मुंज रास: Difference between revisions
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*[[कर्नाटक]] के राजा 'तैलप' के यहाँ बन्दी के रुप में 'मुंज' का प्रेम तैलप की विधवा पुत्री 'मृणालवती' से ही जाता है। मुंज उसको लेकर बन्दीगृह से भागने का प्रस्ताव करता है किन्तु मृणालवती अपने प्रेमी को वहीं रखकर अपना प्रणय सम्बन्ध निभाना चाहती थी, इसलिए उसने तैलप को भेद दे दिया जिसके परिणामस्वरुप क्रोधी तैलप ने मृणालवती के सामने ही उसके प्रेमी मुंज को हाथी से कुचलवाकर मार डाला। | *[[कर्नाटक]] के राजा 'तैलप' के यहाँ बन्दी के रुप में 'मुंज' का प्रेम तैलप की विधवा पुत्री 'मृणालवती' से ही जाता है। मुंज उसको लेकर बन्दीगृह से भागने का प्रस्ताव करता है किन्तु मृणालवती अपने प्रेमी को वहीं रखकर अपना प्रणय सम्बन्ध निभाना चाहती थी, इसलिए उसने तैलप को भेद दे दिया जिसके परिणामस्वरुप क्रोधी तैलप ने मृणालवती के सामने ही उसके प्रेमी मुंज को हाथी से कुचलवाकर मार डाला। | ||
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Revision as of 13:45, 30 May 2011
- मुंज रास अपभ्रंश की रचना है।
- इसमें लेखक का नाम कहीं नहीं दिया गया।
- रचना काल के विषय में कोई निश्चित मत नहीं मिलता।
- हेमचन्द्र की यह व्याकरण रचना सं. 1190 की है।
- मुंज का शासन काल 1000 - 1054 वि. माना जाता है। इसलिए यह रचना 1054 - 1090 वि. के बीच कभी लिखी गई होगी।
- इसमें मुंज के जीवन की एक प्रणय कथा का चित्रण है।
- कर्नाटक के राजा 'तैलप' के यहाँ बन्दी के रुप में 'मुंज' का प्रेम तैलप की विधवा पुत्री 'मृणालवती' से ही जाता है। मुंज उसको लेकर बन्दीगृह से भागने का प्रस्ताव करता है किन्तु मृणालवती अपने प्रेमी को वहीं रखकर अपना प्रणय सम्बन्ध निभाना चाहती थी, इसलिए उसने तैलप को भेद दे दिया जिसके परिणामस्वरुप क्रोधी तैलप ने मृणालवती के सामने ही उसके प्रेमी मुंज को हाथी से कुचलवाकर मार डाला।
- कथा सूत्र को देखते हुए रचना छोटी प्रतीत नहीं होती।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रासो काव्य : वीरगाथायें (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 15 मई, 2011।