नाथद्वार चित्रकला: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
m (चित्रकला नाथद्वार शैली का नाम बदलकर नाथद्वार चित्रकला कर दिया गया है)
(No difference)

Revision as of 08:16, 11 October 2011

  • 1671 में ब्रज से श्रीनाथजी को मूर्ति के नाथद्वार लाये जाने के पश्चात ब्रजवासी चित्रकारों द्वारा मेवाड़ में ही चित्रकला की स्वतंत्र नाथद्वारा शैली का विकास किया गया है।
  • इस शैली में बने चित्रों में श्रीनाथजी की प्राकट्य छवियों, आचार्यों के दैनिक जीवन सम्बंधी विषयों तथा कृष्ण की विविध लीलाओं को दर्शाया गया है।
  • 18 वीं शताब्दी को नाथद्वार कला शैली का चरमोत्कर्ष काल माना जाता है जब कि 19 वीं शताब्दी में इस पर व्यावसायिकता हावी हो गयी और तब से यह शैली निरंतर परिवर्तनशील रही है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख