आईएनएस कोलकाता: Difference between revisions

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*इस युद्धपोत की एक अन्य खासियत है कि यह नाविकगण के लिये अत्यंत आरामदेह है।
 
*इसे मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड ने बनाया है, इसका वजन 6,800 टन है।
*आईएनएस कोलकाता की एक अन्य खासियत है कि यह नाविकगण के लिये अत्यंत आरामदेह है।
*यह [[भारतीय नौसेना]] के [[कोलकाता]] श्रेणी के युद्धपोतों का हिस्सा है, जिसमें आईएनएस कोच्चि और आईएनएस चेन्नई शामिल हैं।
*यह 164 मीटर लंबा और 18 मीटर चौड़ा है, इसकी ऊँचाई पाँच मंज़िली इमारत जितनी है।
*आईएनएस कोलकाता 164 मीटर लंबा और 18 मीटर चौड़ा है, इसकी ऊँचाई पाँच मंज़िली इमारत जितनी है।
*पहली बार [[भारतीय नौसेना]] ने किसी युद्ध पोत में थ्री डी रडार इस्तेमाल किया गया है।
*पहली बार भारतीय नौसेना ने किसी युद्ध पोत में थ्री डी रडार इस्तेमाल किया गया है।
*मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा निर्मित 6,800 टन वजनी कोलकाता श्रेणी के इस स्टेल्थ विध्वंशक की डिजाइन [[भारतीय नौसेना]] के डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है।
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*इसमें सबमरीन डिटेक्टर और चार टॉरपीडो भी मौजूद हैं।
*इस जंगी पोत में अत्याधुनिक हथियार प्रणालियां लगाई गई हैं, जिसमें [[पनडुब्बी]] रोधी प्रौद्योगिकी शामिल है। एमडीएल द्वारा निर्मित यह सबसे बड़ा स्टेल्थ विध्वंशक है।
*यह दिल्ली श्रेणी (आईएनएस दिल्ली, आईएनएस मैसूर और आईएनएस मुंबई) के पोतों का एक उन्नत संस्करण, लेकिन अधिक विविधता वाला है।
*पोत में लगाए गए अधिकांश हथियार और सेंसर घरेलू तकनीक से निर्मित हैं। इसमें सतह से सतह पर मार करने वाली अत्याधुनिक [[ब्रह्मोस मिसाइल|ब्रह्मोस]] मिसाइलें, रॉकेट लांचर, टॉरपीडो ट्यूब लांचर, सोनार हुमसा, ईडब्ल्यूएस एलोरा और एके-360 बंदूकें शामिल हैं।
*पोत का नामकरण [[पश्चिम बंगाल]] की राजधानी [[कोलकाता]] के नाम पर किया गया है, जो [[पूर्वी भारत]] का सबसे बड़ा महानगर है।





Latest revision as of 09:19, 20 January 2017

आईएनएस कोलकाता
विवरण आईएनएस कोलकाता डी-63, भारत में वर्ष 2016 तक तैयार किया गया सर्वाधिक ताकतवर युद्धपोत माना जाता है।
भारतीय नौसेना में शामिल 16 अगस्त, 2016
वज़न 6,800 टन
लम्बाई 164
चौड़ाई 18 मीटर
अन्य जानकारी पहली बार भारतीय नौसेना ने किसी युद्धपोत में थ्री डी रडार इस्तेमाल किया गया है।
अद्यतन‎

आईएनएस कोलकाता, डी-63 (अंग्रेज़ी: Indian Naval Submarine Kolkata) , भारत में वर्ष 2016 तक तैयार किया गया सर्वाधिक ताकतवर युद्धपोत माना जाता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 अगस्त, 2014 को मुंबई स्थित भारतीय नौसेना में ‘आईएनएस कोलकाता’ को सौंपा। इसमें लगी ज्यादातर प्रणालियाँ स्वदेश निर्मित हैं, जिनमें सीएमएस, एसीएस, एपीएमएस, फोल्डेबल हैंगर डोर, हेलो ट्रैवर्सिंग सिस्टम और एचयूएमएसए एनर्जी प्रणाली प्रमुख हैं।[1]

  • आईएनएस कोलकाता की एक अन्य खासियत है कि यह नाविकगण के लिये अत्यंत आरामदेह है।
  • यह 164 मीटर लंबा और 18 मीटर चौड़ा है, इसकी ऊँचाई पाँच मंज़िली इमारत जितनी है।
  • पहली बार भारतीय नौसेना ने किसी युद्ध पोत में थ्री डी रडार इस्तेमाल किया गया है।
  • मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा निर्मित 6,800 टन वजनी कोलकाता श्रेणी के इस स्टेल्थ विध्वंशक की डिजाइन भारतीय नौसेना के डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है।
  • इसके निर्माण का काम सितंबर, 2003 में शुरू हुआ था। यह अपनी श्रेणी का पहला पोत है। इस श्रेणी के तीन पोत बनाने की योजना है। अन्य दो पोत 'आईएनएस कोच्चि' और 'आईएनएस चेन्नई' होंगे।[2]
  • इस जंगी पोत में अत्याधुनिक हथियार प्रणालियां लगाई गई हैं, जिसमें पनडुब्बी रोधी प्रौद्योगिकी शामिल है। एमडीएल द्वारा निर्मित यह सबसे बड़ा स्टेल्थ विध्वंशक है।
  • यह दिल्ली श्रेणी (आईएनएस दिल्ली, आईएनएस मैसूर और आईएनएस मुंबई) के पोतों का एक उन्नत संस्करण, लेकिन अधिक विविधता वाला है।
  • पोत में लगाए गए अधिकांश हथियार और सेंसर घरेलू तकनीक से निर्मित हैं। इसमें सतह से सतह पर मार करने वाली अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइलें, रॉकेट लांचर, टॉरपीडो ट्यूब लांचर, सोनार हुमसा, ईडब्ल्यूएस एलोरा और एके-360 बंदूकें शामिल हैं।
  • पोत का नामकरण पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के नाम पर किया गया है, जो पूर्वी भारत का सबसे बड़ा महानगर है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आईएनएस कोलकाता (हिन्दी) bbc.com। अभिगमन तिथि: 3, अगस्त, 2016।
  2. INS कोलकाता कल देश को समर्पित करेंगे PM (हिंदी) hindi.news18.com। अभिगमन तिथि: 20 जनवरी, 2017।

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