चाँचर (रमैनी): Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) m (Adding category Category:रमैनी (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
Line 12: | Line 12: | ||
{{कबीर}}{{रमैनी}} | {{कबीर}}{{रमैनी}} | ||
[[Category:व्याकरण]][[Category:हिन्दी भाषा]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:कबीर]][[Category:काव्य कोश]] | [[Category:व्याकरण]][[Category:हिन्दी भाषा]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:कबीर]][[Category:काव्य कोश]] | ||
[[Category:रमैनी]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
Latest revision as of 09:38, 4 August 2014
अपभ्रंश में 'चर्चरी' काव्य रूप हिन्दी में चाँचर के रूप में प्रचलित हुआ। कबीर के 'चाँचर' में छन्दगत एकरूपता नहीं मिलती। किसी में 25 पंक्तियाँ और किसी में 28 पंक्तियाँ हैं। चाँचर भी बसन्तोत्सव में गाया जाने वाला लोकगीत है, जिसे कवियों ने साहित्य में स्थान दिया।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ शर्मा, रामकिशोर कबीर ग्रन्थावली (हिंदी), 100।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख