अशोक चिह्न: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 14: | Line 14: | ||
|पाठ 5= | |पाठ 5= | ||
|संबंधित लेख= | |संबंधित लेख= | ||
|अन्य जानकारी=फलक के नीचे | |अन्य जानकारी=फलक के नीचे [[मुण्डकोपनिषद]] का सूत्र ''''[[सत्यमेव जयते]]'''' [[देवनागरी लिपि]] में अंकित है, जिसका अर्थ है- ''''सत्य की ही विजय होती है''''। | ||
|बाहरी कड़ियाँ= | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
|अद्यतन= | |अद्यतन= | ||
Line 24: | Line 24: | ||
* पट्टी के मध्य में उभरी हुई नक्काधी में चक्र है, जिसके दाईं ओर एक सांड और बाईं ओर एक घोड़ा है। दाएं तथा बाएं छोरों पर अन्य चक्रों के किनारे हैं। | * पट्टी के मध्य में उभरी हुई नक्काधी में चक्र है, जिसके दाईं ओर एक सांड और बाईं ओर एक घोड़ा है। दाएं तथा बाएं छोरों पर अन्य चक्रों के किनारे हैं। | ||
* आधार का पद्म छोड़ दिया गया है। | * आधार का पद्म छोड़ दिया गया है। | ||
* फलक के नीचे | * फलक के नीचे [[मुण्डकोपनिषद]] का सूत्र ''''[[सत्यमेव जयते]]'''' [[देवनागरी लिपि]] में अंकित है, जिसका अर्थ है- ''''सत्य की ही विजय होती है''''। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
Revision as of 11:19, 11 May 2013
अशोक चिह्न
| |
विवरण | अशोक चिह्न भारत का राजकीय प्रतीक है। इसको सारनाथ में मिली अशोक लाट से लिया गया है। |
रूपरेखा | घंटे के आकार के पद्म के ऊपर एक चिह्न वल्लरी में एक हाथी, चौकड़ी भारता हुआ एक घोड़ा, एक सांड तथा एक सिंह की उभरी हुई मूर्तियां हैं, इसके बीच-बीच में चक्र बने हुए हैं। |
अंगीकृत | 26 जनवरी, 1950 |
अन्य जानकारी | फलक के नीचे मुण्डकोपनिषद का सूत्र 'सत्यमेव जयते' देवनागरी लिपि में अंकित है, जिसका अर्थ है- 'सत्य की ही विजय होती है'। |
अशोक चिह्न भारत का राजकीय प्रतीक है। भारत का राष्ट्रचिह्न सारनाथ स्थित अशोक के सिंह स्तंभ की अनुकृति है, जो सारनाथ के संग्रहालय में सुरक्षित है। मूल स्तंभ में शीर्ष पर चार सिंह हैं, जो एक-दूसरे की ओर पीठ किए हुए हैं। इसके नीचे घंटे के आकार के पद्म के ऊपर एक चिह्न वल्लरी में एक हाथी, चौकड़ी भारता हुआ एक घोड़ा, एक सांड तथा एक सिंह की उभरी हुई मूर्तियां हैं, इसके बीच-बीच में चक्र बने हुए हैं। एक ही पत्थर को काटकर बनाए गए इस सिंह स्तंभ के ऊपर क़ानून का चक्र 'धर्मचक्र' रखा हुआ है।
मुख्य बिंदु
- भारत सरकार ने यह चिह्न 26 जनवरी, 1950 को अपनाया।
- इसमें केवल तीन सिंह दिखाई पड़ते हैं, चौथा दिखाई नहीं देता।
- पट्टी के मध्य में उभरी हुई नक्काधी में चक्र है, जिसके दाईं ओर एक सांड और बाईं ओर एक घोड़ा है। दाएं तथा बाएं छोरों पर अन्य चक्रों के किनारे हैं।
- आधार का पद्म छोड़ दिया गया है।
- फलक के नीचे मुण्डकोपनिषद का सूत्र 'सत्यमेव जयते' देवनागरी लिपि में अंकित है, जिसका अर्थ है- 'सत्य की ही विजय होती है'।
|
|
|
|
|