मधुबनी: Difference between revisions
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मधुबनी नगर उत्तर-मध्य [[बिहार]] राज्य, पूवोतर [[भारत]] में है। यह दरभंगा नगर से 26 किलोमीटर पूवोत्तर में स्थित है। मधुबनी का यह नाम निकट के जंगलो में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले शहद के कारण पड़ा (मुध अर्थात शहद और बनी, अर्थात जंगल) कपडे, गन्ने, आम, तिलहन, चावल और मछली का व्यापार आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण है और टोकरियाँ, मिट्टी के बर्तन, हथकरघे पर बने कपड़े व लकड़ी का फर्नीचर कुटीर उद्योगों द्धारा निर्मित किया जाता है। ऐतिहासिक रूप से मधुबनी मैथिली संस्कृति का केंद रहा है। इस नगर और इस के अन्य नगरों में महिलाएं लंबे समय से अपने घरों को एक विशेष शैली में चित्रित करती रही है। हाल के वर्षों में उन्होंने ऐसी ही कृतियाँ [[काग़ज़]] पर भी बनाई, जो भारत और विदेशों में भी लोकप्रिय हुई है। गंगा देवी जैसी कई मधुबनी कलाकारों ने उल्लेखनीय प्रसिद्धि हासिल की है। आसपास का क्षेत्र मध्य गांगेय मैदानों के उपजाऊ क्षेत्र में स्थित है। जिसके उत्तरी भाग में [[नेपाल]] की सीमा है। बालन, कनीला और सुगरवे प्रमुख नदियाँ है। | मधुबनी नगर उत्तर-मध्य [[बिहार]] राज्य, पूवोतर [[भारत]] में है। यह दरभंगा नगर से 26 किलोमीटर पूवोत्तर में स्थित है। मधुबनी का यह नाम निकट के जंगलो में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले शहद के कारण पड़ा (मुध अर्थात शहद और बनी, अर्थात जंगल) कपडे, गन्ने, आम, तिलहन, चावल और मछली का व्यापार आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण है और टोकरियाँ, मिट्टी के बर्तन, हथकरघे पर बने कपड़े व लकड़ी का फर्नीचर कुटीर उद्योगों द्धारा निर्मित किया जाता है। ऐतिहासिक रूप से मधुबनी मैथिली संस्कृति का केंद रहा है। इस नगर और इस के अन्य नगरों में महिलाएं लंबे समय से अपने घरों को एक विशेष शैली में चित्रित करती रही है। हाल के वर्षों में उन्होंने ऐसी ही कृतियाँ [[काग़ज़]] पर भी बनाई, जो भारत और विदेशों में भी लोकप्रिय हुई है। गंगा देवी जैसी कई मधुबनी कलाकारों ने उल्लेखनीय प्रसिद्धि हासिल की है। आसपास का क्षेत्र मध्य गांगेय मैदानों के उपजाऊ क्षेत्र में स्थित है। जिसके उत्तरी भाग में [[नेपाल]] की सीमा है। बालन, कनीला और सुगरवे प्रमुख नदियाँ है। |
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thumb|250px|मधुबनी की चित्रकला
मधुबनी नगर उत्तर-मध्य बिहार राज्य, पूवोतर भारत में है। यह दरभंगा नगर से 26 किलोमीटर पूवोत्तर में स्थित है। मधुबनी का यह नाम निकट के जंगलो में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले शहद के कारण पड़ा (मुध अर्थात शहद और बनी, अर्थात जंगल) कपडे, गन्ने, आम, तिलहन, चावल और मछली का व्यापार आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण है और टोकरियाँ, मिट्टी के बर्तन, हथकरघे पर बने कपड़े व लकड़ी का फर्नीचर कुटीर उद्योगों द्धारा निर्मित किया जाता है। ऐतिहासिक रूप से मधुबनी मैथिली संस्कृति का केंद रहा है। इस नगर और इस के अन्य नगरों में महिलाएं लंबे समय से अपने घरों को एक विशेष शैली में चित्रित करती रही है। हाल के वर्षों में उन्होंने ऐसी ही कृतियाँ काग़ज़ पर भी बनाई, जो भारत और विदेशों में भी लोकप्रिय हुई है। गंगा देवी जैसी कई मधुबनी कलाकारों ने उल्लेखनीय प्रसिद्धि हासिल की है। आसपास का क्षेत्र मध्य गांगेय मैदानों के उपजाऊ क्षेत्र में स्थित है। जिसके उत्तरी भाग में नेपाल की सीमा है। बालन, कनीला और सुगरवे प्रमुख नदियाँ है।
कृषि और खनिज
कृषि मुख्य व्यवसाय है और यहाँ चावल, गेहूँ, मक्का, दलहन (फलिया), गन्ना व तिलहन उगाए जाते हैं।
उद्योग और व्यापार
उद्योगों में चावल दाल (अरहर) और चीनी की मिलें है। इस क्षेत्र में सड़कों क एक जाल बिछा हुआ है और यहाँ पूर्वोत्तर रेल सेवा की शाखाएं भी फैली है।
चित्रकला
मधुबनी चित्रकला के लिए प्रख्यात है। 2003 ई. में लन्दन में आयोजित कला प्रदर्शनी में मधुबनी पेंटिंग्स को बहुत प्रशंसा मिली थी।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार मधुबनी शहर की कुल जनसंख्या 66,285 है; और मधुबनी ज़िले की कुल जनसंख्या 35,70,651 है।
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