चीरवे का शिलालेख: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
Line 5: Line 5:
*शिलालेख में गुहिल वंशीय, बप्पा, पद्मसिंह, जैत्रसिंह, तेजसिंह और समर सिंह का वर्णन मिलता है।
*शिलालेख में गुहिल वंशीय, बप्पा, पद्मसिंह, जैत्रसिंह, तेजसिंह और समर सिंह का वर्णन मिलता है।
*इस शिलालेख में चीरवा गांव की स्थिति, विष्णु मंदिर की स्थापना, शिव मंदिर के लिए खेतों का अनुदान आदि विषयों का समावेश है।  
*इस शिलालेख में चीरवा गांव की स्थिति, विष्णु मंदिर की स्थापना, शिव मंदिर के लिए खेतों का अनुदान आदि विषयों का समावेश है।  
*शिलालेख में मेवाड़ी गोचर भूमि, [[सती प्रथा]], [[शैव धर्म]] आदि पर प्रकाश पड़ता है।<ref name="pp">{{cite web |url=https://govtexamsuccess.com/rajasthan-abhilekh/ |title=राजस्थान के अभिलेख|accessmonthday=14 दिसम्बर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= govtexamsuccess.com|language=हिंदी}}</ref>  
*शिलालेख में मेवाड़ी गोचर भूमि, [[सती प्रथा]], [[शैव धर्म]] आदि पर प्रकाश पड़ता है।<ref name="pp">{{cite web |url=https://govtexamsuccess.com/rajasthan-abhilekh/ |title=राजस्थान के अभिलेख|accessmonthday=15 दिसम्बर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= govtexamsuccess.com|language=हिंदी}}</ref>  


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

Latest revision as of 09:16, 15 December 2021

चीरवे का शिलालेख (अंग्रेज़ी: Chirve Inscriptions) राजस्थान के इतिहास से सम्बंधित पुराना अभिलेख है। इस शिलालेख के समय मेवाड़ का शासक समर सिंह था। भुवनसिंहसूरि के शिष्य रत्नप्रभसूरी ने चित्तौड़ में रहते हुए चीरवा शिलालेख की रचना की और उनके मुख्य शिष्य पार्श्वचन्द ने, जो बड़े विद्वान थे, उसको सुन्दर लिपि में लिखा। पद्यसिंह के पुत्र केलिसिंह ने उसे खोदा और शिल्पी देल्हण ने उसे दीवार में लगाने आदि कार्य का सम्पादन किया।

  • चीरवा गांव उदयपुर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एक मंदिर की बाहरी दीवार पर यह लेख लगा हुआ है।
  • चीरवे शिलालेख में संस्कृत में 51 श्लोकों का वर्णन मिलता है।
  • शिलालेख में गुहिल वंशीय, बप्पा, पद्मसिंह, जैत्रसिंह, तेजसिंह और समर सिंह का वर्णन मिलता है।
  • इस शिलालेख में चीरवा गांव की स्थिति, विष्णु मंदिर की स्थापना, शिव मंदिर के लिए खेतों का अनुदान आदि विषयों का समावेश है।
  • शिलालेख में मेवाड़ी गोचर भूमि, सती प्रथा, शैव धर्म आदि पर प्रकाश पड़ता है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. राजस्थान के अभिलेख (हिंदी) govtexamsuccess.com। अभिगमन तिथि: 15 दिसम्बर, 2021।

संबंधित लेख