User:गोविन्द राम/sandbox4: Difference between revisions
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*कृष्ण जन्माष्टमी भगवान [[श्री कृष्ण]] का जनमोत्सव है। भगवान [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] के जन्मोत्सव का दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। | *कृष्ण जन्माष्टमी भगवान [[श्री कृष्ण]] का जनमोत्सव है। भगवान [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] के जन्मोत्सव का दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। | ||
*श्रीकृष्ण का जन्म [[भाद्रपद]] कृष्ण अष्टमी की मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में [[देवकी]] व [[वसुदेव|श्रीवसुदेव]] के पुत्ररूप में हुआ था। [[कंस]] ने अपनी मृत्यु के भय से बहन देवकी और वसुदेव को कारागार में क़ैद किया हुआ था। | *श्रीकृष्ण का जन्म [[भाद्रपद]] कृष्ण अष्टमी की मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में [[देवकी]] व [[वसुदेव|श्रीवसुदेव]] के पुत्ररूप में हुआ था। [[कंस]] ने अपनी मृत्यु के भय से बहन देवकी और वसुदेव को कारागार में क़ैद किया हुआ था। |
Revision as of 09:34, 18 August 2011
right|150px|right|बाल कृष्ण को यमुना पार ले जाते वसुदेव |link=कृष्ण जन्माष्टमी
- कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जनमोत्सव है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
- श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में देवकी व श्रीवसुदेव के पुत्ररूप में हुआ था। कंस ने अपनी मृत्यु के भय से बहन देवकी और वसुदेव को कारागार में क़ैद किया हुआ था।
- श्रीकृष्ण का अवतरण होते ही वसुदेव–देवकी की बेड़ियाँ खुल गईं, कारागार के द्वार स्वयं ही खुल गए, पहरेदार गहरी निद्रा में सो गए। वसुदेव किसी तरह श्रीकृष्ण को उफनती यमुना के पार गोकुल में अपने मित्र नन्दगोप के घर ले गए।
- मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि के अवसर पर देश–विदेश से लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती हें और पूरे दिन व्रत रखकर नर-नारी तथा बच्चे रात्रि 12 बजे मन्दिरों में अभिषेक होने पर पंचामृत ग्रहण कर व्रत खोलते हैं।
- जन्माष्टमी के अवसर पर मन्दिरों को अति सुन्दर ढंग से सजाया जाता है तथा मध्यरात्रि को प्रार्थना की जाती है। श्रीकृष्ण की मूर्ति बनाकर उसे एक पालने में रखा जाता है तथा उसे धीरे–धीरे से हिलाया जाता है। लोग सारी रात आरती और भजन-कीर्तन करते हैं।
- कृष्ण जन्म स्थान के अलावा द्वारकाधीश, बिहारीजी एवं अन्य सभी मन्दिरों में इसका भव्य आयोजन होता हैं , जिनमें भारी भीड़ होती है। .... और पढ़ें