मैत्रेय: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replace - "ref>(" to "ref>")
Line 1: Line 1:
{{पुनरीक्षण}}
{{पुनरीक्षण}}
#मैत्रेय को कौषारन भी कहते हैं; यह मित्रा के पुत्र तथा एक सिद्ध पुरुष थे।<ref>([[भागवत पुराण]]3.4.36;3.7.1)</ref> भागवतनुसार एक [[ऋषि]] जो पराशर के शिष्य और [[विष्णु पुराण]] के वक्ता थे। कुषरव इनके पिता थे। स्वर्गारोहण के पूर्व [[कृष्ण]] ने इनसे [[विदुर]] के गुरु होने के लिए कहा था। विदुर से [[गंगा]] तटपर इनकी भेंट हुई तब सृष्टि का विवरण देने के पश्चात इन्होंने विदुर के पश्नों का उत्तर दिया था।<ref>(भागवत पुराण 10,86.18; 3.4.9, 26; 5.1.22-36; 8.1)</ref> फिर विदुर को आत्मविद्या की शिक्षा दी और हरिप्राप्ति को अंतिम लक्ष्य बतलाया<ref>(भागवत पुराण) 1. 13.1;19.10;2.10.49)</ref> [[युधिष्ठिर]] के राजसूय में भी यह आमंत्रित थे।<ref>(भागवत पुराण 10.74.7;12.12.8)</ref>
#मैत्रेय को कौषारन भी कहते हैं; यह मित्रा के पुत्र तथा एक सिद्ध पुरुष थे।<ref>[[भागवत पुराण]]3.4.36;3.7.1)</ref> भागवतनुसार एक [[ऋषि]] जो पराशर के शिष्य और [[विष्णु पुराण]] के वक्ता थे। कुषरव इनके पिता थे। स्वर्गारोहण के पूर्व [[कृष्ण]] ने इनसे [[विदुर]] के गुरु होने के लिए कहा था। विदुर से [[गंगा]] तटपर इनकी भेंट हुई तब सृष्टि का विवरण देने के पश्चात इन्होंने विदुर के पश्नों का उत्तर दिया था।<ref>भागवत पुराण 10,86.18; 3.4.9, 26; 5.1.22-36; 8.1)</ref> फिर विदुर को आत्मविद्या की शिक्षा दी और हरिप्राप्ति को अंतिम लक्ष्य बतलाया<ref>भागवत पुराण) 1. 13.1;19.10;2.10.49)</ref> [[युधिष्ठिर]] के राजसूय में भी यह आमंत्रित थे।<ref>भागवत पुराण 10.74.7;12.12.8)</ref>
#मैत्रायणवर के पुत्र का नाम।<ref>([[मत्स्य पुराण]] 50.13)</ref>  
#मैत्रायणवर के पुत्र का नाम।<ref>[[मत्स्य पुराण]] 50.13)</ref>  
#पराशर ऋषिका एक शिष्य जिसने उनसे सृष्टि तथा संसार का रहस्य तथा उत्पत्ति के सम्बन्ध में पूछा था।<ref>([[विष्णु पुराण]]1.1.1-10)</ref>
#पराशर ऋषिका एक शिष्य जिसने उनसे सृष्टि तथा संसार का रहस्य तथा उत्पत्ति के सम्बन्ध में पूछा था।<ref>[[विष्णु पुराण]]1.1.1-10)</ref>





Revision as of 12:16, 27 July 2011

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
  1. मैत्रेय को कौषारन भी कहते हैं; यह मित्रा के पुत्र तथा एक सिद्ध पुरुष थे।[1] भागवतनुसार एक ऋषि जो पराशर के शिष्य और विष्णु पुराण के वक्ता थे। कुषरव इनके पिता थे। स्वर्गारोहण के पूर्व कृष्ण ने इनसे विदुर के गुरु होने के लिए कहा था। विदुर से गंगा तटपर इनकी भेंट हुई तब सृष्टि का विवरण देने के पश्चात इन्होंने विदुर के पश्नों का उत्तर दिया था।[2] फिर विदुर को आत्मविद्या की शिक्षा दी और हरिप्राप्ति को अंतिम लक्ष्य बतलाया[3] युधिष्ठिर के राजसूय में भी यह आमंत्रित थे।[4]
  2. मैत्रायणवर के पुत्र का नाम।[5]
  3. पराशर ऋषिका एक शिष्य जिसने उनसे सृष्टि तथा संसार का रहस्य तथा उत्पत्ति के सम्बन्ध में पूछा था।[6]



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भागवत पुराण3.4.36;3.7.1)
  2. भागवत पुराण 10,86.18; 3.4.9, 26; 5.1.22-36; 8.1)
  3. भागवत पुराण) 1. 13.1;19.10;2.10.49)
  4. भागवत पुराण 10.74.7;12.12.8)
  5. मत्स्य पुराण 50.13)
  6. विष्णु पुराण1.1.1-10)

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख