टर्निंग प्वॉइंट्स -अब्दुल कलाम: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - " अनके " to " अनेक ") |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 25: | Line 25: | ||
<blockquote>‘‘वह एक सामान्य-सा दिन था - चेन्नई की अन्ना यूनीवर्सिटी के परिसर में ‘संकल्पना के लक्ष्य तक’ विषय पर मेरा व्याख्यान हुआ था जो एक घंटे से बढ़कर दो घंटे का हो गया था। उसके बाद मैंने शोध छात्रों के साथ भोजन किया और फिर क्लास में गया। शाम को जब अपने कमरे में लौट रहा था, वाइस-चांसलर प्रोफेसर ए. क्लानिधि भी मेरे साथ थे। उन्होंने मुझे बताया कि दिन भर कोई मुझसे संपर्क करने की कोशिश करता रहा। जैसे ही मैं कमरे में घुसा, फोन बज रहा था। फ़ोन उठाने पर उधर से आवाज़ आई, ‘प्रधानमंत्री आपसे बात करना चाहते हैं’। कुछ ही महीने पहले मैंने कैबिनट स्तर का मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार का अपना पद छोड़ा था ताकि मैं अध्यापन के अपने काम की ओर लौट सकूँ। जैसे ही मैंने प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी से बात की, मेरे जीवन ने एक नया मोड़ लिया।’’- '''कलाम'''</blockquote> | <blockquote>‘‘वह एक सामान्य-सा दिन था - चेन्नई की अन्ना यूनीवर्सिटी के परिसर में ‘संकल्पना के लक्ष्य तक’ विषय पर मेरा व्याख्यान हुआ था जो एक घंटे से बढ़कर दो घंटे का हो गया था। उसके बाद मैंने शोध छात्रों के साथ भोजन किया और फिर क्लास में गया। शाम को जब अपने कमरे में लौट रहा था, वाइस-चांसलर प्रोफेसर ए. क्लानिधि भी मेरे साथ थे। उन्होंने मुझे बताया कि दिन भर कोई मुझसे संपर्क करने की कोशिश करता रहा। जैसे ही मैं कमरे में घुसा, फोन बज रहा था। फ़ोन उठाने पर उधर से आवाज़ आई, ‘प्रधानमंत्री आपसे बात करना चाहते हैं’। कुछ ही महीने पहले मैंने कैबिनट स्तर का मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार का अपना पद छोड़ा था ताकि मैं अध्यापन के अपने काम की ओर लौट सकूँ। जैसे ही मैंने प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी से बात की, मेरे जीवन ने एक नया मोड़ लिया।’’- '''कलाम'''</blockquote> | ||
‘टर्निंग प्वॉइंट्स’ पूर्व राष्ट्रपति कलाम की अतुल्य कहानी है जो वहां से शुरु होती है, जहाँ उनकी आत्मकथा का पहला भाग ‘विंग्स ऑफ फायर’ ठहर गया था। यह कहानी | ‘टर्निंग प्वॉइंट्स’ पूर्व राष्ट्रपति कलाम की अतुल्य कहानी है जो वहां से शुरु होती है, जहाँ उनकी आत्मकथा का पहला भाग ‘विंग्स ऑफ फायर’ ठहर गया था। यह कहानी अनेक जीवन और राष्ट्रपतित्व-काल के कुछ ऐसे पहलू उजागर करती है जो अब तक अनजाने रहे हैं। कई विवादास्पद मुद्दों पर भी पहली बार उन्होंने अपना बयान दिया है। यह केवल एक असाधारण व्यक्ति की जीवन-गाथा नहीं है, बल्कि एक संकल्पना का दर्शन भी है कि कैसे एक भव्य विरासत वाला देश, अपनी दक्षता, योग्यता, प्रयास और दृढ़ विश्वास के सहारे महान् बन सकता है।<ref>{{cite web |url=http://www.orientpaperbacks.com/books/%E0%A4%9F%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%97-%E0%A4%AA%E0%A5%89%E0%A4%87%E0%A4%82%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B8.html |title=टर्निंग प्वॉइंट्स |accessmonthday=14 दिसम्बर |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=Orient Publishing |language=हिंदी }}</ref> | ||
देश-विदेश के लाखों युवाओं के आदर्श और प्रेरणास्रोत, भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम सर्वाधिक लोकप्रिय रहे हैं। उनकी लिखी पुस्तकें ‘विंग्स ऑफ फायर’, ‘इनडोमिचेबल स्पिरिट’, ‘स्पिरिट ऑफ इंडिया’, ‘इग्नाइटिड माइंड्स’ बैस्टसैलर रही हैं।<ref>{{cite web |url=http://pustak.org/home.php?bookid=8101 |title=टर्निंग प्वॉइंट्स |accessmonthday=14 दिसम्बर |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतीय साहित्य संग्रह |language=हिंदी }}</ref> | देश-विदेश के लाखों युवाओं के आदर्श और प्रेरणास्रोत, भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम सर्वाधिक लोकप्रिय रहे हैं। उनकी लिखी पुस्तकें ‘विंग्स ऑफ फायर’, ‘इनडोमिचेबल स्पिरिट’, ‘स्पिरिट ऑफ इंडिया’, ‘इग्नाइटिड माइंड्स’ बैस्टसैलर रही हैं।<ref>{{cite web |url=http://pustak.org/home.php?bookid=8101 |title=टर्निंग प्वॉइंट्स |accessmonthday=14 दिसम्बर |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतीय साहित्य संग्रह |language=हिंदी }}</ref> |
Latest revision as of 14:00, 29 October 2017
टर्निंग प्वॉइंट्स -अब्दुल कलाम
| |
लेखक | अब्दुल कलाम |
मूल शीर्षक | टर्निंग प्वॉइंट्स |
प्रकाशक | राजपाल एंड सन्स |
प्रकाशन तिथि | 1 जनवरी, 2012 |
ISBN | 9789350640999 |
देश | भारत |
पृष्ठ: | 158 |
भाषा | हिंदी |
टर्निंग प्वॉइंट्स भारत के ग्याहरवें राष्ट्रपति और 'मिसाइल मैन' के नाम से प्रसिद्ध 'ए.पी.जे. अब्दुल कलाम' की चर्चित पुस्तक है। ए. पी. जे. अब्दुल कलाम 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे और इन पाँच वर्षों के अनुभवों और चुनौतियों की कहानी है ‘टर्निंग प्वॉइंट्स’। राजनीतिक मुद्दों, संस्मरणों, रोचक प्रसंगों और भारत को 2020 तक समृद्ध और विकसित बनाने की कार्य-योजना का पूरा ब्योरा देती है यह पुस्तक। चुनौतियों-भरा एक सफ़र "विंग्स ऑफ फायर" का अगला भाग
‘‘वह एक सामान्य-सा दिन था - चेन्नई की अन्ना यूनीवर्सिटी के परिसर में ‘संकल्पना के लक्ष्य तक’ विषय पर मेरा व्याख्यान हुआ था जो एक घंटे से बढ़कर दो घंटे का हो गया था। उसके बाद मैंने शोध छात्रों के साथ भोजन किया और फिर क्लास में गया। शाम को जब अपने कमरे में लौट रहा था, वाइस-चांसलर प्रोफेसर ए. क्लानिधि भी मेरे साथ थे। उन्होंने मुझे बताया कि दिन भर कोई मुझसे संपर्क करने की कोशिश करता रहा। जैसे ही मैं कमरे में घुसा, फोन बज रहा था। फ़ोन उठाने पर उधर से आवाज़ आई, ‘प्रधानमंत्री आपसे बात करना चाहते हैं’। कुछ ही महीने पहले मैंने कैबिनट स्तर का मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार का अपना पद छोड़ा था ताकि मैं अध्यापन के अपने काम की ओर लौट सकूँ। जैसे ही मैंने प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी से बात की, मेरे जीवन ने एक नया मोड़ लिया।’’- कलाम
‘टर्निंग प्वॉइंट्स’ पूर्व राष्ट्रपति कलाम की अतुल्य कहानी है जो वहां से शुरु होती है, जहाँ उनकी आत्मकथा का पहला भाग ‘विंग्स ऑफ फायर’ ठहर गया था। यह कहानी अनेक जीवन और राष्ट्रपतित्व-काल के कुछ ऐसे पहलू उजागर करती है जो अब तक अनजाने रहे हैं। कई विवादास्पद मुद्दों पर भी पहली बार उन्होंने अपना बयान दिया है। यह केवल एक असाधारण व्यक्ति की जीवन-गाथा नहीं है, बल्कि एक संकल्पना का दर्शन भी है कि कैसे एक भव्य विरासत वाला देश, अपनी दक्षता, योग्यता, प्रयास और दृढ़ विश्वास के सहारे महान् बन सकता है।[1]
देश-विदेश के लाखों युवाओं के आदर्श और प्रेरणास्रोत, भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम सर्वाधिक लोकप्रिय रहे हैं। उनकी लिखी पुस्तकें ‘विंग्स ऑफ फायर’, ‘इनडोमिचेबल स्पिरिट’, ‘स्पिरिट ऑफ इंडिया’, ‘इग्नाइटिड माइंड्स’ बैस्टसैलर रही हैं।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ टर्निंग प्वॉइंट्स (हिंदी) Orient Publishing। अभिगमन तिथि: 14 दिसम्बर, 2013।
- ↑ टर्निंग प्वॉइंट्स (हिंदी) भारतीय साहित्य संग्रह। अभिगमन तिथि: 14 दिसम्बर, 2013।
संबंधित लेख