प्रकाश (महाराष्ट्र): Difference between revisions

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*खुदाई की प्रक्रिया में सर्वप्रथम ई. सन की प्रारम्भिक शतियों में व्यवहृत [[लाल रंग|लाल]] मृदभांड प्राप्त हुए थे।
*खुदाई की प्रक्रिया में सर्वप्रथम ई. सन की प्रारम्भिक शतियों में व्यवहृत [[लाल रंग|लाल]] मृदभांड प्राप्त हुए थे।
*इसके तत्पश्चात निचले तलों में [[मौर्य]] पूर्व मृदभांडों तथा प्रस्तरोपकरणों के अवशेष मिले।
*इसके तत्पश्चात् निचले तलों में [[मौर्य]] पूर्व मृदभांडों तथा प्रस्तरोपकरणों के अवशेष मिले।
*प्रकाश में प्राप्त चित्रित मृदभांड नगदा तथा महेश्वर से मिलने वाले मृदभांडों (माहिष्मती मृदभांडों) के समान ही हैं।
*प्रकाश में प्राप्त चित्रित मृदभांड नगदा तथा महेश्वर से मिलने वाले मृदभांडों (माहिष्मती मृदभांडों) के समान ही हैं।
*उपर्युक्त संस्था के संचालक श्री पंड्या के मत में ये मृदभांड [[हड़प्पा]] पूर्व संस्कृति (अर्थात् [[सिन्ध]]-[[बलूचिस्तान]] की अमरी-जोब नामक संस्कृति) से संबंधित है।
*उपर्युक्त संस्था के संचालक श्री पंड्या के मत में ये मृदभांड [[हड़प्पा]] पूर्व संस्कृति (अर्थात् [[सिन्ध]]-[[बलूचिस्तान]] की अमरी-जोब नामक संस्कृति) से संबंधित है।

Latest revision as of 07:52, 23 June 2017

प्रकाश पश्चिमी ख़ानदेश, महाराष्ट्र की ताप्ती घाटी में अवस्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। इस स्थान के निकट लगभग एक तीन सहस्र वर्ष प्राचीन नगर के अवशेष उत्खनन द्वारा प्राप्त किये गए हैं। इसकी खोज 1954 ई. में वल्लभ विद्यासागर की पुरातत्व संस्था द्वारा की गई थी।

  • यहाँ के खंडहर ताप्ती नदी के उत्तरी तट पर भूमि से काफ़ी ऊँचाई पर अवस्थित हैं।
  • खुदाई की प्रक्रिया में सर्वप्रथम ई. सन की प्रारम्भिक शतियों में व्यवहृत लाल मृदभांड प्राप्त हुए थे।
  • इसके तत्पश्चात् निचले तलों में मौर्य पूर्व मृदभांडों तथा प्रस्तरोपकरणों के अवशेष मिले।
  • प्रकाश में प्राप्त चित्रित मृदभांड नगदा तथा महेश्वर से मिलने वाले मृदभांडों (माहिष्मती मृदभांडों) के समान ही हैं।
  • उपर्युक्त संस्था के संचालक श्री पंड्या के मत में ये मृदभांड हड़प्पा पूर्व संस्कृति (अर्थात् सिन्ध-बलूचिस्तान की अमरी-जोब नामक संस्कृति) से संबंधित है।
  • अमरी-जोब सभ्यता के लोगों को, मोहन जोदड़ो तथा हड़प्पा निवासियों के भारत में आगमन के कारण, सिंध-बलूचिस्तान से पूर्व की ओर अग्रसर होना पड़ा था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार |पृष्ठ संख्या: 580 |


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