अगस्त्याश्रम: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
(3 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''अगस्त्याश्रम''' [[बिहार]] का एक ऐतिहासिक स्थान है। | '''अगस्त्याश्रम''' [[बिहार]] का एक ऐतिहासिक स्थान है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=09-10|url=}}</ref> | ||
*'[[पांडव]] अपनी | |||
*'[[पांडव]] अपनी तीर्थयात्रा के प्रसंग में [[गया]] से आगे चलकर अगस्त्याश्रम पहुंचे थे। यहीं मणिमती नगरी की स्थिति थी। | |||
*शायद यह [[राजगृह]] के निकट स्थित था। | *शायद यह [[राजगृह]] के निकट स्थित था। | ||
*[[अगस्त्यतीर्थ]] जो दक्षिण [[समुद्र]] [[तट]] पर स्थित था इससे भिन्न था। | *[[अगस्त्यतीर्थ]] जो दक्षिण [[समुद्र]] [[तट]] पर स्थित था, इससे भिन्न था। | ||
*जान पड़ता है कि | *जान पड़ता है कि प्राचीन काल में [[अगस्त्य]] के [[आश्रम|आश्रमों]] की परंपरा, बिहार से [[नासिक]] एवं दक्षिण समुद्र तट तक विस्तृत थी। | ||
*पौराणिक साहित्य के अनुसार [[अगस्त्य|अगस्त्य-ऋषि]] ने [[भारत]] की आर्य-सभ्यता का सुदूर दक्षिण तथा | *पौराणिक साहित्य के अनुसार [[अगस्त्य|अगस्त्य-ऋषि]] ने [[भारत]] की आर्य-सभ्यता का सुदूर दक्षिण तथा समुद्र पार के देशों तक प्रचार किया था। | ||
:तत: सम्प्रस्थितो राजा कौंतेयो भूरिदक्षिण: अगस्त्याश्रममासाद्य दुर्जयायामुवास ह।<ref>[[महाभारत]] [[वन पर्व महाभारत|वन पर्व]] 96,1</ref> | :तत: सम्प्रस्थितो राजा कौंतेयो भूरिदक्षिण: अगस्त्याश्रममासाद्य दुर्जयायामुवास ह।<ref>[[महाभारत]] [[वन पर्व महाभारत|वन पर्व]] 96,1</ref> | ||
{{संदर्भ | |||
*एक अन्य मत के अनुसार अगस्त्याश्रम 'इगतपुरी' को कहते हैं। यह नासिक के आगे [[मुंबई]] के समीप जी. आई.पी. रेलवे का एक स्टेशन है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणा प्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=556, परिशिष्ट 'क'|url=}}</ref> | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 9-10| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | |||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{बिहार के ऐतिहासिक स्थान}} | {{बिहार के ऐतिहासिक स्थान}} | ||
[[Category:बिहार]] | [[Category:बिहार]][[Category:बिहार के ऐतिहासिक स्थान]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:पौराणिक_कोश]][[Category:महाभारत]] [[Category:ऐतिहासिक स्थानावली]] | ||
[[Category:बिहार के ऐतिहासिक स्थान]] | |||
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | |||
[[Category:पौराणिक_कोश]] | |||
[[Category:महाभारत]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 09:33, 16 May 2018
अगस्त्याश्रम बिहार का एक ऐतिहासिक स्थान है।[1]
- 'पांडव अपनी तीर्थयात्रा के प्रसंग में गया से आगे चलकर अगस्त्याश्रम पहुंचे थे। यहीं मणिमती नगरी की स्थिति थी।
- शायद यह राजगृह के निकट स्थित था।
- अगस्त्यतीर्थ जो दक्षिण समुद्र तट पर स्थित था, इससे भिन्न था।
- जान पड़ता है कि प्राचीन काल में अगस्त्य के आश्रमों की परंपरा, बिहार से नासिक एवं दक्षिण समुद्र तट तक विस्तृत थी।
- पौराणिक साहित्य के अनुसार अगस्त्य-ऋषि ने भारत की आर्य-सभ्यता का सुदूर दक्षिण तथा समुद्र पार के देशों तक प्रचार किया था।
- तत: सम्प्रस्थितो राजा कौंतेयो भूरिदक्षिण: अगस्त्याश्रममासाद्य दुर्जयायामुवास ह।[2]
- एक अन्य मत के अनुसार अगस्त्याश्रम 'इगतपुरी' को कहते हैं। यह नासिक के आगे मुंबई के समीप जी. आई.पी. रेलवे का एक स्टेशन है।[3]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 9-10| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 09-10 |
- ↑ महाभारत वन पर्व 96,1
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 556, परिशिष्ट 'क' |