दत्ताजी राव गायकवाड़: Difference between revisions

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}}'''दत्ताजी राव गायकवाड़''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Dattaji Rao Gaekwad'', जन्म- [[27 अक्टूबर]], [[1928]]; मृत्यु- [[13 फ़रवरी]], [[2024]]) भारतीय क्रिकेटर थे। उन्होंने सन [[1952]] से [[1961]] के बीच देश के लिये कुल 11 टेस्ट मैच खेले। [[बड़ौदा]] के लिये खेलने वाले उनके पुत्र अंशुमन गायकवाड़ ने भी [[भारत]] के लिये 40 टेस्ट मैच खेले। दत्ताजी राव गायकवाड़ की नज़र प्रतिभाओं पर रहती थी और उन्होंने ऐसे कई क्रिकेटरों की खोज की, जो बड़ौदा के लिए खेले। उन्होंने देश के लिए कुल 11 टेस्ट मैच खेले थे।
==परिचय==
==परिचय==
दत्ताजी राव गायकवाड़ का जन्म 27 अक्टूबर, सन 1928 को बड़ौदा (अविभाजित भारत) में हुआ था। भारत के पूर्व क्रिकेटर ने लगभग नौ साल के करियर में 11 टेस्ट मैचों में देश का प्रतिनिधित्व किया है। मुख्य रूप से एक बल्लेबाज, दत्ताजीराव अपने खेल के दिनों में मध्यम गति और लेग स्पिन गेंदबाजी भी कर सकते थे। उन्होंने भारतीय टीम के लिए 20 पारियों में 350 रन बनाए, जिसमें एक अर्धशतक भी शामिल है। दत्ताजीराव ने अपने करियर का ज्यादातर समय घरेलू स्तर पर खेलते हुए बिताया। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 110 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 36.40 की औसत से 5788 रन बनाए।
दत्ताजी राव गायकवाड़ का जन्म 27 अक्टूबर, सन 1928 को बड़ौदा (अविभाजित भारत) में हुआ था। भारत के पूर्व क्रिकेटर ने लगभग नौ साल के करियर में 11 टेस्ट मैचों में देश का प्रतिनिधित्व किया है। मुख्य रूप से एक बल्लेबाज, दत्ताजीराव अपने खेल के दिनों में मध्यम गति और लेग स्पिन गेंदबाजी भी कर सकते थे। उन्होंने भारतीय टीम के लिए 20 पारियों में 350 रन बनाए, जिसमें एक अर्धशतक भी शामिल है। दत्ताजीराव ने अपने करियर का ज्यादातर समय घरेलू स्तर पर खेलते हुए बिताया। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 110 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 36.40 की औसत से 5788 रन बनाए।
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==विजय हजारे साथ==
==विजय हजारे साथ==
दत्ताजी राव गायकवाड़ हमेशा टीम के साथी विजय हजारे के साये में रहे। दत्ताजी राव गायकवाड़ अपने कवर ड्राइव के लिये जाने जाते थे, लेकिन विजय हजारे की बहुमुखी खेल प्रतिभा के आगे उन्हें वह प्रमुखता नहीं मिल पाई, जिसके वह हकदार थे।
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==मृत्यु==
==मृत्यु==
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Revision as of 12:31, 17 February 2024

दत्ताजी राव गायकवाड़
व्यक्तिगत परिचय
पूरा नाम दत्ताजी राव गायकवाड़
जन्म 27 अक्टूबर, 1928
जन्म भूमि बड़ौदा (अविभाजित भारत)
संतान पुत्र- अंशुमन गायकवाड़
मृत्यु 13 फ़रवरी, 2024
मृत्यु स्थान बड़ौदा, गुजरात
खेल परिचय
बल्लेबाज़ी शैली दांए हाथ से काम करने वाला
गेंदबाज़ी शैली दाहिना हाथ मध्यम, लेगब्रेक
टीम बड़ौदा
भूमिका बल्लेबाज, गेंदबाज
पहला टेस्ट 5 जून, 1952 बनाम इंग्लैंड
आख़िरी टेस्ट 13 जनवरी, 1961 बनाम पाकिस्तान
कैरियर आँकड़े
प्रारूप टेस्ट क्रिकेट एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय टी-20 अन्तर्राष्ट्रीय
मुक़ाबले 11 110
बनाये गये रन 350 5,788
बल्लेबाज़ी औसत 18.42 36.40
100/50 0/1 17/23
सर्वोच्च स्कोर 52 249*
फेंकी गई गेंदें 12 1,964
विकेट 0 25
गेंदबाज़ी औसत - 40.64
पारी में 5 विकेट 0 0
मुक़ाबले में 10 विकेट 0 0
सर्वोच्च गेंदबाज़ी - 117
कैच/स्टम्पिंग 5/- 49/-

दत्ताजी राव गायकवाड़ (अंग्रेज़ी: Dattaji Rao Gaekwad, जन्म- 27 अक्टूबर, 1928; मृत्यु- 13 फ़रवरी, 2024) भारतीय क्रिकेटर थे। उन्होंने सन 1952 से 1961 के बीच देश के लिये कुल 11 टेस्ट मैच खेले। बड़ौदा के लिये खेलने वाले उनके पुत्र अंशुमन गायकवाड़ ने भी भारत के लिये 40 टेस्ट मैच खेले। दत्ताजी राव गायकवाड़ की नज़र प्रतिभाओं पर रहती थी और उन्होंने ऐसे कई क्रिकेटरों की खोज की, जो बड़ौदा के लिए खेले। उन्होंने देश के लिए कुल 11 टेस्ट मैच खेले थे।

परिचय

दत्ताजी राव गायकवाड़ का जन्म 27 अक्टूबर, सन 1928 को बड़ौदा (अविभाजित भारत) में हुआ था। भारत के पूर्व क्रिकेटर ने लगभग नौ साल के करियर में 11 टेस्ट मैचों में देश का प्रतिनिधित्व किया है। मुख्य रूप से एक बल्लेबाज, दत्ताजीराव अपने खेल के दिनों में मध्यम गति और लेग स्पिन गेंदबाजी भी कर सकते थे। उन्होंने भारतीय टीम के लिए 20 पारियों में 350 रन बनाए, जिसमें एक अर्धशतक भी शामिल है। दत्ताजीराव ने अपने करियर का ज्यादातर समय घरेलू स्तर पर खेलते हुए बिताया। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 110 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 36.40 की औसत से 5788 रन बनाए।

कॅरियर

वेस्टइंडीज के खिलाफ सन 1958 में फिरोजशाह कोटला मैदान पर दत्ताजी राव गायकवाड़ ने वेस हॉल और गिलक्रिस्ट जैसे गेंदबाजों का सामना कर 52 रन बनाये थे लेकिन चंदू बोर्डे के 109, 96 रनों के आगे उनकी पारी दब गई। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 110 मैचों में 36.40 की औसत से 5,788 रन बनाये, जिसमें 17 शतक शामिल हैं। दत्ताजी राव गायकवाड़ ने अपनी कप्तानी में 1957-58 में बड़ौदा को पहला रणजी खिताब भी जिताया था।

दत्ताजी राव गायकवाड़ सन 1959 के इंग्लैंड के उस दौर में भारतीय टीम के कप्तान थे, जिसमें भारत को पाँचों टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा था। इन पाँच में से चार टेस्ट मैचों में दत्ताजी राव गायकवाड़ कप्तान थे। बिना ढके विकट पर पेसर ट्रुमेन और बेडसर की गेंदबाजी ने भारतीय बल्लेबाजी को बिखेर रख दिया था। दत्ताजी राव गायकवाड़ ने 11 टेस्ट मैचों में 18.42 की औसत से 350 रन बनाये थे। 52 रन उनका श्रेष्ठ स्कोर था। अंतिम टेस्ट सन 1961 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला। रणजी में बड़ौदा के लिये 47.56 की औसत से 3139 रन बनाये, जिसमें 14 शतक शामिल हैं।

विजय हजारे साथ

दत्ताजी राव गायकवाड़ हमेशा टीम के साथी विजय हज़ारे के साये में रहे। दत्ताजी राव गायकवाड़ अपने कवर ड्राइव के लिये जाने जाते थे, लेकिन विजय हज़ारे की बहुमुखी खेल प्रतिभा के आगे उन्हें वह प्रमुखता नहीं मिल पाई, जिसके वह हकदार थे।

मृत्यु

दत्ताजी राव गायकवाड़ का निधन 13 फ़रवरी,2024 में बड़ौदा, गुजरात में हुआ। दत्ताजी राव गायकवाड़ साल 2016 में दीपक शोधन के निधन के बाद देश के सबसे उम्रदराज क्रिकेटर थे। उनके निधन के बाद 8 टेस्ट मैच खेलने वाले सी. डी. गोपीनाथ देश के सबसे बड़ी उम्र के क्रिकेटर रह गये हैं।


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