करनाल: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
mNo edit summary |
No edit summary |
||
Line 12: | Line 12: | ||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | {{संदर्भ ग्रंथ}} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
{{cite book | last = | first = | title =हिन्दी विश्वकोश | edition =[[1960]] | publisher =नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी | location =भारतडिस्कवरी पुस्तकालय | language =हिन्दी | pages =414 | chapter =खण्ड 2 }} | |||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
Line 21: | Line 22: | ||
[[Category:नया पन्ना]] | [[Category:नया पन्ना]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ |
Revision as of 10:30, 4 July 2011
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
करनाल शहर हरियाणा के इसी नाम के ज़िले के शासन का मुख्यालय है। करनाल शहर यमुना नदी के प्राचीन किनारे के ऊँचे भाग पर स्थित है। पहले नदी इसके समीप बहती थी, किंतु अब यहाँ से सात मील पूर्व हट कर बहती है। 12 फुट ऊँचे परकोटे सेयह नगर घिरा हुआ है।
करनाल का विशाल क़िला बहुत समय तक अंग्रेजों के अधिकार में रहा और क्रमानुसार कारागार, सैनिकों का निवास स्थान, दरिद्रालय और ज़िला विद्यालय के कार्य में आता रहा।
इतिहास
दंतकथा के अनुसार करनाल शहर को महाभारत के राजा कर्ण ने बसाया था। करनाल पर नादिरशाह ने मुग़ल बादशाह मुहम्मदशाह को हराया था। इसके बाद यह क्रमश: जिंद के राजाओं, मरहठों और लदवा के सिक्ख राज गुरुदत्तसिंह के अधिकार में रहा। 1805 ई. में अंग्रेज़ों ने इस पर अपना अधिकार कर लिया।
उद्योग और व्यापार
करनाल शहर की सड़कें अधिकांशत: पक्की, परंतु टेढ़ी-मेढ़ी और सँकरी हैं। यहाँ देशी कपड़ा बनता है जो यहीं पर प्रयोग में आ जाता है। कंबल और जूते बाहर भेजे जाते हैं। कंबल व्यवसाय में अधिक लोग लगे हुए हैं। करनाल शहर दिल्ली तथा अंबाला से विशेष संबंधित है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
“खण्ड 2”, हिन्दी विश्वकोश, 1960 (हिन्दी), भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी, 414।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख