अदोनी: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "khoj.bharatdiscovery.org" to "bharatkhoj.org") |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''अदोनी''' अथवा '''आदोनी''' शहर पश्चिमी [[आंध्र प्रदेश]] राज्य, [[दक्षिण भारत|दक्षिणी भारत]] में स्थित है। [[हैदराबाद]] से 225 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में [[चेन्नई]]-[[मुंबई]] (भूतपूर्व मद्रास-बंबई) रेलमार्ग पर स्थित अदोनी एक समय [[मध्यकाल]] के शक्तिशाली हिन्दू राज्य विजयनगर के शासकों का गठ हुआ करता था। बाद में 1792 तक इस पर मुसलमानों का नियंत्रण रहा। यह [[आंध्र प्रदेश]] के [[कुरनूल ज़िला|कर्नूल जिले]] का एक ताल्लुक तथा नगर है। | '''अदोनी''' अथवा '''आदोनी''' शहर पश्चिमी [[आंध्र प्रदेश]] राज्य, [[दक्षिण भारत|दक्षिणी भारत]] में स्थित है। [[हैदराबाद]] से 225 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में [[चेन्नई]]-[[मुंबई]] (भूतपूर्व मद्रास-बंबई) रेलमार्ग पर स्थित अदोनी एक समय [[मध्यकाल]] के शक्तिशाली हिन्दू राज्य विजयनगर के शासकों का गठ हुआ करता था। बाद में 1792 तक इस पर मुसलमानों का नियंत्रण रहा। यह [[आंध्र प्रदेश]] के [[कुरनूल ज़िला|कर्नूल जिले]] का एक ताल्लुक तथा नगर है। | ||
==इतिहास== | ==इतिहास== | ||
यहाँ पर 14वीं शताब्दी के [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] नरेशों का एक प्रसिद्ध [[दुर्ग]] चट्टानी पहाड़ों के ऊपर स्थित है। 1568 ई. में [[बीजापुर]] के [[सुल्तान]] ने इसकी अपने अधीन कर लिया। तब से यह [[मुसलमान|मुसलमानों]] के आधिपत्य में रहा तथा सन् 1800 ई. में [[अंग्रेज़|अंग्रेजों]] के अधिकार में चला गया। इस प्रसिद्ध दुर्ग के [[अवशेष]] पाँच पहाड़ियों पर स्थित हैं तथा पर्याप्त क्षेत्रफल घेरे हुए हैं। इन पाँच में से दो पहाड़ियों के नाम क्रमश बाराखिला तथा तालीबंदा है। बाराखिला के शिखर पर प्राचीन शस्त्रों के रखने का स्थान तथा एक अद्भुत शिलातोप है। इस दुर्ग के नीचे अदोनी नगर बसा हुआ है। 1792 में इस पर क़ब्ज़े के लिए [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] और [[टीपू सुल्तान]] में युद्ध हुआ, जिसके परिणामस्वरूप यह हैदराबाद के निज़ाम के हाथ में चला गया। 1680 में यहाँ एक भव्य मस्जिद (जामी मस्जिद) का निर्माण किया गया।<ref>{{cite web |url=http:// | यहाँ पर 14वीं शताब्दी के [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] नरेशों का एक प्रसिद्ध [[दुर्ग]] चट्टानी पहाड़ों के ऊपर स्थित है। 1568 ई. में [[बीजापुर]] के [[सुल्तान]] ने इसकी अपने अधीन कर लिया। तब से यह [[मुसलमान|मुसलमानों]] के आधिपत्य में रहा तथा सन् 1800 ई. में [[अंग्रेज़|अंग्रेजों]] के अधिकार में चला गया। इस प्रसिद्ध दुर्ग के [[अवशेष]] पाँच पहाड़ियों पर स्थित हैं तथा पर्याप्त क्षेत्रफल घेरे हुए हैं। इन पाँच में से दो पहाड़ियों के नाम क्रमश बाराखिला तथा तालीबंदा है। बाराखिला के शिखर पर प्राचीन शस्त्रों के रखने का स्थान तथा एक अद्भुत शिलातोप है। इस दुर्ग के नीचे अदोनी नगर बसा हुआ है। 1792 में इस पर क़ब्ज़े के लिए [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] और [[टीपू सुल्तान]] में युद्ध हुआ, जिसके परिणामस्वरूप यह हैदराबाद के निज़ाम के हाथ में चला गया। 1680 में यहाँ एक भव्य मस्जिद (जामी मस्जिद) का निर्माण किया गया।<ref>{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%85%E0%A4%A6%E0%A5%8B%E0%A4%A8%E0%A5%80 |title=अदोनी |accessmonthday= 24 नवंबर|accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज |language= हिंदी}} </ref> | ||
नगर 15° 38'' उत्तरी अक्षांश तथा 77° 17'' पूर्वी देशांतर पर, [[मद्रास]] से 307 मील दूर, [[बैंगलोर]] से सिकंदराबाद जाने वाले [[राष्ट्रीय राजमार्ग|राजमार्ग]] पर स्थित है तथा गुंटकल जंकशन से रेलमार्ग द्वारा संबद्ध है। | ==भौगोलिक स्थिति== | ||
नगर 15° 38'' उत्तरी अक्षांश तथा 77° 17'' पूर्वी देशांतर पर, [[मद्रास]] से 307 मील दूर, [[बैंगलोर]] से सिकंदराबाद जाने वाले [[राष्ट्रीय राजमार्ग|राजमार्ग]] पर स्थित है तथा गुंटकल जंकशन से रेलमार्ग द्वारा संबद्ध है। | |||
==उद्योग एवं व्यवसाय== | ==उद्योग एवं व्यवसाय== | ||
यह एक औद्योगिक केंद्र है। कपास व्यापार, रुई से सूत तैयार करने के एवं रेशम बुनाई के कारखानों का यहाँ आधिक्य है। [[रंग]] और टिकाऊपन की दृष्टि से यहाँ से सूती कालीन प्रसिद्ध हैं। 1867 ई. में यहाँ नगरपालिका स्थापित हुई। शहर में टी. जी. एल. जी पॉलीटेक्निक और अदोनी आटर्स ऐंड सांइस कॉलेज स्थित है। | यह एक औद्योगिक केंद्र है। कपास व्यापार, रुई से सूत तैयार करने के एवं रेशम बुनाई के कारखानों का यहाँ आधिक्य है। [[रंग]] और टिकाऊपन की दृष्टि से यहाँ से सूती कालीन प्रसिद्ध हैं। 1867 ई. में यहाँ नगरपालिका स्थापित हुई। शहर में टी. जी. एल. जी पॉलीटेक्निक और अदोनी आटर्स ऐंड सांइस कॉलेज स्थित है। |
Latest revision as of 12:30, 25 October 2017
अदोनी अथवा आदोनी शहर पश्चिमी आंध्र प्रदेश राज्य, दक्षिणी भारत में स्थित है। हैदराबाद से 225 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में चेन्नई-मुंबई (भूतपूर्व मद्रास-बंबई) रेलमार्ग पर स्थित अदोनी एक समय मध्यकाल के शक्तिशाली हिन्दू राज्य विजयनगर के शासकों का गठ हुआ करता था। बाद में 1792 तक इस पर मुसलमानों का नियंत्रण रहा। यह आंध्र प्रदेश के कर्नूल जिले का एक ताल्लुक तथा नगर है।
इतिहास
यहाँ पर 14वीं शताब्दी के विजयनगर नरेशों का एक प्रसिद्ध दुर्ग चट्टानी पहाड़ों के ऊपर स्थित है। 1568 ई. में बीजापुर के सुल्तान ने इसकी अपने अधीन कर लिया। तब से यह मुसलमानों के आधिपत्य में रहा तथा सन् 1800 ई. में अंग्रेजों के अधिकार में चला गया। इस प्रसिद्ध दुर्ग के अवशेष पाँच पहाड़ियों पर स्थित हैं तथा पर्याप्त क्षेत्रफल घेरे हुए हैं। इन पाँच में से दो पहाड़ियों के नाम क्रमश बाराखिला तथा तालीबंदा है। बाराखिला के शिखर पर प्राचीन शस्त्रों के रखने का स्थान तथा एक अद्भुत शिलातोप है। इस दुर्ग के नीचे अदोनी नगर बसा हुआ है। 1792 में इस पर क़ब्ज़े के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी और टीपू सुल्तान में युद्ध हुआ, जिसके परिणामस्वरूप यह हैदराबाद के निज़ाम के हाथ में चला गया। 1680 में यहाँ एक भव्य मस्जिद (जामी मस्जिद) का निर्माण किया गया।[1]
भौगोलिक स्थिति
नगर 15° 38 उत्तरी अक्षांश तथा 77° 17 पूर्वी देशांतर पर, मद्रास से 307 मील दूर, बैंगलोर से सिकंदराबाद जाने वाले राजमार्ग पर स्थित है तथा गुंटकल जंकशन से रेलमार्ग द्वारा संबद्ध है।
उद्योग एवं व्यवसाय
यह एक औद्योगिक केंद्र है। कपास व्यापार, रुई से सूत तैयार करने के एवं रेशम बुनाई के कारखानों का यहाँ आधिक्य है। रंग और टिकाऊपन की दृष्टि से यहाँ से सूती कालीन प्रसिद्ध हैं। 1867 ई. में यहाँ नगरपालिका स्थापित हुई। शहर में टी. जी. एल. जी पॉलीटेक्निक और अदोनी आटर्स ऐंड सांइस कॉलेज स्थित है।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार अदोनी की कुल जनसंख्या 1,55,969 है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख