कैथल पर्यटन: Difference between revisions
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*[[महाभारत]] के समय भगवान [[कृष्ण]] ने अभ्युत्थान हेतु नवग्रह यज्ञ का अनुष्ठान धर्मराज [[युधिष्ठर]] के हाथों कराकर नवग्रह कुण्डों (सूर्य कुण्ड, चन्द्र कुण्ड, मंगल कुण्ड, बुद्ध कुण्ड, वीर कुण्ड, शुक्र कुण्ड, शनि कुण्ड, राहु कुण्ड व केतु कुण्ड) का निर्माण करवाया था। | *[[महाभारत]] के समय भगवान [[कृष्ण]] ने अभ्युत्थान हेतु नवग्रह यज्ञ का अनुष्ठान धर्मराज [[युधिष्ठर]] के हाथों कराकर नवग्रह कुण्डों (सूर्य कुण्ड, चन्द्र कुण्ड, मंगल कुण्ड, बुद्ध कुण्ड, वीर कुण्ड, शुक्र कुण्ड, शनि कुण्ड, राहु कुण्ड व केतु कुण्ड) का निर्माण करवाया था। | ||
==हनुमान मंदिर== | ==हनुमान मंदिर== |
Revision as of 10:23, 13 March 2011
कैथल | कैथल पर्यटन | कैथल ज़िला |
[[चित्र:Power-Plant-Kaithal.jpg|thumb|250px|बिजलीघर, कैथल
Power Plant, Kaithal]]
हरियाणा में स्थित कैथल एक ख़ूबसूरत स्थान है। कैथल पर्यटन का आकर्षक स्थल है। पर्यटक कैथल में ऐतिहासिक और पौराणिक कथाओं से जुड़े अवशेष भी देख सकते हैं। इसके अलावा वह यहाँ पर हनुमान की माता अंजनी का मन्दिर भी देख सकते हैं। कैथल में कई दर्शनीय स्थल हैं।
नवग्रह
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- कैथल के पुरातन तीर्थों में नवग्रह कुण्डों का विशेष महत्त्व है।
- महाभारत के समय भगवान कृष्ण ने अभ्युत्थान हेतु नवग्रह यज्ञ का अनुष्ठान धर्मराज युधिष्ठर के हाथों कराकर नवग्रह कुण्डों (सूर्य कुण्ड, चन्द्र कुण्ड, मंगल कुण्ड, बुद्ध कुण्ड, वीर कुण्ड, शुक्र कुण्ड, शनि कुण्ड, राहु कुण्ड व केतु कुण्ड) का निर्माण करवाया था।
हनुमान मंदिर
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कैथल नगर के मध्य में स्थित हनुमान मंदिर बहुत प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर लगभग एक मंजिल की ऊँचाई पर स्थित है। प्रारम्भ में इसके चारों ओर प्रकोष्ठ थे। कहते हैं इस मंदिर के पिछवाड़े में जो मस्जिद बनी हुई है, उसका निर्माण भी काफ़ी समय बाद हुआ है। इससे स्पष्ट है कि यह मंदिर मुग़ल काल से भी पहले का है।
अम्बकेश्वर महादेव मंदिर
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- कैथल में स्थित अम्बकेश्वर महादेव मंदिर वैसे तो महाभारत काल से भी पहले का मंदिर है।
- यहाँ स्थित शिवलिंग को पातालेश्वर व स्वयंलिंग भी कहा जाता है।
गुरुद्वारा नीम साहिब
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- यह गुरुद्वारा कैथल में प्रताप गेट के निकट स्थित है।
- सिखों के नौवें गुरु तेगबहादुर सिंह जी मालवा प्रदेश की यात्रा करते हुए परिवार सहित कार्तिक बदी सात सम्वत् 1723 शाम को कैथल के ठण्डहार तीर्थ पर आए थे।
बाबा लदाना
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- बाबा लदाना कैथल से 10 किलोमीटर दूर बाबा लदाना राजपुरी का जन्म स्थान है।
- इस स्थान पर बाबाजी ने कठोर तपस्या करके सिद्धि पायी थी।
- इस स्थान पर बाबाजी की समाधि है और एक तालाब है।
रजिया सुल्तान की क़ब्र
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- कैथल में स्थित रजिया सुल्तान की क़ब्र बहुत ख़ूबसूरत है और इसके पास एक मस्जिद भी बनी हुई है।
- इल्तुतमिश की पुत्री रजिया सुल्तान और दिल्ली की व्रिदोही सेनाओं के बीच एक भयंकर युद्ध इसी स्थान पर हुआ था।
फल्गु तालाब
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- कैथल में स्थित फल्गु तालाब बहुत ख़ूबसूरत है।
- यह तालाब ऋषि फल्गु को समर्पित है।
- पुन्दरी तालाब इसी के पास स्थित है। यह तालाब महाभारत कालीन है।
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