पालमपुर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replace - "खूबसूरत" to "ख़ूबसूरत")
Line 1: Line 1:
{{पुनरीक्षण}}
{{पुनरीक्षण}}
{{tocright}}
{{tocright}}
पालमपुर स्‍थानीय भाषा के पुलुम शब्‍द से बना है जिसका अर्थ होता है- '''बहुत सा पानी'''। [[चाय|चाय बागानों]], चीड और देवदार के घने वनों से घिरा पालमपुर देवभूमि [[हिमाचल प्रदेश]] के उत्‍तर पश्चिम में स्थित एक खूबसूरत और लोकप्रिय पर्यटन स्‍थल है। कांगडा घाटी के मध्‍य में बसा यह नगर समुद्र तल से 1219 मीटर की ऊँचाई पर है। चाय और खूबसूरत वनों के अलावा इस नगर की और भी बहुत सी खूबियाँ हैं जो इसे अन्‍य स्‍थानों से अलग करती हैं। मसलन यह क्षेत्र विश्‍व प्रसिद्ध पैरा ग्‍लाइडिंग,धौलाधर पर्वत श्रृंखलाओं के सुंदर दृश्‍यों, शोभा सिंह की आर्ट गैलरी, प्राचीन मंदिरों, अनुकूल जलवायु और 100 मीटर की ऊँचाई से गिरने वाली बुडला नदी के लिए भी जाना जाता है। पालमपुर के ऊपरी हिस्‍से में काफी बर्फबारी होती इसलिए यहाँ विन्‍टर स्‍पोर्ट्स की बहुत-सी गतिविधियों होती रहती हैं।  
पालमपुर स्‍थानीय भाषा के पुलुम शब्‍द से बना है जिसका अर्थ होता है- '''बहुत सा पानी'''। [[चाय|चाय बागानों]], चीड और देवदार के घने वनों से घिरा पालमपुर देवभूमि [[हिमाचल प्रदेश]] के उत्‍तर पश्चिम में स्थित एक ख़ूबसूरत और लोकप्रिय पर्यटन स्‍थल है। कांगडा घाटी के मध्‍य में बसा यह नगर समुद्र तल से 1219 मीटर की ऊँचाई पर है। चाय और ख़ूबसूरत वनों के अलावा इस नगर की और भी बहुत सी खूबियाँ हैं जो इसे अन्‍य स्‍थानों से अलग करती हैं। मसलन यह क्षेत्र विश्‍व प्रसिद्ध पैरा ग्‍लाइडिंग,धौलाधर पर्वत श्रृंखलाओं के सुंदर दृश्‍यों, शोभा सिंह की आर्ट गैलरी, प्राचीन मंदिरों, अनुकूल जलवायु और 100 मीटर की ऊँचाई से गिरने वाली बुडला नदी के लिए भी जाना जाता है। पालमपुर के ऊपरी हिस्‍से में काफी बर्फबारी होती इसलिए यहाँ विन्‍टर स्‍पोर्ट्स की बहुत-सी गतिविधियों होती रहती हैं।  


==दर्शनीय स्थल==
==दर्शनीय स्थल==

Revision as of 12:12, 20 September 2011

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

पालमपुर स्‍थानीय भाषा के पुलुम शब्‍द से बना है जिसका अर्थ होता है- बहुत सा पानीचाय बागानों, चीड और देवदार के घने वनों से घिरा पालमपुर देवभूमि हिमाचल प्रदेश के उत्‍तर पश्चिम में स्थित एक ख़ूबसूरत और लोकप्रिय पर्यटन स्‍थल है। कांगडा घाटी के मध्‍य में बसा यह नगर समुद्र तल से 1219 मीटर की ऊँचाई पर है। चाय और ख़ूबसूरत वनों के अलावा इस नगर की और भी बहुत सी खूबियाँ हैं जो इसे अन्‍य स्‍थानों से अलग करती हैं। मसलन यह क्षेत्र विश्‍व प्रसिद्ध पैरा ग्‍लाइडिंग,धौलाधर पर्वत श्रृंखलाओं के सुंदर दृश्‍यों, शोभा सिंह की आर्ट गैलरी, प्राचीन मंदिरों, अनुकूल जलवायु और 100 मीटर की ऊँचाई से गिरने वाली बुडला नदी के लिए भी जाना जाता है। पालमपुर के ऊपरी हिस्‍से में काफी बर्फबारी होती इसलिए यहाँ विन्‍टर स्‍पोर्ट्स की बहुत-सी गतिविधियों होती रहती हैं।

दर्शनीय स्थल

बीर और बीलिंग

पालमपुर से 35 किमी. दूर स्थित यह गाँव बौद्ध मठों के लिए प्रसिद्ध है। हैंग ग्‍लाइडिंग चालक इस स्‍थान को अपनी लेंडिंग की जगह के रूप मे इस्‍तेमाल करते हैं। बीर चारों ओर से चाय के बागानों से घिरा हुआ है। बीर ही पहाडि़यों के निचले तल में एक एम्‍फीथियेटर भी बना हुआ है और यह क्षेत्र पैरा ग्‍लाइडर्स के उतरने को आदर्श स्‍थान है। बीर में बने बौद्ध मठ और उनमें बिकने वाले तिब्‍बती हस्‍तशिल्‍प का सामान भी बहुत लोकप्रिय है। बीर के ऊपरी भाग में बीलिंग गाँव है। यह देश के सबसे प्रमुख ऐरोस्‍पोर्ट्स केन्‍द्र के रूप में चर्चित है।

बैजनाथ

यहाँ का शिव मंदिर कांगडा घाटी के सबसे शानदार मंदिरों में एक है। इस नगर का प्राचीन नाम किरग्राम था। शिव वैद्यनाथ के कारण इसका नाम वैजनाथ पड़ गया। मंदिर में एक आदत्‍यम भी है जो पिरामिडनुमा मंडप से सजा हुआ है। इस आदत्‍यम में लिंगम स्‍थापित है। यहाँ रावण से संबंधित कुछ मूर्तियों भी हैं। कहा जाता है कि रावण ने इसी स्‍थान पर शिव की उपासना की थी। बैजनाथ 12 ज्‍योर्तिलिंगों में एक है और यहाँ शिवरात्रि पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। बैजनाथ पालमपुर से 16 किमी. दूर है।

न्‍यूगल खद

न्‍यूगल खद से धौलाधर पर्वत श्रृंखला के सुन्‍दर नजारे देखे जा सकते हैं। बरसात के मौसम में यहाँ पानी की ध्‍वनि गरारे सी आवाज करती है। शहरी व्‍यस्‍तता और शोर शराबे से दूर यह स्‍थान पिकनिक के लिए एक आदर्श स्‍थान है।

बुंदला नदी

पालमपुर से 2 किमी. की दूरी पर 100 मीटर की ऊँचाई से गिरने वाली यह नदी पालमपुर के आकर्षण का केन्‍द्र रहती है। मानसून के मौसम में यह नदी अपने विकराल रूप में आ जाती है। अपने साथ पत्‍थरों और शिलाओं को बहाकर लाने वाली यह नदी जब गिरती है तब लगातार काफ़ी तेज आवाजें आती हैं। पालमपुर से बुदला जाने के लिए यहाँ का मार्ग अपनाया जा सकता है।

आन्‍द्रेता

यह स्‍थान कलाकार नोरा रिचर्ड्स, शोभा सिंह और बी सी सन्‍याल का गृह माना जाता है। शोभा सिंह के घर को अब एक गैलरी में तब्‍दील कर दिया गया है। इस गैलरी में उनकी कला को प्रदर्शित किया गया है। आन्‍द्रेता में शिल्‍प और मिट्टी के बर्तनों के केन्‍द्र को भी देखा जा सकता है। आन्‍द्रेता पालमपुर से 13 किमी. की दूरी पर है।

बुंदलामाता मंदिर

पालमपुर से चाय बागानों और खुले खेतों से पैदल चलते हुए बुंदलामाता के ऐतिहासिक मंदिर तक पहुँचा जा सकता है। यह मंदिर मूल रूप से 500 साल पहले बना था। मंदिर पालमपुर से मात्र 2 किमी. दूर है।

टी फैक्‍ट्री

पालमपुर के शुरू में ही यह टी फैक्‍ट्री है। यहाँ की को-ऑपरेटिव सोसाइटी इस फैक्‍ट्री को संचालित करती है। फैक्‍ट्री में चाय बनाने की संपूर्ण प्रक्रिया देखी जा सकती है।  

कैसे जाएँ

वायु मार्ग पालमपुर से 50 किमी. दूर गग्‍गल एयरपोर्ट यहाँ का निकटतम एयरपोर्ट है। रेल मार्ग यहाँ का निकट‍तम रेलवे स्‍टेशन 2 किमी. दूर मरांडा में स्थित है जो नेरौ गैज लाइन से जुड़ा है। यह लाइन पठानकोट और जोगिन्‍दर नगर को जोड़ती है। पठानकोट यहाँ का नजदीकी ब्रोड गैज रेलवे स्‍टेशन है। सड़क मार्ग पालमपुर हिमाचल के लगभग सभी शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। हिमाचल प्रदेश राज्‍य परिवहन निगम की बसें नियमित रूप से पालमपुर को अन्‍य शहरों से जोड़ती हैं।

कब जाएँ

मार्च से जून और सितंबर से नवंबर में घूमने आ सकते हैं। [1]



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पालमपुर (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 18 सितंबर, 2011।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख