊँचे भू-भाग का निर्माण होता है। | *इनके द्वारा 300 से 450 मीटर ऊँचे भू-भाग का निर्माण होता है। | ||
*इसमे कहीं-कहीं पर बेसाल्ट चट्टानों के अवशेष भी पाए जाते हैं। | *इसमे कहीं-कहीं पर बेसाल्ट चट्टानों के [[अवशेष]] भी पाए जाते हैं। | ||
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Latest revision as of 05:00, 4 October 2012
राजमहल पहाड़ियाँ झारखण्ड में छोटा नागपुर पठार के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित हैं। ये पहाड़ियाँ बेसाल्ट निर्मित हैं। इनका निर्माण जुरासिक युग में होने वाले ज्वालामुखी उद्गार के फलस्वरूप हुआ है।
- यह पहाड़ियाँ मुख्य रूप से लावा से निर्मित हुई हैं।
- इनके द्वारा 300 से 450 मीटर ऊँचे भू-भाग का निर्माण होता है।
- इसमे कहीं-कहीं पर बेसाल्ट चट्टानों के अवशेष भी पाए जाते हैं।
- राजमहल पहाड़ियों में ब्लास्ट चट्टानों की अधिकता है।