लिच्छवी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
 
लिच्छवी बुद्धकालीन समय में, [[बिहार]] में स्थित प्राचीन गणराज्यों में सबसे बड़ा तथा शक्‍तिशाली राज्य था। इस गणराज्य की स्थापना सूर्यवंशीय राजा [[इक्ष्वाकु]] के पुत्र विशाल ने की थी, जो कालान्तर में '[[वैशाली]]' के नाम से विख्यात हुई। महावग्ग [[जातक कथा|जातक]] के अनुसार लिच्छवि वज्जिसंघ का एक धनी समृद्धशाली नगर था। यहाँ अनेक सुन्दर भवन, चैत्य तथा विहार थे । लिच्छवियों ने महात्मा [[बुद्ध]] के निवारण हेतु [[महावन बिहार|महावन]] में प्रसिद्ध [[कतागारशाला]] का निर्माण करवाया था। राजा चेतक की पुत्री चेलना का विवाह [[मगध]] नरेश [[बिम्बिसार]] से हुआ था। ईसा पूर्व 7वीं शती में वैशाली के लिच्छवि राजतन्त्र से गणतन्त्र में परिवर्तित हो गया। विशाल ने [[वैशाली]] शहर की स्थापना की। वैशालिका राजवंश का प्रथम शासक नमनेदिष्ट था, जबकि अन्तिम राजा सुति या प्रमाति था। इस राजवंश में 24 राजा हुए हैं।
लिच्छवी बुद्धकालीन समय में, [[बिहार]] में स्थित प्राचीन गणराज्यों में सबसे बड़ा तथा शक्‍तिशाली राज्य था। इस गणराज्य की स्थापना सूर्यवंशीय राजा [[इक्ष्वाकु]] के पुत्र विशाल ने की थी, जो कालान्तर में 'वैशाली' के नाम से विख्यात हुई। महावग्ग [[जातक कथा|जातक]] के अनुसार लिच्छवि वज्जिसंघ का एक धनी समृद्धशाली नगर था। यहाँ अनेक सुन्दर भवन, चैत्य तथा विहार थे । लिच्छवियों ने महात्मा [[बुद्ध]] के निवारण हेतु [[महावन बिहार|महावन]] में प्रसिद्ध [[कतागारशाला]] का निर्माण करवाया था। राजा चेतक की पुत्री चेलना का विवाह [[मगध]] नरेश [[बिम्बिसार]] से हुआ था। ईसा पूर्व 7वीं शती में वैशाली के लिच्छवि राजतन्त्र से गणतन्त्र में परिवर्तित हो गया। विशाल ने [[वैशाली]] शहर की स्थापना की। वैशालिका राजवंश का प्रथम शासक नमनेदिष्ट था, जबकि अन्तिम राजा सुति या प्रमाति था। इस राजवंश में 24 राजा हुए हैं।


__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 05:39, 22 December 2010

लिच्छवी बुद्धकालीन समय में, बिहार में स्थित प्राचीन गणराज्यों में सबसे बड़ा तथा शक्‍तिशाली राज्य था। इस गणराज्य की स्थापना सूर्यवंशीय राजा इक्ष्वाकु के पुत्र विशाल ने की थी, जो कालान्तर में 'वैशाली' के नाम से विख्यात हुई। महावग्ग जातक के अनुसार लिच्छवि वज्जिसंघ का एक धनी समृद्धशाली नगर था। यहाँ अनेक सुन्दर भवन, चैत्य तथा विहार थे । लिच्छवियों ने महात्मा बुद्ध के निवारण हेतु महावन में प्रसिद्ध कतागारशाला का निर्माण करवाया था। राजा चेतक की पुत्री चेलना का विवाह मगध नरेश बिम्बिसार से हुआ था। ईसा पूर्व 7वीं शती में वैशाली के लिच्छवि राजतन्त्र से गणतन्त्र में परिवर्तित हो गया। विशाल ने वैशाली शहर की स्थापना की। वैशालिका राजवंश का प्रथम शासक नमनेदिष्ट था, जबकि अन्तिम राजा सुति या प्रमाति था। इस राजवंश में 24 राजा हुए हैं।