रामगढ़, अम्बिकापुर: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) (''''रामगढ़''' छत्तीसगढ़ राज्य के अम्बिकापुर का ऐतिहा...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "विद्वान " to "विद्वान् ") |
||
(5 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=रामगढ़|लेख का नाम=रामगढ़ (बहुविकल्पी)}} | |||
{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय | |||
|चित्र=Sita-Bengra-Caves-Ramgarh.jpg | |||
|चित्र का नाम=सीताबेंगरा गुफ़ा, रामगढ़ | |||
|विवरण='रामगढ़' [[छत्तीसगढ़]] के ऐतिहासिक स्थानों में गिना जाता है। इसका सम्बन्ध [[कालीदास|महाकवि कालीदास]] से भी है। | |||
|शीर्षक 1=अन्य नाम | |||
|पाठ 1=रामगिरि | |||
|शीर्षक 2=राज्य | |||
|पाठ 2=[[छत्तीसगढ़]] | |||
|शीर्षक 3=स्थिति | |||
|पाठ 3=[[अम्बिकापुर]]-[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] मार्ग पर स्थित। | |||
|शीर्षक 4= | |||
|पाठ 4= | |||
|शीर्षक 5= | |||
|पाठ 5= | |||
|शीर्षक 6= | |||
|पाठ 6= | |||
|शीर्षक 7= | |||
|पाठ 7= | |||
|शीर्षक 8= | |||
|पाठ 8= | |||
|शीर्षक 9= | |||
|पाठ 9= | |||
|शीर्षक 10=विशेष | |||
|पाठ 10=भगवान [[राम]] एवं [[कालिदास|महाकवि कालिदास]] से सम्बन्धित होने के कारण यह शोध का केन्द्र बना हुआ है। | |||
|संबंधित लेख= | |||
|अन्य जानकारी=माना जाता है कि यहीं बैठकर [[कालीदास]] ने '[[मेघदूतम्|मेघदूत]]' की रचना की थी। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''रामगढ़''' [[छत्तीसगढ़|छत्तीसगढ़ राज्य]] के [[अम्बिकापुर]] का ऐतिहासिक स्थल है। यह अम्बिकापुर-[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] मार्ग पर स्थित है। इसे 'रामगिरि' भी कहा जाता है। | |||
*रामगढ़ किसी [[पर्वत]] की तरह दिखाई देता है। भगवान [[राम]] एवं [[कालिदास|महाकवि कालिदास]] से सम्बन्धित होने के कारण यह शोध का केन्द्र बना हुआ है। | |||
*एक प्राचीन मान्यता के अनुसार भगवान राम अपने भाई [[लक्ष्मण]] और पत्नी [[सीता]] के साथ वनवास काल के दौरान रामगढ़ में रहे थे। | |||
*इसी स्थान पर राम के तापस वेश के कारण '[[जोगीमारा गुफ़ाएँ|जोगीमारा]]', सीता के नाम पर '[[सीताबेंगरा गुफ़ा|सीताबेंगरा]]' एवं लक्ष्मण के नाम पर 'लक्ष्मण गुफ़ा' भी स्थित है। | |||
*[[संस्कृत]] के विद्वान् रामगढ़ को महाकवि कालिदास की 'रामगढ़ की पहाड़ी' बताते है, जहां बैठकर उन्होंने अपनी कृति '[[मेघदूतम्|मेघदूत]]' की रचना की थी। कालिदास ने 'मेघदूत' में रामगढ़ की पहाड़ी के बारे में जैसा लिखा है, उसकी रूपरेखा आज भी वैसी ही दिखाई देती है। | |||
*यहीं पर विश्व की प्राचीनतम गुफ़ा नाट्यशाला भी स्थित है, इसे 'रामगढ़ नाट्यशाला' कहा जाता है।<ref>{{cite web |url=http://www.helloraipur.com/gallary.php?pid=86 |title=रामगढ़|accessmonthday=11 सितम्बर |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=helloraipur |language= हिन्दी}}</ref> | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक स्थान}}{{छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल}} | {{छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक स्थान}}{{छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल}} |
Latest revision as of 14:41, 6 July 2017
चित्र:Disamb2.jpg रामगढ़ | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- रामगढ़ (बहुविकल्पी) |
रामगढ़, अम्बिकापुर
| |
विवरण | 'रामगढ़' छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक स्थानों में गिना जाता है। इसका सम्बन्ध महाकवि कालीदास से भी है। |
अन्य नाम | रामगिरि |
राज्य | छत्तीसगढ़ |
स्थिति | अम्बिकापुर-बिलासपुर मार्ग पर स्थित। |
विशेष | भगवान राम एवं महाकवि कालिदास से सम्बन्धित होने के कारण यह शोध का केन्द्र बना हुआ है। |
अन्य जानकारी | माना जाता है कि यहीं बैठकर कालीदास ने 'मेघदूत' की रचना की थी। |
रामगढ़ छत्तीसगढ़ राज्य के अम्बिकापुर का ऐतिहासिक स्थल है। यह अम्बिकापुर-बिलासपुर मार्ग पर स्थित है। इसे 'रामगिरि' भी कहा जाता है।
- रामगढ़ किसी पर्वत की तरह दिखाई देता है। भगवान राम एवं महाकवि कालिदास से सम्बन्धित होने के कारण यह शोध का केन्द्र बना हुआ है।
- एक प्राचीन मान्यता के अनुसार भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ वनवास काल के दौरान रामगढ़ में रहे थे।
- इसी स्थान पर राम के तापस वेश के कारण 'जोगीमारा', सीता के नाम पर 'सीताबेंगरा' एवं लक्ष्मण के नाम पर 'लक्ष्मण गुफ़ा' भी स्थित है।
- संस्कृत के विद्वान् रामगढ़ को महाकवि कालिदास की 'रामगढ़ की पहाड़ी' बताते है, जहां बैठकर उन्होंने अपनी कृति 'मेघदूत' की रचना की थी। कालिदास ने 'मेघदूत' में रामगढ़ की पहाड़ी के बारे में जैसा लिखा है, उसकी रूपरेखा आज भी वैसी ही दिखाई देती है।
- यहीं पर विश्व की प्राचीनतम गुफ़ा नाट्यशाला भी स्थित है, इसे 'रामगढ़ नाट्यशाला' कहा जाता है।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख