हर्षनाथ नगर: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
*हर्षनाथ नगर वर्तमान [[राजस्थान]] राज्य में सीकर के निकट स्थित है। | |||
*हर्षनाथ नगर वर्तमान [[राजस्थान]] राज्य | *स्थानीय [[अनुश्रुति]] के अनुसार यह नगर पूर्वकाल में 36 मील के घेरे में बसा हुआ था। | ||
*स्थानीय अनुश्रुति के अनुसार यह नगर पूर्वकाल में 36 मील के घेरे में बसा हुआ था। | |||
*वर्तमान में हर्षनाथ नामक ग्राम हर्षगिरि पहाड़ी की तलहटी में बसा हुआ है और सीकर से प्रायः आठ मील दक्षिण-पूर्व में हैं। | *वर्तमान में हर्षनाथ नामक ग्राम हर्षगिरि पहाड़ी की तलहटी में बसा हुआ है और सीकर से प्रायः आठ मील दक्षिण-पूर्व में हैं। | ||
*हर्षगिरि ग्राम के पास हर्षगिरि नामक पहाड़ी है, जो 3, 000 फुट ऊँची है और इस पर लगभग 900 वर्ष से अधिक प्राचीन मंदिरों के खण्डहर हैं। | *हर्षगिरि ग्राम के पास हर्षगिरि नामक पहाड़ी है, जो 3, 000 फुट ऊँची है और इस पर लगभग 900 वर्ष से अधिक प्राचीन मंदिरों के खण्डहर हैं। | ||
*इन मंदिरों में एक काले | *इन मंदिरों में एक काले पत्थर पर उत्कीर्ण लेख प्राप्त हुआ है, जो शिवस्तुति से प्रारम्भ होता है और जो पौराणिक कथा के रूप में लिखा गया है लेख में हर्षगिरि और मन्दिर का वर्णन है और इसमें कहा गया है कि मन्दिर के निर्माण का कार्य [[आषाढ़]] [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] [[त्रयोदशी]], [[सोमवार]] 1030 [[विक्रम सम्वत|विक्रम सम्वत्]] (956 ई.) को प्रारम्भ होकर विग्रहराज चौहान के समय में 1030 विक्रम सम्वत (973 ई.) को पूरा हुआ था। | ||
*यह लेख [[संस्कृत]] में है और इसे रामचन्द्र नामक कवि ने लेखबद्ध किया था। मंदिर के भग्नावशेषों में अनेक सुंदर कलापूर्ण मूर्तियाँ तथा स्तंभ आदि प्राप्त हुए हैं, जिनमें से अधिकांश सीकर के संग्रहालय में सुरक्षित हैं। | *यह लेख [[संस्कृत]] में है और इसे रामचन्द्र नामक कवि ने लेखबद्ध किया था। | ||
*मंदिर के भग्नावशेषों में अनेक सुंदर कलापूर्ण मूर्तियाँ तथा स्तंभ आदि प्राप्त हुए हैं, जिनमें से अधिकांश सीकर के संग्रहालय में सुरक्षित हैं। | |||
Revision as of 11:59, 16 September 2011
- हर्षनाथ नगर वर्तमान राजस्थान राज्य में सीकर के निकट स्थित है।
- स्थानीय अनुश्रुति के अनुसार यह नगर पूर्वकाल में 36 मील के घेरे में बसा हुआ था।
- वर्तमान में हर्षनाथ नामक ग्राम हर्षगिरि पहाड़ी की तलहटी में बसा हुआ है और सीकर से प्रायः आठ मील दक्षिण-पूर्व में हैं।
- हर्षगिरि ग्राम के पास हर्षगिरि नामक पहाड़ी है, जो 3, 000 फुट ऊँची है और इस पर लगभग 900 वर्ष से अधिक प्राचीन मंदिरों के खण्डहर हैं।
- इन मंदिरों में एक काले पत्थर पर उत्कीर्ण लेख प्राप्त हुआ है, जो शिवस्तुति से प्रारम्भ होता है और जो पौराणिक कथा के रूप में लिखा गया है लेख में हर्षगिरि और मन्दिर का वर्णन है और इसमें कहा गया है कि मन्दिर के निर्माण का कार्य आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी, सोमवार 1030 विक्रम सम्वत् (956 ई.) को प्रारम्भ होकर विग्रहराज चौहान के समय में 1030 विक्रम सम्वत (973 ई.) को पूरा हुआ था।
- यह लेख संस्कृत में है और इसे रामचन्द्र नामक कवि ने लेखबद्ध किया था।
- मंदिर के भग्नावशेषों में अनेक सुंदर कलापूर्ण मूर्तियाँ तथा स्तंभ आदि प्राप्त हुए हैं, जिनमें से अधिकांश सीकर के संग्रहालय में सुरक्षित हैं।
|
|
|
|
|