नंदवंश: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
{{Incomplete}} | {{Incomplete}} | ||
[[मगध]] देश का एक राजवंश जिसका आरंभ महापद्मनंद से 362 ई॰ पूर्व में हुआ था। इस वंश के शासकों की राज्य-सीमा [[व्यास नदी]] तक फैली थी। उनकी सैनिक शक्ति के भय से ही [[सिकंदर]] के सैनिकों ने व्यास नदी से आगे बढ़ना अस्वीकार कर दिया था। किंतु इस वंश का अंतिम शासक [[घनानंद]] बहुत दुर्बल और अत्याचारी था। [[चाणक्य|कौटिल्य]] की सहायता से [[चंद्रगुप्त मौर्य]] ने 322 ई॰ पूर्व में नंदवंश को समाप्त करके [[मौर्य वंश]] की नींव डाली। | [[मगध]] देश का एक राजवंश जिसका आरंभ महापद्मनंद से 362 ई॰ पूर्व में हुआ था। इस वंश के शासकों की राज्य-सीमा [[व्यास नदी]] तक फैली थी। उनकी सैनिक शक्ति के भय से ही [[सिकंदर]] के सैनिकों ने व्यास नदी से आगे बढ़ना अस्वीकार कर दिया था। किंतु इस वंश का अंतिम शासक [[घनानंद]] बहुत दुर्बल और अत्याचारी था। [[चाणक्य|कौटिल्य]] की सहायता से [[चंद्रगुप्त मौर्य]] ने 322 ई॰ पूर्व में नंदवंश को समाप्त करके [[मौर्य वंश]] की नींव डाली। |
Revision as of 12:57, 15 May 2010
40px | पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार करने में सहायता कर सकते हैं। |
मगध देश का एक राजवंश जिसका आरंभ महापद्मनंद से 362 ई॰ पूर्व में हुआ था। इस वंश के शासकों की राज्य-सीमा व्यास नदी तक फैली थी। उनकी सैनिक शक्ति के भय से ही सिकंदर के सैनिकों ने व्यास नदी से आगे बढ़ना अस्वीकार कर दिया था। किंतु इस वंश का अंतिम शासक घनानंद बहुत दुर्बल और अत्याचारी था। कौटिल्य की सहायता से चंद्रगुप्त मौर्य ने 322 ई॰ पूर्व में नंदवंश को समाप्त करके मौर्य वंश की नींव डाली।
इस वंश में कुल नौ शासक हुए - महापद्मनंद और बारी-बारी से राज्य करने वाले उसके आठ पुत्र। इन दो पीढ़ियों ने 40 वर्ष तक राज्य किया। इन शासकों को शूद्र माना जाता है।