ईश्वर लाट: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''ईश्वर लाट''' राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर में ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m (Text replacement - "स्वरुप" to "स्वरूप")
 
(3 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 1: Line 1:
'''ईश्वर लाट''' [[राजस्थान]] राज्य की राजधानी [[जयपुर]] में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है।  
'''ईश्वर लाट''' [[राजस्थान]] राज्य की राजधानी [[जयपुर]] में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है।
 
* त्रिपोलिया से चांदपोल की ओर जाने वाली सड़क पर, त्रिपोलिया से लगभग 200 गज की दूरी पर ईश्वरलाट नामक सात मंजिली अठकोणी इमारत है।  
* त्रिपोलिया से चांदपोल की ओर जाने वाली सड़क पर, त्रिपोलिया से लगभग 200 गज की दूरी पर ईश्वरलाट नामक सात मंजिली अठकोणी इमारत है।  
* इसे सर्गाशुली भी कहते हैं। कुछ लोग इसे जयस्तम्भ भी कहते हैं।  
* इसे सर्गाशुली भी कहते हैं। कुछ लोग इसे जयस्तम्भ भी कहते हैं।  
* जयस्तम्भ बताने वालों का कहना है कि महाराजा ईश्वरीसिंह ने इसे अपने सौतेले भाई माधोसिंह पर विजय प्राप्त करने पर यादगार स्वरुप बनवाया था।  
* जयस्तम्भ बताने वालों का कहना है कि [[ईश्वरीसिंह|महाराजा ईश्वरीसिंह]] ने इसे अपने सौतेले भाई [[माधोसिंह]] पर विजय प्राप्त करने पर यादगार स्वरूप बनवाया था।  
* कुछ का यह भी कहना है कि ईश्वरीसिंह ने अपने मंत्री हरगोविन्द नारायणी की पुत्री को अपनी प्रेमिका बना रखा था। उसको प्रतिदिन देखने के लिए इस लाट को बनाया गया था।
* कुछ का यह भी कहना है कि ईश्वरीसिंह ने अपने मंत्री हरगोविन्द नारायणी की पुत्री को अपनी प्रेमिका बना रखा था। उसको प्रतिदिन देखने के लिए इस लाट को बनाया गया था।


Line 13: Line 14:
*[http://www.ignca.nic.in/coilnet/rj036.htm#shaasan  जयपुर राज्य: भौगोलिक एवं आर्थिक विवरण]
*[http://www.ignca.nic.in/coilnet/rj036.htm#shaasan  जयपुर राज्य: भौगोलिक एवं आर्थिक विवरण]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}}
{{राजस्थान के ऐतिहासिक स्थान}}
[[Category:राजस्थान]]
[[Category:राजस्थान]]
[[Category:राजस्थान के ऐतिहासिक स्थान]]
[[Category:राजस्थान के ऐतिहासिक स्थान]]

Latest revision as of 13:18, 29 October 2017

ईश्वर लाट राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है।

  • त्रिपोलिया से चांदपोल की ओर जाने वाली सड़क पर, त्रिपोलिया से लगभग 200 गज की दूरी पर ईश्वरलाट नामक सात मंजिली अठकोणी इमारत है।
  • इसे सर्गाशुली भी कहते हैं। कुछ लोग इसे जयस्तम्भ भी कहते हैं।
  • जयस्तम्भ बताने वालों का कहना है कि महाराजा ईश्वरीसिंह ने इसे अपने सौतेले भाई माधोसिंह पर विजय प्राप्त करने पर यादगार स्वरूप बनवाया था।
  • कुछ का यह भी कहना है कि ईश्वरीसिंह ने अपने मंत्री हरगोविन्द नारायणी की पुत्री को अपनी प्रेमिका बना रखा था। उसको प्रतिदिन देखने के लिए इस लाट को बनाया गया था।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख