तिरुनेल्वेली: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
आदित्य चौधरी (talk | contribs) m (Text replacement - "शृंखला" to "श्रृंखला") |
||
(3 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
[[चित्र:Nellaiyappar-Temple-Tirunelveli.jpg|thumb|250px|निल्लाइयाप्पार मंदिर, तिरुनेल्वेली]] | [[चित्र:Nellaiyappar-Temple-Tirunelveli.jpg|thumb|250px|निल्लाइयाप्पार मंदिर, तिरुनेल्वेली]] | ||
तिरुनेल्वेली शहर, तिन्नेवेल्लि भी कहलाता है। तिरुनेल्वेली दक्षिणी [[भारत]] के दक्षिणी [[तमिलनाडु]] राज्य में स्थित है। तिरुनेल्वेली | तिरुनेल्वेली शहर, तिन्नेवेल्लि भी कहलाता है। तिरुनेल्वेली दक्षिणी [[भारत]] के दक्षिणी [[तमिलनाडु]] राज्य में स्थित है। तिरुनेल्वेली तांम्रपर्णी नदी के तट पर पालयंकोट्टै (पालमकोट्टा) शहर के ऊपर की ओर स्थित है। इसके नाम की उत्पत्ति तमिल शब्दों तिरु (पवित्र), नेल (धान) और वेलि (घेरा या बाड़ा) से हुई है, जिससे एक मिथक जुड़ा है कि यहाँ भक्तों के धान की फ़सल की रक्षा [[शिव]] करते हैं। | ||
==उद्योग और व्यापार== | ==उद्योग और व्यापार== | ||
[[पांड्य साम्राज्य|पांड्य वंश]] के दौरान तिरुनेल्वेली शहर एक वाणिज्य केंद्र था। तांब्रपर्णी नदी पर बने पापनासम बांध से बिजली की आपूर्ति होने से यह एक औद्योगिक शहर बन गया है। इसे [[वस्त्र]], सिंगार और [[आभूषण]] के निर्माण में विशिष्टता प्राप्त है। इस क्षेत्र के प्रमुख बड़े उद्योगों में सूती वस्त्र की मिलें हैं। 1542 में सेंट फ़ांसिस ज़ेवियर के पहुँचने और धर्मांतरण की शुरुआत करने के बाद से यह क्षेत्र स्थानीय आबादी में ईसाई मिशनरियों की गतिविधियों का मुख्य केंद्र रहा है। | [[पांड्य साम्राज्य|पांड्य वंश]] के दौरान तिरुनेल्वेली शहर एक वाणिज्य केंद्र था। तांब्रपर्णी नदी पर बने पापनासम बांध से बिजली की आपूर्ति होने से यह एक औद्योगिक शहर बन गया है। इसे [[वस्त्र]], सिंगार और [[आभूषण]] के निर्माण में विशिष्टता प्राप्त है। इस क्षेत्र के प्रमुख बड़े उद्योगों में सूती वस्त्र की मिलें हैं। 1542 में सेंट फ़ांसिस ज़ेवियर के पहुँचने और धर्मांतरण की शुरुआत करने के बाद से यह क्षेत्र स्थानीय आबादी में ईसाई मिशनरियों की गतिविधियों का मुख्य केंद्र रहा है। | ||
Line 25: | Line 25: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{तमिलनाडु के नगर}}{{तमिलनाडु के पर्यटन स्थल}} | {{तमिलनाडु के नगर}}{{तमिलनाडु के पर्यटन स्थल}} | ||
[[Category:तमिलनाडु]] | [[Category:तमिलनाडु]] | ||
[[Category:तमिलनाडु_के_नगर]] | [[Category:तमिलनाडु_के_नगर]] |
Latest revision as of 10:18, 9 February 2021
thumb|250px|निल्लाइयाप्पार मंदिर, तिरुनेल्वेली तिरुनेल्वेली शहर, तिन्नेवेल्लि भी कहलाता है। तिरुनेल्वेली दक्षिणी भारत के दक्षिणी तमिलनाडु राज्य में स्थित है। तिरुनेल्वेली तांम्रपर्णी नदी के तट पर पालयंकोट्टै (पालमकोट्टा) शहर के ऊपर की ओर स्थित है। इसके नाम की उत्पत्ति तमिल शब्दों तिरु (पवित्र), नेल (धान) और वेलि (घेरा या बाड़ा) से हुई है, जिससे एक मिथक जुड़ा है कि यहाँ भक्तों के धान की फ़सल की रक्षा शिव करते हैं।
उद्योग और व्यापार
पांड्य वंश के दौरान तिरुनेल्वेली शहर एक वाणिज्य केंद्र था। तांब्रपर्णी नदी पर बने पापनासम बांध से बिजली की आपूर्ति होने से यह एक औद्योगिक शहर बन गया है। इसे वस्त्र, सिंगार और आभूषण के निर्माण में विशिष्टता प्राप्त है। इस क्षेत्र के प्रमुख बड़े उद्योगों में सूती वस्त्र की मिलें हैं। 1542 में सेंट फ़ांसिस ज़ेवियर के पहुँचने और धर्मांतरण की शुरुआत करने के बाद से यह क्षेत्र स्थानीय आबादी में ईसाई मिशनरियों की गतिविधियों का मुख्य केंद्र रहा है।
कृषि और खनिज
यहाँ तांब्रपर्णी नदी चावल व कपास की फ़सलों को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराती है।
भूगोल
तिरुनेल्वेली तांब्रपर्णी नदी की उर्वर, जलोढ़ घाटी में स्थित है, जो पश्चिमी घाट की पर्वत श्रृंखलाओं से निकलकर पूर्व की ओर बहते हुए अंतत: मन्नार की खाड़ी में मिल जाती है।
शिक्षण संस्था
यहाँ वाहन (मोटर) कार्यशालाएँ और मनोन्मणियम सुंदरनार विश्वविद्यालय हैं।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 4,11,298 है और ज़िले की कुल जनसंख्या 28,01,194 है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख