उपल रत्न: Difference between revisions
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==उपल== | ==उपल== | ||
उपल [[कृष्ण]], पीले, | उपल [[कृष्ण]], पीले, सफ़ेद आदि अनेक रंगों का चमकदार मृदु रत्न होता है। उपल रत्न में लाल रंग के चमकते हुए सितारे दिखाई देते हैं, जिन्हें रत्न पोल भी कह जाता हैं। | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== |
Revision as of 14:12, 12 February 2011
- क़ीमती पत्थर को रत्न कहा जाता है अपनी सुंदरता की वजह से यह क़ीमती होते है।
- रत्न आकर्षक खनिज का एक टुकड़ा होता है जो कटाई और पॉलिश करने के बाद गहने और अन्य अलंकरण बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। बहुत से रत्न ठोस खनिज के होते है, लेकिन कुछ नरम खनिज के भी होते है।
- रत्न अपनी चमक और अन्य भौतिक गुणों के सौंदर्य की वजह से गहने में उपयोग किया जाता है।
- ग्रेडिंग, काटने और पॉलिश से रत्नों को एक नया रूप और रंग दिया जाता है और इसी रूप और रंग की वजह से यह रत्न गहनों को और भी आकर्षक बनाते है।
- रत्न का रंग ही उसकी सबसे स्पष्ट और आकर्षक विशेषता है। रत्नों को गर्म कर के उसके रंग की स्पष्टता बढ़ाई जाती है।
प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार उच्च कोटि में 84 प्रकार के रत्न आते हैं। इनमें से बहुत से रत्न अब अप्राप्य हैं तथा बहुत से नए-नए रत्नों का आविष्कार भी हुआ है। रत्नों में मुख्यतः नौ ही रत्न ज़्यादा पहने जाते हैं। वर्तमान समय में प्राचीन ग्रंथों में वर्णित रत्नों की सूचियाँ प्रामाणिक नहीं रह गई हैं।
उपल
उपल कृष्ण, पीले, सफ़ेद आदि अनेक रंगों का चमकदार मृदु रत्न होता है। उपल रत्न में लाल रंग के चमकते हुए सितारे दिखाई देते हैं, जिन्हें रत्न पोल भी कह जाता हैं।