भारतकोश:अभ्यास पन्ना3: Difference between revisions
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<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{खड़ीबोली का अरबी-फ़ारसीमय रूप है? | {खड़ीबोली का अरबी-फ़ारसीमय रूप है? | ||
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- [[फ़ारसी भाषा]] | - [[फ़ारसी भाषा]] | ||
- [[अरबी भाषा]] | - [[अरबी भाषा]] | ||
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{[[हिन्दी भाषा]] का पहला समाचार-पत्र 'उदंत मार्ताण्ड' किस सन् में प्रकाशित हुआ था? | {[[हिन्दी भाषा]] का पहला समाचार-पत्र 'उदंत मार्ताण्ड' किस सन् में प्रकाशित हुआ था? | ||
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- (1821) | - (1821) | ||
+ (1826) | + (1826) | ||
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{हिन्दी के किस समाचार-पत्र में 'खड़ीबोली' को 'मध्यदेशीय भाषा' कहा गया है? | {हिन्दी के किस समाचार-पत्र में 'खड़ीबोली' को 'मध्यदेशीय भाषा' कहा गया है? | ||
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+ बनारस अखबार | + बनारस अखबार | ||
- सुधाकर | - सुधाकर | ||
Line 28: | Line 28: | ||
{'गाथा' (गाहा) कहने से किस लोक प्रचलित काव्यभाषा का बोध होता है? | {'गाथा' (गाहा) कहने से किस लोक प्रचलित काव्यभाषा का बोध होता है? | ||
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- [[पालि भाषा|पालि]] | - [[पालि भाषा|पालि]] | ||
+ '[[प्राकृत]] | + '[[प्राकृत]] | ||
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{सिद्धों की उद्धृत रचनाओं की काव्य भाषा है? | {सिद्धों की उद्धृत रचनाओं की काव्य भाषा है? | ||
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+ देशभाषा मिश्रित अपभ्रंश अर्थात् पुरानी हिन्दी | + देशभाषा मिश्रित अपभ्रंश अर्थात् पुरानी हिन्दी | ||
- प्राकृत भाषा | - प्राकृत भाषा | ||
Line 45: | Line 45: | ||
{अपभ्रंश भाषा के प्रथम व्याकरणाचार्य थे? | {अपभ्रंश भाषा के प्रथम व्याकरणाचार्य थे? | ||
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- [[पाणिनि]] | - [[पाणिनि]] | ||
- [[कात्यायन]] | - [[कात्यायन]] | ||
Line 52: | Line 52: | ||
{'जो जिण सासण भाषियउ सो मई कहियउ सार। जो पालइ सइ भाउ करि सो तरि पावइ पारु॥' इस दोहे के रचनाकार का नाम है? | {'जो जिण सासण भाषियउ सो मई कहियउ सार। जो पालइ सइ भाउ करि सो तरि पावइ पारु॥' इस दोहे के रचनाकार का नाम है? | ||
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- स्वयभू | - स्वयभू | ||
+ [[देवसेन]] | + [[देवसेन]] | ||
Line 59: | Line 59: | ||
{प्रादेशिक बोलियाँ के साथ [[ब्रज]] या मध्य देश की भाषा का आश्रय लेकर एक सामान्य साहित्यिक भाषा स्वीकृत हुई, जिसे चारणों ने नाम दिया? | {प्रादेशिक बोलियाँ के साथ [[ब्रज]] या मध्य देश की भाषा का आश्रय लेकर एक सामान्य साहित्यिक भाषा स्वीकृत हुई, जिसे चारणों ने नाम दिया? | ||
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- डिंगल भाषा | - डिंगल भाषा | ||
- मेवाड़ी भाषा | - मेवाड़ी भाषा | ||
Line 67: | Line 67: | ||
{अपभ्रंश के योग से [[राजस्थानी भाषा]] का जो साहित्यिक रुप बना, उसे कहा जाता है? | {अपभ्रंश के योग से [[राजस्थानी भाषा]] का जो साहित्यिक रुप बना, उसे कहा जाता है? | ||
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- पिंगल भाषा | - पिंगल भाषा | ||
+ डिंगल भाषा | + डिंगल भाषा | ||
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{[[अमीर ख़ुसरो]] ने जिन मुकरियों, पहेलियों और दो सुखनों की रचना की है, उसकी मुख्य भाषा है? | {[[अमीर ख़ुसरो]] ने जिन मुकरियों, पहेलियों और दो सुखनों की रचना की है, उसकी मुख्य भाषा है? | ||
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- दक्खिनी | - दक्खिनी | ||
+ खड़ीबोली | + खड़ीबोली | ||
Line 81: | Line 81: | ||
{'एक नगर पिया को भानी। तन वाको सगरा ज्यों पानी।' यह पंक्ति किस भाषा की है? | {'एक नगर पिया को भानी। तन वाको सगरा ज्यों पानी।' यह पंक्ति किस भाषा की है? | ||
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+ [[ब्रजभाषा]] | + [[ब्रजभाषा]] | ||
- खड़ीबोली भाषा | - खड़ीबोली भाषा | ||
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{किस भाषा को वैज्ञानिक ने [[बिहारी भाषाएँ|बिहारी]] और [[मैथिली भाषा|मैथिली]] मागधी से निकली होने के कारण हिन्दी से पृथक् माना है? | {किस भाषा को वैज्ञानिक ने [[बिहारी भाषाएँ|बिहारी]] और [[मैथिली भाषा|मैथिली]] मागधी से निकली होने के कारण हिन्दी से पृथक् माना है? | ||
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- हार्नले | - हार्नले | ||
+ सुनीति कुमार चटर्जी | + सुनीति कुमार चटर्जी | ||
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{[[देवनागरी लिपि]] को राष्ट्रलिपि के रूप में कब स्वीकार किया गया था?? | {[[देवनागरी लिपि]] को राष्ट्रलिपि के रूप में कब स्वीकार किया गया था?? | ||
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+([[14 सितम्बर]], [[1949]]) | +([[14 सितम्बर]], [[1949]]) | ||
- ([[21 सितम्बर]], 1949) | - ([[21 सितम्बर]], 1949) | ||
Line 103: | Line 103: | ||
{'रानी केतकी की कहानी' की भाषा को कहा जाता है? | {'रानी केतकी की कहानी' की भाषा को कहा जाता है? | ||
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- हिन्दुस्तानी | - हिन्दुस्तानी | ||
+ खड़ीबोली | + खड़ीबोली | ||
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{[[देवनागरी लिपि]] का विकास किस लिपि से हुआ है? | {[[देवनागरी लिपि]] का विकास किस लिपि से हुआ है? | ||
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- [[खरोष्ठी लिपि]] | - [[खरोष्ठी लिपि]] | ||
- कुटिल लिपि | - कुटिल लिपि | ||
Line 118: | Line 118: | ||
{'बाँगरू' बोली का किस बोली से निकट सम्बन्ध है? | {'बाँगरू' बोली का किस बोली से निकट सम्बन्ध है? | ||
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- कन्नौजी | - कन्नौजी | ||
- बुन्देली | - बुन्देली | ||
Line 125: | Line 125: | ||
{मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाओं का स्थिति काल रहा है? | {मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाओं का स्थिति काल रहा है? | ||
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- (1500 ई.पू. से 500 ई.पू.) | - (1500 ई.पू. से 500 ई.पू.) | ||
- (1000 ई.पू. से 500 ई.पू.) | - (1000 ई.पू. से 500 ई.पू.) | ||
Line 132: | Line 132: | ||
{'प्राचीन देशभाषा' (पूर्व अपभ्रंश) को 'अपभ्रंश' तथा परवर्ती अर्थात् अग्रसरीभूत अपभ्रंश को 'अवहट्ठ' किस भाषा वैज्ञानिक ने कहा है? | {'प्राचीन देशभाषा' (पूर्व अपभ्रंश) को 'अपभ्रंश' तथा परवर्ती अर्थात् अग्रसरीभूत अपभ्रंश को 'अवहट्ठ' किस भाषा वैज्ञानिक ने कहा है? | ||
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- ग्रियर्सन | - ग्रियर्सन | ||
- भोलानाथ तिवारी | - भोलानाथ तिवारी | ||
Line 139: | Line 139: | ||
{अर्द्धमागधी अपभ्रंश से इनमें से किस बोली का विकास हुआ है? | {अर्द्धमागधी अपभ्रंश से इनमें से किस बोली का विकास हुआ है? | ||
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- पश्चिमी | - पश्चिमी | ||
- [[बिहारी भाषाएँ|बिहारी]] | - [[बिहारी भाषाएँ|बिहारी]] | ||
Line 146: | Line 146: | ||
{कामताप्रसाद गुरु का हिन्दी व्याकरण विषयक ग्रंथ, जो नागरी प्रचारिणी सभा, काशी से प्रकाशित हुआ था, उसका नाम था? | {कामताप्रसाद गुरु का हिन्दी व्याकरण विषयक ग्रंथ, जो नागरी प्रचारिणी सभा, काशी से प्रकाशित हुआ था, उसका नाम था? | ||
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- [[हिन्दी]] का सरल व्याकरण | - [[हिन्दी]] का सरल व्याकरण | ||
- हिन्दी का प्रामाणिक व्याकरण | - हिन्दी का प्रामाणिक व्याकरण | ||
Line 153: | Line 153: | ||
{[[देवनागरी लिपि]] है? | {[[देवनागरी लिपि]] है? | ||
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- वर्णात्मक | - वर्णात्मक | ||
- वर्णात्मक और अक्षरात्मक दोनों | - वर्णात्मक और अक्षरात्मक दोनों | ||
Line 160: | Line 160: | ||
{विद्यापति की उस प्रमुख रचना का नाम बताइए, जिसमें 'अवहट्ठ' भाषा का बहुतायत से प्रयोग हुआ है? | {विद्यापति की उस प्रमुख रचना का नाम बताइए, जिसमें 'अवहट्ठ' भाषा का बहुतायत से प्रयोग हुआ है? | ||
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- कीर्तिपताका | - कीर्तिपताका | ||
+ कीर्तिलता | + कीर्तिलता | ||
Line 167: | Line 167: | ||
{जॉर्ज ग्रियर्सन ने पश्चिमोत्तर समुदाय की भाषा को आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं की किस उपशाखा में रखा है? | {जॉर्ज ग्रियर्सन ने पश्चिमोत्तर समुदाय की भाषा को आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं की किस उपशाखा में रखा है? | ||
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- भीतरी उपशाखा | - भीतरी उपशाखा | ||
+ बाहरी उपशाखा | + बाहरी उपशाखा | ||
Line 174: | Line 174: | ||
{[[उर्दू भाषा|उर्दू]] किस भाषा का मूल शब्द है? | {[[उर्दू भाषा|उर्दू]] किस भाषा का मूल शब्द है? | ||
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+ तुर्की भाषा'' | + तुर्की भाषा'' | ||
- ईरानी भाषा | - ईरानी भाषा | ||
Line 181: | Line 181: | ||
{'साहित्य का इतिहास दर्शन' ग्रंथ के लेखक का नाम है? | {'साहित्य का इतिहास दर्शन' ग्रंथ के लेखक का नाम है? | ||
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- डॉ. श्यामसुन्दर दास | - डॉ. श्यामसुन्दर दास | ||
-आचार्य रामचन्द्र शुक्ल | -आचार्य रामचन्द्र शुक्ल | ||
Line 188: | Line 188: | ||
{आचार्य रामचन्द्र शुक्ल कृत 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' की अधिकांश सामग्री पुस्तकाकार प्रकाशन के पूर्व 'हिन्दी शब्द- सागर की भूमिका में छपी थी। इस भूमिका में उसका शीर्षक था? | {आचार्य रामचन्द्र शुक्ल कृत 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' की अधिकांश सामग्री पुस्तकाकार प्रकाशन के पूर्व 'हिन्दी शब्द- सागर की भूमिका में छपी थी। इस भूमिका में उसका शीर्षक था? | ||
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- [[हिन्दी]] साहित्य का उद्भव और विकास | - [[हिन्दी]] साहित्य का उद्भव और विकास | ||
+हिन्दी साहित्य का विकास | +हिन्दी साहित्य का विकास | ||
Line 195: | Line 195: | ||
{जॉर्ज ग्रियर्सन का इतिहास ग्रन्थ 'मॉडर्न वर्नाक्युलर लिटरेचर ऑफ़ नॉदर्न हिन्दुस्तान' का प्रकाशन हुआ था? | {जॉर्ज ग्रियर्सन का इतिहास ग्रन्थ 'मॉडर्न वर्नाक्युलर लिटरेचर ऑफ़ नॉदर्न हिन्दुस्तान' का प्रकाशन हुआ था? | ||
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-([[1887]]) | -([[1887]]) | ||
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Line 203: | Line 203: | ||
{"जिस कालखण्ड के भीतर किसी विशेष ढंग की रचनाओं की प्रचुरता दिखाई पड़ी है, वह एक अलग काल माना गया है और उसका नामकरण उन्हीं रचनाओं के अनुसार किया गया है" यह मान्यता किस इतिहासकार की है?===== | {"जिस कालखण्ड के भीतर किसी विशेष ढंग की रचनाओं की प्रचुरता दिखाई पड़ी है, वह एक अलग काल माना गया है और उसका नामकरण उन्हीं रचनाओं के अनुसार किया गया है" यह मान्यता किस इतिहासकार की है?===== | ||
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Revision as of 06:10, 23 December 2010
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