यव: Difference between revisions
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[[उत्तर भारत]] में 'प्राचीन भारतीय कृषिजन्य व्यवस्था एवं राजस्व संबंधी पारिभाषिक शब्दावली' के अनुसार '''यव''' विभिन्न प्रकार के अनाजों के लिए प्रयुक्त समान [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] है। परवर्ती युग में केवल [[जौ]] के रूप में इसका प्रयोग होने लगा। | [[उत्तर भारत]] में 'प्राचीन भारतीय कृषिजन्य व्यवस्था एवं राजस्व संबंधी पारिभाषिक शब्दावली' के अनुसार '''यव''' विभिन्न प्रकार के अनाजों के लिए प्रयुक्त समान [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] है। परवर्ती युग में केवल [[जौ]] के रूप में इसका प्रयोग होने लगा। | ||
{{seealso|सल्तनत काल की शब्दावली|भूगोल शब्दावली}} | |||
{{ | {{शब्द संदर्भ नया | ||
|अर्थ=जौ नामक अन्न या उसका पौधा, जौ के आकार की वस्तु या जौ के समान चिह्न जैसे- हथेली में हृदयरेखा पर बना यव। | |||
|व्याकरण=[[पुल्लिंग]] | |||
|उदाहरण= | |||
|विशेष=# प्राचीन काल में तौल की एक इकाई 'यव' कही जाती थी। तदानुसार 1 यव = सरसों के 12 दाने। | |||
# प्राचीन काल में लम्बाई की एक इकाई 'यव' थी जो वर्तमान के लगभग 0.8 सेमी के तुल्य थी। | |||
|विलोम= | |||
|पर्यायवाची= | |||
|संस्कृत=[(धातु) यु + अप्] | |||
|अन्य ग्रंथ= | |||
|संबंधित शब्द= | |||
|संबंधित लेख= | |||
|सभी लेख= | |||
}} | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
Revision as of 10:08, 28 February 2015
उत्तर भारत में 'प्राचीन भारतीय कृषिजन्य व्यवस्था एवं राजस्व संबंधी पारिभाषिक शब्दावली' के अनुसार यव विभिन्न प्रकार के अनाजों के लिए प्रयुक्त समान शब्द है। परवर्ती युग में केवल जौ के रूप में इसका प्रयोग होने लगा।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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