कोलकाता इतिहास तिथिक्रम: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{{पुनरीक्षण}} {| class="bharattable-purple" width="99%" |- ! style="width:15%"|वर्ष ! style="width:85%"|ति...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(7 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 1: Line 1:
{{पुनरीक्षण}}
{| class="bharattable-purple" width="99%"
{| class="bharattable-purple" width="99%"
|-
|-
Line 6: Line 5:
|-
|-
| style="width:15%"|15वीं शताब्दी
| style="width:15%"|15वीं शताब्दी
| style="width:85%"|[[कोलकाता]] का ज़िक्र बिप्रदास के 15वीं शताब्दी के प्रसिद्ध उपन्यास 'मानस मंगल' में पाया जाता है। उपन्यास के चरित्र 'चाँद सौदागर सप्तग्राम' के मार्ग में पड़ने वाले कालीघाट के काली देवी के मन्दिर में पूजा करने जाते हैं।
| style="width:85%"|[[कोलकाता]] का ज़िक्र बिप्रदास के 15वीं शताब्दी के प्रसिद्ध उपन्यास 'मानस मंगल' में पाया जाता है। उपन्यास के चरित्र 'चाँद सौदागर सप्तग्राम' के मार्ग में पड़ने वाले [[कालीघाट काली मंदिर|कालीघाट]] के काली देवी के मन्दिर में पूजा करने जाते हैं।
|-
|-
| 1530  
| 1530  
Line 21: Line 20:
|-
|-
| 1696  
| 1696  
| कलकत्ता के कारखाने को क़िला बनाने का कार्य प्रारम्भ किया गया।
| [[कलकत्ता]] के कारखाने को क़िला बनाने का कार्य प्रारम्भ किया गया।
|-
|-
| 1698  
| 1698  
Line 33: Line 32:
|-
|-
| 1715  
| 1715  
| अग्रेज़ों ने पुराने क़िले का निर्माण पूरा किया।
| [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने पुराने क़िले का निर्माण पूरा किया।
|-
|-
| 1717  
| 1717  
| मुग़ल शासक फ़र्रुख़स्यार ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को सालाना 3000 रुपए के भुगतान पर व्यापार की अनुमति दी।
| [[मुग़ल]] शासक फ़र्रुख़स्यार ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को सालाना 3000 रुपए के भुगतान पर व्यापार की अनुमति दी।
|-
|-
| 1727  
| 1727  
Line 48: Line 47:
|-
|-
| 1757  
| 1757  
| प्लासी (ज़िला नादिया) की लड़ाई में अग्रेज़ों ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में शिराज-उद-दौला को हराया।
| प्लासी ([[नादिया ज़िला|ज़िला नादिया]]) की लड़ाई में अग्रेज़ों ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में शिराज-उद-दौला को हराया।
|-
|-
| 1757  
| 1757  
| अग्रेज़ी मुद्रा सबसे पहले कलकत्ता के टकसाल में ढाली गई।   
| अग्रेज़ी मुद्रा सबसे पहले कलकत्ता के [[टकसाल]] में ढाली गई।   
|-
|-
| 1765  
| 1765  
Line 60: Line 59:
|-
|-
| 1772  
| 1772  
| गवर्नर जनरल वॉरन हेस्टिंग्स ने ब्रिटिश भारत की राजधानी मुर्शिदाबाद से कलकत्ता बदली।
| गवर्नर जनरल वॉरन हेस्टिंग्स ने ब्रिटिश भारत की राजधानी [[मुर्शिदाबाद]] से कलकत्ता बदली।
|-
|-
| 1775  
| 1775  
Line 66: Line 65:
|-
|-
| 1780  
| 1780  
| 'द बंगाल गज़ेट'(The Bengal Gazzette) अख़बार का छपाई कारखाना जेम्स हिकी द्वारा स्थापित किया गया।
| 'द बंगाल गज़ेट'(The Bengal Gazzette) अख़बार का छपाई कारख़ाना जेम्स हिकी द्वारा स्थापित किया गया।
|-
|-
| 1784  
| 1784  
Line 87: Line 86:
|-
|-
| 1818   
| 1818   
| पहली बंगाली पत्रिका "दिगदर्शन" का प्रकाशन श्रीरामपुर में डेविड हरे की मदद से हुआ
| पहली बंगाली पत्रिका "दिगदर्शन" का प्रकाशन [[श्रीरामपुर]] में डेविड हरे की मदद से हुआ
|}  
|}  


{{प्रचार}}
 
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{कोलकाता}}
[[Category:कोलकाता]]
[[Category:कोलकाता]]
[[Category:नया पन्ना]]
[[Category:पश्चिम_बंगाल]][[Category:पश्चिम_बंगाल_का_इतिहास]]
[[Category:इतिहास कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 13:44, 19 June 2014

वर्ष तिथि क्रम
15वीं शताब्दी कोलकाता का ज़िक्र बिप्रदास के 15वीं शताब्दी के प्रसिद्ध उपन्यास 'मानस मंगल' में पाया जाता है। उपन्यास के चरित्र 'चाँद सौदागर सप्तग्राम' के मार्ग में पड़ने वाले कालीघाट के काली देवी के मन्दिर में पूजा करने जाते हैं।
1530 जब पुर्तग़ाली पहली बार बंगाल आये तब चित्तगोंग और सप्तग्राम व्यापार के बड़े केन्द्र के रूप में उभरे।
1596 बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक, अबुल फ़ज़ल द्वारा लिखे 'आइने-अकबरी' में सतगाँव (सप्तग्राम) राज्य में कलकत्ता का ज़िक्र आता है।
1690 ईस्ट इंडिया कम्पनी (स्थापित 1600) के प्रतिनिधि जॉब चर्नोक सूतानीति गाँव में आकर बसे।
1693 जॉब चर्नोक का निधन।
1696 कलकत्ता के कारखाने को क़िला बनाने का कार्य प्रारम्भ किया गया।
1698 ईस्ट इंडिया कम्पनी ने स्थानीय ज़मींदार सबर्ण चौधरी से तीन गाँव (सूतानीति, कोलिकाता, गोबिन्दपुर) ख़रीदे।
1699 ईस्ट इंडिया कम्पनी ने कलकत्ता का राजधानी के रूप में विकास शुरू किया।
1707 मुग़ल शासक औरंग़ज़ेब का निधन।
1715 अंग्रेज़ों ने पुराने क़िले का निर्माण पूरा किया।
1717 मुग़ल शासक फ़र्रुख़स्यार ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को सालाना 3000 रुपए के भुगतान पर व्यापार की अनुमति दी।
1727 किंग जॉर्ज प्रथम के निर्देशानुसार दिवानी अदालत के साथ नगर निगम की स्थापना हुई और हॉलवैल नगर के प्रथम महापालिकाध्यक्ष बने।
1740 अलीवर्दी ख़ाँ बंगाल के नवाब बने।
1756 अलीवर्दी ख़ाँ का निधन हुआ और शिराज-उद-दौला बंगाल के नवाब बने। शिराज-उद-दौला ने कलकत्ता पर क़ब्ज़ा किया और शहर का नाम अलीनगर रखा।
1757 प्लासी (ज़िला नादिया) की लड़ाई में अग्रेज़ों ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में शिराज-उद-दौला को हराया।
1757 अग्रेज़ी मुद्रा सबसे पहले कलकत्ता के टकसाल में ढाली गई।
1765 क्लाइव ने बादशाह आलम द्वितीय (दिल्ली) से बंगाल, बिहार और उड़ीसा के चुँगी अधिकार प्राप्त किये।
1770 बंगाल में अकाल पड़ा।
1772 गवर्नर जनरल वॉरन हेस्टिंग्स ने ब्रिटिश भारत की राजधानी मुर्शिदाबाद से कलकत्ता बदली।
1775 वॉरन हेस्टिंग्स पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने पर एक स्थानीय ज़मींदार नन्द कुमार को झूठे आरोपों पर फाँसी दी गई।
1780 'द बंगाल गज़ेट'(The Bengal Gazzette) अख़बार का छपाई कारख़ाना जेम्स हिकी द्वारा स्थापित किया गया।
1784 पहला आधिकारिक अख़बार "द कलकत्ता गज़ेट" (The Calcutta Gazzette) का प्रकाशन।
1784 सर विलियम जॉन्स की पहल से "ऐशियाटिक समाज" (Asiatic Society) स्थापित हुआ।
1795 पहला बंगाली नाट्य "काल्पनिक गीत बदोल" जेरसिम स. लेबेदेफ़ द्वारा रंगमंच पर लाया गया
1801 फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना
1804 गवर्नर का घर (वर्तमान समय में राज भवन) का निर्माण हुआ
1813 टाउन हॉल का निर्माण हुआ
1818 पहली बंगाली पत्रिका "दिगदर्शन" का प्रकाशन श्रीरामपुर में डेविड हरे की मदद से हुआ


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख