संपाठ्य कला: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "{{चौंसठ कलाएँ जयमंगल}}" to "{{चौंसठ कलाएँ जयमंगल}} Category:चौंसठ कलाएँ")
m (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==")
Line 1: Line 1:
[[चौंसठ कलाएँ जयमंगल के मतानुसार|जयमंगल के मतानुसार]] चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। संपाठ्य का अर्थ है- दो या अधिक व्यक्तियों द्वारा स्पर्धा के लिए या मनोरंजन के हेतु काव्य कंठस्थ करना।
[[चौंसठ कलाएँ जयमंगल के मतानुसार|जयमंगल के मतानुसार]] चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। संपाठ्य का अर्थ है- दो या अधिक व्यक्तियों द्वारा स्पर्धा के लिए या मनोरंजन के हेतु काव्य कंठस्थ करना।
==सम्बंधित लिंक==
==संबंधित लेख==
{{चौंसठ कलाएँ जयमंगल}}
{{चौंसठ कलाएँ जयमंगल}}
[[Category:चौंसठ कलाएँ]]
[[Category:चौंसठ कलाएँ]]
[[Category:कला_कोश]]__INDEX__
[[Category:कला_कोश]]__INDEX__

Revision as of 20:08, 14 September 2010

जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। संपाठ्य का अर्थ है- दो या अधिक व्यक्तियों द्वारा स्पर्धा के लिए या मनोरंजन के हेतु काव्य कंठस्थ करना।

संबंधित लेख