गोविन्द नारायण सिंह: Difference between revisions
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Latest revision as of 11:40, 3 August 2021
गोविन्द नारायण सिंह
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पूरा नाम | गोविन्द नारायण सिंह |
जन्म | 25 जुलाई, 1920 |
जन्म भूमि | रामपुर बघेलान, मध्य प्रदेश |
मृत्यु | 10 मई, 2005 |
अभिभावक | पिता- अवधेश प्रताप सिंह |
पति/पत्नी | पद्यावती देवी |
संतान | पाँच पुत्र, एक पुत्री |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
पद | भूतपूर्व मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश- 30 जुलाई 1967 से 12 मार्च 1969 तक |
शिक्षा | एमए, एलएलबी, पीएचडी |
विद्यालय | बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय |
अन्य जानकारी | गोविन्द नारायण सिंह 1948 में भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिये चुने जाने पर विन्घ्य प्रदेश सरकार के अंतर्गत असिस्टेन्ट रीजनल कमिश्नर के पद पर नियुक्त हुए और कार्यभार ग्रहण करने के दूसरे दिन ही पद त्याग दिया। |
गोविन्द नारायण सिंह (अंग्रेज़ी: Govind Narayan Singh, जन्म- 25 जुलाई, 1920; मृत्यु- 10 मई, 2005) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ तथा मध्य प्रदेश के भूतपूर्व पाँचवें मुख्यमंत्री थे। वह 30 जुलाई 1967 से 12 मार्च 1969 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा 26 फ़रवरी, 1988 से 24 जनवरी, 1989 तक बिहार के राज्यपाल रहे।
परिचय
गोविन्द नारायण सिंह का जन्म 25 जुलाई, 1920 को रामपुर बघेलान मध्य प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम अवधेश प्रताप सिंह था। वे विन्ध्य प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री थे। उनका विवाह मई, 1945 में श्रीमती पद्यावती देवी के साथ हुआ था। वे 5 बेटों और एक बेटी के पिता थे। उनके बेटे हर्ष सिंह पहली बार 1980 में रामपुर बघेलान से विधायक चुने गए और फिर कांग्रेस, बीजेपी और राष्ट्रीय समता दल की टिकट पर चुनाव जीते। सन 1941 में गोविन्द नारायण सिंह क्रांतिकारी गतिविधियों के लिये नजरबन्द कर दिये गए थे। 1942 के अगस्त आन्दोलन से 1944 तक कारावास काटा। 1946 से 1947 के अन्त तक बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में लेक्चरर तथा गवेषणा कार्य भी किया।[1]
शिक्षा
गोविन्द नारायण सिंह जी ने एमए, एलएलबी की पढ़ाई की और उन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से पीएचडी भी किया।
कॅरियर
- सन 1946 से 1947 के अन्त तक गोविन्द नारायण सिंह ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में लेक्चरर तथा गवेषणा कार्य किया।
- 1948 में भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिये चुने जाने पर विन्घ्य प्रदेश सरकार के अंतर्गत असिस्टेन्ट रीजनल कमिश्नर के पद पर नियुक्त हुए और कार्यभार ग्रहण करने के दूसरे दिन ही पद त्याग दिया।
- विद्यार्थी जीवन से ही बनारस में 1941 से 1946 तक विद्यार्थी संघ और विद्यार्थी कांग्रेस के अध्यक्ष में भी रहे।
- 1952 के सामान्य निर्वाचन में विन्ध्य प्रदेश विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
- 1953 से 1957 तक विन्ध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी चार सालों तक रहे।
- विन्ध्यप्रदेश विधान सभा सदस्य के रूप में जागीरदारी उन्मूलन समिति, भू-राजस्व समिति, लोक लेखा समिति तथा अन्य विभिन्न समितियों में कार्य किया।
- मध्य प्रदेश विधान सभा की सदस्यता में 1957 से 1959 तक लोक लेखा समिति के सभापति रहे। इसके बाद याचिका समिति के सभापति बने। उपमंत्री बनने पर सभापति के पद से त्यागपत्र दे दिया।
- प्रदेश कांग्रेस की चुनाव समिति के सदस्य भी रहे।
- 15 अगस्त, 1960 से उपमंत्री, तत्पश्चात् उप गृहमंत्री तथा 27 मई, 1963 से उपमंत्री लोककार्य (सिंचाई) रहे।
- 30 सितम्बर, 1963 से स्थानीय शासन मंत्री, संविद शासन काल में मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश बने।
मृत्यु
गोविन्द नारायण सिंह जी की मृत्यु 10 मई, 2005 को हुई
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ गोविंद नारायण सिंह की जीवनी (हिंदी) jivanihindi.com। अभिगमन तिथि: 3 अक्टूबर, 2020।