आलमगीरपुर (मेरठ): Difference between revisions

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यह हड़प्पा संस्कृति का सर्वाधिक पूर्वी पुरास्थल हैं। यह स्थल [[सिन्धु घाटी की सभ्यता|सैंधव सभ्यता]] की अन्तिम अवस्था को सूचित करता है।  
यह हड़प्पा संस्कृति का सर्वाधिक पूर्वी पुरास्थल हैं। यह स्थल [[सिन्धु घाटी की सभ्यता|सैंधव सभ्यता]] की अन्तिम अवस्था को सूचित करता है।  


यहां मिट्टी के बर्तन, मनके एवं पिण्ड मिले है। यहां एक गर्त से रोटी बेलने की चौकी तथा कटोरे के टुकड़े प्राप्त हुए है। किन्तु मातृदेवी की मूर्ति और मुद्रांएँ नहीं मिली है।
यहाँ मिट्टी के बर्तन, मनके एवं पिण्ड मिले है। यहाँ एक गर्त से रोटी बेलने की चौकी तथा कटोरे के टुकड़े प्राप्त हुए है। किन्तु मातृदेवी की मूर्ति और मुद्रांएँ नहीं मिली है।





Revision as of 11:28, 26 September 2010

पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले में यमुना की सहायक हिण्डन नदी पर स्थित इस पुरास्थल की खोज 1958 में 'यज्ञ दत्त शर्मा' द्वारा की गयी। आलमीरपुर गंगा-यमुना दोआब में पहला स्थल था जहां से हड़प्पा कालीन अवशेष प्रकाश में आए थे।

यह हड़प्पा संस्कृति का सर्वाधिक पूर्वी पुरास्थल हैं। यह स्थल सैंधव सभ्यता की अन्तिम अवस्था को सूचित करता है।

यहाँ मिट्टी के बर्तन, मनके एवं पिण्ड मिले है। यहाँ एक गर्त से रोटी बेलने की चौकी तथा कटोरे के टुकड़े प्राप्त हुए है। किन्तु मातृदेवी की मूर्ति और मुद्रांएँ नहीं मिली है।


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