कपूरथला: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''कपूरथला''' पंजाब का एक प्रसिद्ध और प्रमुख शहर है, जो...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "khoj.bharatdiscovery.org" to "bharatkhoj.org") |
||
(3 intermediate revisions by one other user not shown) | |||
Line 2: | Line 2: | ||
{{tocright}} | {{tocright}} | ||
==इतिहास== | ==इतिहास== | ||
कपूरथला राज्य सिंधु-गंगा के मैदानी भाग में पूर्वी पंजाब राज्य संघ का एक [[सिक्ख]] राज्य हुआ करता था, जो जालंधर से आठ मील पश्चिम में [[व्यास नदी]] के किनारे, उत्तर में होशियारपुर ज़िले से लेकर दक्षिण में [[सतलुज नदी]] तक बसा हुआ था।<ref name="aa">{{cite web |url=http:// | कपूरथला राज्य सिंधु-गंगा के मैदानी भाग में पूर्वी पंजाब राज्य संघ का एक [[सिक्ख]] राज्य हुआ करता था, जो जालंधर से आठ मील पश्चिम में [[व्यास नदी]] के किनारे, उत्तर में होशियारपुर ज़िले से लेकर दक्षिण में [[सतलुज नदी]] तक बसा हुआ था।<ref name="aa">{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%95%E0%A4%AA%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A4%A5%E0%A4%B2%E0%A4%BE |title=कपूरथला |accessmonthday=03 मार्च|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> इस राज्य का क्षेत्रफल 652 वर्ग मील तथा जनसंख्या 3,78,380 थी। इसका नाम इसके संस्थापक नवाब कपूर सिंह के नाम पर पड़ा था। बाद में कपूरथला रियासत के राजा फतेह सिंह आहलुवालिया की शाही राजधानी थी। | ||
====पर्यटन स्थल==== | ====पर्यटन स्थल==== | ||
यह शहर अपनी खूबसूरत इमारतों और सड़कों के लिए जाना जाता है। एक समय में इसकी सफाई को देखकर इसे "पंजाब का पेरिस" कहा जाता था। यहाँ पर्यटन की दृष्टि से कई शानदार स्थल हैं, जैसे- | यह शहर अपनी खूबसूरत इमारतों और सड़कों के लिए जाना जाता है। एक समय में इसकी सफाई को देखकर इसे "पंजाब का पेरिस" कहा जाता था। यहाँ पर्यटन की दृष्टि से कई शानदार स्थल हैं, जैसे- | ||
#' | #'[[पंज मंदिर, कपूरथला|पंज मंदिर]]' | ||
#'शालीमार बाग़' | #'[[शालीमार बाग़, कपूरथला|शालीमार बाग़]]' | ||
#'जगतजीत | #'[[जगतजीत पैलेस, कपूरथला|जगतजीत पैलेस]]' | ||
#'[[मूरिश मस्जिद, कपूरथला|मूरिश मस्जिद]]' | |||
#'[[जगतजीत क्लब, कपूरथला|जगतजीत क्लब]]' | |||
#'[[गुरुद्वारा बेर साहिब, कपूरथला|गुरुद्वारा बेर साहिब]]' | |||
महाराज जगतजीत सिंह ने यहाँ बहुत-सी इमारतों का निर्माण करवाया था, जो इसके सुनहरे इतिहास की गवाही देते हैं। | महाराज जगतजीत सिंह ने यहाँ बहुत-सी इमारतों का निर्माण करवाया था, जो इसके सुनहरे इतिहास की गवाही देते हैं। |
Latest revision as of 12:21, 25 October 2017
कपूरथला पंजाब का एक प्रसिद्ध और प्रमुख शहर है, जो जालंधर के पश्चिम में स्थित है। यह कपूरथला ज़िले का मुख्यालय है। यह शहर अपनी खूबसूरत इमारतों और सड़कों के लिए जाना जाता है। एक समय में यहाँ की सफाई को देखकर इसे पंजाब का पेरिस कहा जाता था। महाराज जगतजीत सिंह ने यहाँ बहुत-सी इमारतों का निर्माण करवाया था, जो इसके सुनहरे इतिहास की गवाही देते हैं। कपूरथला को इसकी उपजाऊ भूमि तथा कृषि के लिए भी जाना जाता है।
इतिहास
कपूरथला राज्य सिंधु-गंगा के मैदानी भाग में पूर्वी पंजाब राज्य संघ का एक सिक्ख राज्य हुआ करता था, जो जालंधर से आठ मील पश्चिम में व्यास नदी के किनारे, उत्तर में होशियारपुर ज़िले से लेकर दक्षिण में सतलुज नदी तक बसा हुआ था।[1] इस राज्य का क्षेत्रफल 652 वर्ग मील तथा जनसंख्या 3,78,380 थी। इसका नाम इसके संस्थापक नवाब कपूर सिंह के नाम पर पड़ा था। बाद में कपूरथला रियासत के राजा फतेह सिंह आहलुवालिया की शाही राजधानी थी।
पर्यटन स्थल
यह शहर अपनी खूबसूरत इमारतों और सड़कों के लिए जाना जाता है। एक समय में इसकी सफाई को देखकर इसे "पंजाब का पेरिस" कहा जाता था। यहाँ पर्यटन की दृष्टि से कई शानदार स्थल हैं, जैसे-
महाराज जगतजीत सिंह ने यहाँ बहुत-सी इमारतों का निर्माण करवाया था, जो इसके सुनहरे इतिहास की गवाही देते हैं।
उपजाऊ भूमि
बीच दोआब में पड़ने के कारण कपूरथला की भूमि बहुत उपजाऊ है, किंतु यहाँ नहरें नहीं हैं। वर्षा आवश्यकतानुसार पर्याप्त नहीं होती, अत: कुओं द्वारा सिंचाई करके ही कृषि की जाती है। यह राज्य साधारणत: दो भागों में विभक्त था, जिसका एक भाग व्यास नदी के किनारे उत्तर-पूरब से लेकर दक्षिण-पश्चिम, सतलुज नदी तक फैला था। यह भाग राज्य के शेष भाग से इस्टर वैइन नदी द्वारा विभक्त था। यह भूखंड अपनी अच्छी जलवायु तथा उपजाऊ भूमि के कारण कृषि के लिए विशेष महत्वपूर्ण है।[1]
फ़सलें
इस भाग में कपास, गन्ना, गेहूँ, जौ तथा तंबाकू की अच्छी उपज होती है। राज्य का दूसरा शेष भाग 'भुंग इलाका' था, जिसमें छोटे-छोटे गाँव बसे हुए हैं। यहाँ कुओं द्वारा सिंचाई करके कुछ गेहूँ, जौ उत्पन्न कर लिया जाता है। शिवालिक पर्वत श्रेणी से निकलने वाली छोटी-छोटी तीव्रगामिनी बरसाती नदियों द्वारा इस प्रदेश का संपूर्ण क्षेत्र प्राय: प्रवाहित रहता है, किंतु ये नदियाँ दीर्घजीवी नहीं हैं। अत: सिंचाई के लिए अनुपयुक्त हैं। इस राज्य को पंजाब प्रदेश में सम्मिलित कर लिया गया है।
|
|
|
|
|