भूषणयोजन कला: Difference between revisions
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Latest revision as of 08:52, 17 July 2017
जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। इस कला के अन्तर्गत आभूषणों को धारण करना, जिनका प्रयोग अधिकतर स्त्रियाँ करती है और ईश्वर के श्रृंगार के रूप में भी किया जाता है।