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'''विशेष''' - प्राचीन काल में राजा लोग विशेष प्रकार के अपराधियों के मस्तक पर कई तरह के चिह्न गरम लोहे से दाग देते थे। इसी से आजकल भी किसी घोर अपराधी को, जो कई | '''विशेष''' - प्राचीन काल में राजा लोग विशेष प्रकार के अपराधियों के मस्तक पर कई तरह के चिह्न गरम [[लोहा|लोहे]] से दाग देते थे। इसी से आजकल भी किसी घोर अपराधी को, जो कई बार सजा पा चुका हो, 'दागी' कहते हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=04|url=|ISBN=}}</ref> | ||
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Latest revision as of 13:01, 2 January 2020
1. दागने योग्य अपराधी।
विशेष - प्राचीन काल में राजा लोग विशेष प्रकार के अपराधियों के मस्तक पर कई तरह के चिह्न गरम लोहे से दाग देते थे। इसी से आजकल भी किसी घोर अपराधी को, जो कई बार सजा पा चुका हो, 'दागी' कहते हैं।[1]
2. मृदंग, तबला, पखावज आदि बाजे, जो अंक रखकर बजाए जाएं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 04 |