संविधान संशोधन- 58वाँ: Difference between revisions
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* | *[[हिन्दी]] में संविधान के प्राधिकृत पाठ की मागँ सामान्यत: रही है। | ||
*विधि प्रक्रिया में संविधान का आसानी से प्रयोग किया जा सके, इसके लिए आवश्यक है कि इसका हिन्दी पाठ भी प्राधिकृत हो। | |||
* | *संविधान का कोई भी हिन्दी संस्करण न केवल संवैधानिक सभा द्वारा प्रकाशित हिन्दी अनुवाद के अनुरूप हो, बल्कि हिन्दी में केंद्रीय अधिनियमों के प्रधिकृत पाठों की भाषा, शैली व शब्दावली के भी अनुरूप हो। | ||
*संविधान को संशोधित करके [[राष्ट्रपति]] को यह शक्ति प्रदत्त की गई है कि वह अपने प्राधिकार के तहत संविधान के हिन्दी अनुवाद को, जिस पर संवैधानिक सभा के सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर किए हुए हैं तथा जिनमें उन सभी परिवर्तनों को शामिल कर लिया गया है जिससे यह हिन्दी भाषा के केंद्रीय अधिनियमों के प्राधिकृत पाठों की भाषा, शैली व शब्दावली के अनुरूप हो, प्रकाशित करा सकें। | |||
*संविधान | *राष्ट्रपति को यह शक्ति भी प्रदत्त की गई है कि वह संविधान में किए गए प्रत्येक अंग्रेज़ी संशोधन का हिन्दी अनुवाद प्रकाशित करवाएँ। | ||
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Revision as of 09:52, 31 August 2011
भारत का संविधान (58वाँ संशोधन) अधिनियम,1987
- भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
- हिन्दी में संविधान के प्राधिकृत पाठ की मागँ सामान्यत: रही है।
- विधि प्रक्रिया में संविधान का आसानी से प्रयोग किया जा सके, इसके लिए आवश्यक है कि इसका हिन्दी पाठ भी प्राधिकृत हो।
- संविधान का कोई भी हिन्दी संस्करण न केवल संवैधानिक सभा द्वारा प्रकाशित हिन्दी अनुवाद के अनुरूप हो, बल्कि हिन्दी में केंद्रीय अधिनियमों के प्रधिकृत पाठों की भाषा, शैली व शब्दावली के भी अनुरूप हो।
- संविधान को संशोधित करके राष्ट्रपति को यह शक्ति प्रदत्त की गई है कि वह अपने प्राधिकार के तहत संविधान के हिन्दी अनुवाद को, जिस पर संवैधानिक सभा के सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर किए हुए हैं तथा जिनमें उन सभी परिवर्तनों को शामिल कर लिया गया है जिससे यह हिन्दी भाषा के केंद्रीय अधिनियमों के प्राधिकृत पाठों की भाषा, शैली व शब्दावली के अनुरूप हो, प्रकाशित करा सकें।
- राष्ट्रपति को यह शक्ति भी प्रदत्त की गई है कि वह संविधान में किए गए प्रत्येक अंग्रेज़ी संशोधन का हिन्दी अनुवाद प्रकाशित करवाएँ।
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