पड़िला महादेव मंदिर: Difference between revisions

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[[प्रयाग]] पंच कोशी परिक्रमा में, '''पड़िला महादेव मंदिर''' एक बहुत विशेष स्थान है।मंदिर [[शिव|भगवान शिव]] को समर्पित है।
'''पड़िला महादेव मंदिर''' [[प्रयाग]] की पंच कोशी परिक्रमा में एक बहुत विशेष स्थान है। मंदिर [[शिव|भगवान शिव]] को समर्पित है। [[इलाहाबाद]] के उत्तरांचल में जनपद मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर ([[इलाहाबाद]]-[[प्रतापगढ़ ज़िला|प्रतापगढ़]] राष्ट्रीय राजमार्ग 96) फाफामऊ के थरवई गाँव मे स्थित हैं। [[सोमवार]], [[शिवरात्रि]], [[श्रावण माह]], और [[पुरुषोत्तम (अधिक मास)|पुरुषोत्तम माह]] आदि विभिन्न अवसरों पर भक्तों की भीड़ मंदिर में उमड़ती है।
 
[[इलाहाबाद]] के उत्तरांचल मे जनपद मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर ([[इलाहाबाद]]-[[प्रतापगढ़ ज़िला|प्रतापगढ़]] राष्ट्रीय राजमार्ग 96) फाफामऊ के थरवई गाँव मे स्थित हैं।
 
सोमवार, शिवरात्रि, श्रावण माह, और पुरुषोत्तम माह शुभ माना जाता है, विभिन्न अवसरों पर भक्तो की भीड़ मंदिर में उमड़ती है।


==पौराणिक कथा==
==पौराणिक कथा==
यह माना जाता है कि मंदिर के रूप में द्वापर काल पुरानी है और [[पांडव|पांडवों]] द्वारा [[पाटलीपुत्र]] के लिए अपनी यात्रा के दौरान इस जगह का दौरा किया था। वे एक रात के लिए यहां रुके थे और [[भारद्वाज|ऋषि भारद्वाज]] की सलाह पर वे यहां [[शिवलिंग]] स्थापित है। इसलिए, मंदिर पांडेश्वर (पड़िला महादेव) का नाम है।  
यह माना जाता है कि मंदिर के रूप में [[द्वापर युग|द्वापर काल]] पुरानी है और [[पांडव|पांडवों]] द्वारा [[पाटलीपुत्र]] के लिए अपनी यात्रा के दौरान इस जगह का दौरा किया था। वे एक रात के लिए यहां रुके थे और [[भारद्वाज|ऋषि भारद्वाज]] की सलाह पर उन्होंने यहां [[शिवलिंग]] स्थापित किया। इसलिए, मंदिर पांडेश्वर (पड़िला महादेव) का नाम है। यह मन्दिर पूर्ण रूप से पत्थरों से बना हुआ है। गजेटियर के अनुसार यहाँ शिवरात्रि व [[फाल्गुन]] [[कृष्ण पक्ष]] [[अमावस्या]] को मेला लगता है।
 
यह मन्दिर पूर्ण रूप से पत्थरों से बना हुआ है। गजेटियर के अनुसार यहाँ शिवरात्रि व फाल्गुन कृष्ण १५ को मेला लगता है।


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Revision as of 13:37, 11 November 2012

thumb|250px|पड़िला महादेव मंदिर
Padila (Pandeshwar) Mahadev Temple
पड़िला महादेव मंदिर प्रयाग की पंच कोशी परिक्रमा में एक बहुत विशेष स्थान है। मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इलाहाबाद के उत्तरांचल में जनपद मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर (इलाहाबाद-प्रतापगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग 96) फाफामऊ के थरवई गाँव मे स्थित हैं। सोमवार, शिवरात्रि, श्रावण माह, और पुरुषोत्तम माह आदि विभिन्न अवसरों पर भक्तों की भीड़ मंदिर में उमड़ती है।

पौराणिक कथा

यह माना जाता है कि मंदिर के रूप में द्वापर काल पुरानी है और पांडवों द्वारा पाटलीपुत्र के लिए अपनी यात्रा के दौरान इस जगह का दौरा किया था। वे एक रात के लिए यहां रुके थे और ऋषि भारद्वाज की सलाह पर उन्होंने यहां शिवलिंग स्थापित किया। इसलिए, मंदिर पांडेश्वर (पड़िला महादेव) का नाम है। यह मन्दिर पूर्ण रूप से पत्थरों से बना हुआ है। गजेटियर के अनुसार यहाँ शिवरात्रि व फाल्गुन कृष्ण पक्ष अमावस्या को मेला लगता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख