पी. सतशिवम: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 12: Line 12:
|संतान=
|संतान=
|गुरु=
|गुरु=
|कर्म भूमि=
|कर्म भूमि=[[भारत]]
|कर्म-क्षेत्र=न्यायाधीश
|कर्म-क्षेत्र=न्यायाधीश
|मुख्य रचनाएँ=
|मुख्य रचनाएँ=
Line 26: Line 26:
|संबंधित लेख=
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=कार्यकाल
|शीर्षक 1=कार्यकाल
|पाठ 1=[[19 जुलाई]] [[2013]] से अब तक
|पाठ 1=[[19 जुलाई]], [[2013]] से [[27 अप्रैल]], [[2014]] तक
|शीर्षक 2=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|पाठ 2=
Line 35: Line 35:
|शीर्षक 5=
|शीर्षक 5=
|पाठ 5=
|पाठ 5=
|अन्य जानकारी= पी. सतशिवम अब [[भारत]] के 40वें और [[तमिलनाडु]] से पहले मुख्य न्यायाधीश हैं। वह [[26 अप्रैल]], [[2014]] तक इस पद पर बने रहेंगे।
|अन्य जानकारी=पी. सदाशिवम द्वारा [[उच्च न्यायालय]] के मुख्य न्यायाधीश का पद धारण किए बिना ही [[सर्वोच्च न्यायालय]] के प्रधान न्यायाधीश का पद ग्रहण किया गया। आमतौर पर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ही सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति पाते हैं।
|बाहरी कड़ियाँ=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन={{अद्यतन|15:27, 30 नवम्बर 2013 (IST)}}
|अद्यतन={{अद्यतन|15:27, 30 नवम्बर 2013 (IST)}}
}}
}}
'''पी. सतशिवम''' अथवा ''पी. सदाशिवम'' ([[अंग्रेज़ी]]:''P. Sathasivam'', जन्म:[[27 अप्रैल]], [[1949]]) [[भारत]] के [[उच्चतम न्यायालय|सर्वोच्च न्यायालय]] के न्यायाधीश हैं। [[राष्ट्रपति]] [[प्रणब मुखर्जी]] ने [[19 जुलाई]] [[2013]] [[शुक्रवार]] को न्यायमूर्ति पी. सतशिवम को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। पी. सतशिवम अब भारत के 40वें और [[तमिलनाडु]] से पहले मुख्य न्यायाधीश हैं। वह [[26 अप्रैल]], [[2014]] तक इस पद पर बने रहेंगे। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर का स्थान लिया है जो [[गुरुवार]] [[18 जुलाई]] [[2013]] को पदभार से मुक्त हुए।
'''पी. सतशिवम''' अथवा ''पी. सदाशिवम'' ([[अंग्रेज़ी]]:''P. Sathasivam'', जन्म:[[27 अप्रैल]], [[1949]]) [[भारत]] के [[उच्चतम न्यायालय|सर्वोच्च न्यायालय]] के पूर्व न्यायाधीश हैं। [[राष्ट्रपति]] [[प्रणब मुखर्जी]] ने [[19 जुलाई]], [[2013]] [[शुक्रवार]] को उन्हें भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई थी। पी. सतशिवम भारत के 40वें और [[तमिलनाडु]] मुख्य न्यायाधीश बनने वाले प्रथम व्यक्ति हैं। वह [[26 अप्रैल]], [[2014]] तक इस पद पर बने रहेंगे। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर का स्थान लिया था, जो [[गुरुवार]], [[18 जुलाई]], [[2013]] को पदभार से मुक्त हुए।
==जीवन परिचय==
==जीवन परिचय==
पी. सतशिवम का जन्म [[27 अप्रैल]], [[1949]] को हुआ था। उन्होंने [[जुलाई]], [[1973]] में [[मद्रास]] में बतौर वकील पंजीकरण करवाया और [[जनवरी]], [[1996]] में मद्रास उच्च न्यायालय के स्थाई न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। इसके बाद अप्रैल, 2007 में उनका तबादला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में कर दिया गया।  
पी. सतशिवम का जन्म [[27 अप्रैल]], [[1949]] को हुआ था। उन्होंने [[जुलाई]], [[1973]] में [[मद्रास]] में बतौर वकील पंजीकरण करवाया और [[जनवरी]], [[1996]] में मद्रास उच्च न्यायालय के स्थाई न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। इसके बाद अप्रैल, 2007 में उनका तबादला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में कर दिया गया।  

Revision as of 07:32, 28 April 2014

पी. सतशिवम
पूरा नाम पालानीसामी सतशिवम
अन्य नाम पी. सतशिवम
जन्म 27 अप्रैल, 1949
जन्म भूमि तमिलनाडु
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र न्यायाधीश
नागरिकता भारतीय
कार्यकाल 19 जुलाई, 2013 से 27 अप्रैल, 2014 तक
अन्य जानकारी पी. सदाशिवम द्वारा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद धारण किए बिना ही सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश का पद ग्रहण किया गया। आमतौर पर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ही सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति पाते हैं।
अद्यतन‎

पी. सतशिवम अथवा पी. सदाशिवम (अंग्रेज़ी:P. Sathasivam, जन्म:27 अप्रैल, 1949) भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 19 जुलाई, 2013 शुक्रवार को उन्हें भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई थी। पी. सतशिवम भारत के 40वें और तमिलनाडु मुख्य न्यायाधीश बनने वाले प्रथम व्यक्ति हैं। वह 26 अप्रैल, 2014 तक इस पद पर बने रहेंगे। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर का स्थान लिया था, जो गुरुवार, 18 जुलाई, 2013 को पदभार से मुक्त हुए।

जीवन परिचय

पी. सतशिवम का जन्म 27 अप्रैल, 1949 को हुआ था। उन्होंने जुलाई, 1973 में मद्रास में बतौर वकील पंजीकरण करवाया और जनवरी, 1996 में मद्रास उच्च न्यायालय के स्थाई न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। इसके बाद अप्रैल, 2007 में उनका तबादला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में कर दिया गया।

विशेष बिंदु

पी. सदाशिवम द्वारा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद धारण किए बिना ही सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश का पद ग्रहण किया गया। आमतौर पर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ही सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति पाते हैं।

  • सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश का पद इस न्यायालय के सबसे वरिष्ठतम न्यायाधीश को मिलता है। आपातकाल के बाद इस तरह की परम्परा कायम की गई। सर्वोच्च न्यायालय ने इस संबंध में निर्णय भी दिए हैं और वरिष्ठता सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति की तिथि से गिनी जाती है।
  • अप्रैल 2007 में वह स्थानांतरित होकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में नियुक्त किए गए.
  • 64 वर्षीय पी सदाशिवम को वर्ष 1996 में मद्रास उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश के रूप में शामिल किया गया था।
  • वह भारत के प्रधान न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति पाने वाले तमिलनाडु से ताल्लुक़ रखने वाले पहले न्यायाधीश हैं। विदित हो कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत भारत के प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति का प्रावधान है। भारत के प्रथम प्रधान न्यायाधीश एच. जे. कानिया थे। एच. जे. कनिया को 26 जनवरी 1950 को भारत का प्रथम न्यायाधीश नियुक्त किया गया और वह इस पद पर 6 नवंबर 1951 तक रहे।
  • न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर की तरह न्यायमूर्ति सदाशिवम भी उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए मौजूदा कोलेजियम व्यवस्था को खत्म करने के विरोध में हैं। इसके साथ ही उन्होंने स्वीकार किया है कि कोलेजियम व्यवस्था में कमियां हैं और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जा सकते हैं।
  • सदाशिवम ने कई बड़े फैसले दिए हैं, जिनमें मुंबई विस्फोटों का मामला और पाकिस्तानी वैज्ञानिक मोहम्मद खलील चिश्ती का मामला भी शामिल है।
  • न्यायमूर्ति सदाशिवम और न्यायमूर्ति बीसी चौहान ने मुंबई विस्फोटों के मामले में अभिनेता संजय दत्त और कई दूसरे अभियुक्तों की सजा को बरकरार रखा था।
  • इनकी पीठ ने 1993 के विस्फोटों के मामले में पाकिस्तान की इस बात के लिए भर्त्सना की थी कि उसकी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई ने इन विस्फोटों को अंजाम देने वालों को प्रशिक्षण मुहैया कराया और वह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपनी सरजमीं से होने वाले आतंकवादी हमलों को रोकने में नाकाम रही है।
  • पाकिस्तानी वैज्ञानिक चिश्ती की सजा को रद्द करने वाला फैसला भी न्यायमूर्ति सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिया था।
  • न्यायमूर्ति सदाशिवम ने ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टेंस से जुड़े तिहरे हत्याकांड के मामले में भी फैसला सुनाया था।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. न्यायमूर्ति सदाशिवम बने देश के 40वें मुख्य न्यायाधीश (हिंदी) एनडीटीवी ख़बर। अभिगमन तिथि: 30 नवंबर, 2013।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख