पश्चिमी स्टार: Difference between revisions

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==पात्रता अवधि==
==पात्रता अवधि==
पात्रता की अवधि [[3 दिसंबर]] [[1971]] से [[20 दिसंबर]] [[1972]] तक होगी (दोनों दिन शामिल हैं)।
पात्रता की अवधि [[3 दिसंबर]] [[1971]] से [[20 दिसंबर]] [[1972]] तक थी।
==पदक और फीता==
==पदक और फीता==
पदक प्रवणित किरणों के साथ पांच बिंदुओं वाले सितारे की आकार वाला यह पदक टोम्बेक कांस्य का बना होता है, जिसके एक बिंदु के आर-पार लंबाई 40 मि.मी. होती है, और इसके ऊपरी सिरे पर रिबन के लिए एक छल्ला बना होता है। इसके अग्र-भाग पर केंद्र में आदर्श वाक्य के ऊपर राजकीय चिह्न बना होता है, जिसमें राजकीय चिह्न के चारों ओर एक वृत्ताकार पट्टी (जिसकी चौड़ाई 2 मि.मी. और व्यास 20 मि.मी. है) बनी होती है, जो शेरों के शीर्ष भाग पर खंडित होती है। इस पट्टी पर राजकीय चिह्न के दोनों तरफ उभरे अक्षरों में “पश्चिमी स्टार” उत्कीर्ण होता है। इस पदक का पृष्ठभाग सपाट होता है।<ref>{{cite web |url= https://www.indiannavy.nic.in/hi/content/medals-and-honours|title=पदक एवं सम्‍मान|accessmonthday=27 मई|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=indiannavy.nic.in |language=हिंदी}}</ref>
पदक प्रवणित किरणों के साथ पांच बिंदुओं वाले सितारे की आकार वाला यह पदक टोम्बेक कांस्य का बना होता है, जिसके एक बिंदु के आर-पार लंबाई 40 मि.मी. होती है, और इसके ऊपरी सिरे पर रिबन के लिए एक छल्ला बना होता है। इसके अग्र-भाग पर केंद्र में आदर्श वाक्य के ऊपर राजकीय चिह्न बना होता है, जिसमें राजकीय चिह्न के चारों ओर एक वृत्ताकार पट्टी (जिसकी चौड़ाई 2 मि.मी. और व्यास 20 मि.मी. है) बनी होती है, जो शेरों के शीर्ष भाग पर खंडित होती है। इस पट्टी पर राजकीय चिह्न के दोनों तरफ उभरे अक्षरों में “पश्चिमी स्टार” उत्कीर्ण होता है। इस पदक का पृष्ठभाग सपाट होता है।<ref>{{cite web |url= https://www.indiannavy.nic.in/hi/content/medals-and-honours|title=पदक एवं सम्‍मान|accessmonthday=27 मई|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=indiannavy.nic.in |language=हिंदी}}</ref>

Latest revision as of 15:20, 27 May 2020

thumb|200px|पश्चिमी स्टार पश्चिमी स्टार (अंग्रेज़ी: Paschimi Star) भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला एक सैन्य पदक था। यह पदक 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय भारत की पश्चिमी सीमाओं पर भागीदारी के लिए भारतीय सशस्त्र बलों के सदस्यों को दिया जाने वाला पदक था।

पात्रता शर्तें एवं श्रेणियाँ

यह सम्मान निम्नलिखित सैन्य बलों के सभी कर्मियों को दिया गया, जिन्होंने भारत की पश्चिमी सीमाओं के आस-पास पाकिस्तानी सैन्य बलों के खिलाफ जमीन पर, समुद्र में अथवा हवा में कार्रवाई में भाग लिया। युद्ध क्षेत्र में एक दिन की सेवा अथवा एक सैन्य आक्रमण के संचालन के दौरान सेवा को इस सम्मान हेतु न्यूनतम योग्यता मानी जाएगी। अर्हक क्षेत्रों में न्यूनतम दस दिनों की सेवा अथवा एक सैन्य आक्रमण के संचालन के दौरान सेवा या चालक दल के सदस्यों के रूप में कुल तीन घंटे की उड़ान को इस योग्य माना जाएगा।

  1. थल सेना, नौसेना, वायुसेना के साथ-साथ किसी भी रिज़र्व बल, प्रादेशिक सेना एवं जम्मू-कश्मीर रक्षक योद्धा तथा संघ के किसी भी अन्य सशस्त्र बलों के सभी रैंकों के कर्मी।
  2. रेलवे सुरक्षा बल, पुलिस बल, गृह रक्षा वाहिनी, नागरिक रक्षा संगठन और सरकार द्वारा निर्दिष्ट किसी भी अन्य संगठन के सभी रैंकों के अधिकारी।
  3. उपर्युक्त सैन्य बलों के आदेश, निर्देशों या पर्यवेक्षण के तहत अंतर्गत नियमित अथवा अस्थाई रूप से सेवा प्रदान करने वाले सभी असैनिक नागरिक।

युद्ध क्षेत्र और अर्हक क्षेत्र

युद्ध क्षेत्र - बिंदु क्षेत्रों के उत्तर में सुईगम-भुज-लखपत-कोरी खाड़ी को जोड़ने वाली रेखा।
अरब सागर और निकटवर्ती समुद्री क्षेत्र तथा हिंद महासागर के पश्चिमी देशांतर में 800 35' पूर्व।

अर्हक क्षेत्र बंदरगाह - रोज़ी, ओखा, पोरबंदर, वेरावल, बॉम्बे, कोचीन, गोवा, दीव, हेड तारापोर, कोयली और आसपास के इलाके।

पात्रता अवधि

पात्रता की अवधि 3 दिसंबर 1971 से 20 दिसंबर 1972 तक थी।

पदक और फीता

पदक प्रवणित किरणों के साथ पांच बिंदुओं वाले सितारे की आकार वाला यह पदक टोम्बेक कांस्य का बना होता है, जिसके एक बिंदु के आर-पार लंबाई 40 मि.मी. होती है, और इसके ऊपरी सिरे पर रिबन के लिए एक छल्ला बना होता है। इसके अग्र-भाग पर केंद्र में आदर्श वाक्य के ऊपर राजकीय चिह्न बना होता है, जिसमें राजकीय चिह्न के चारों ओर एक वृत्ताकार पट्टी (जिसकी चौड़ाई 2 मि.मी. और व्यास 20 मि.मी. है) बनी होती है, जो शेरों के शीर्ष भाग पर खंडित होती है। इस पट्टी पर राजकीय चिह्न के दोनों तरफ उभरे अक्षरों में “पश्चिमी स्टार” उत्कीर्ण होता है। इस पदक का पृष्ठभाग सपाट होता है।[1]

रिबन 32 मि.मी. की चौड़ाई के इस रिबन की पृष्ठभूमि गहरे लाल रंग की होती है, जिस पर 2 मि.मी. की चौड़ाई की तीन सफेद धारियां बनी होती हैं।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पदक एवं सम्‍मान (हिंदी) indiannavy.nic.in। अभिगमन तिथि: 27 मई, 2020।

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