भगता गीत -विद्यापति: Difference between revisions

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गे मैया गे सैह मोन छलउ गे मैया
गे मैया गे सैह मोन छलउ गे मैया
गुणमा नई सिखबीतैं
गुणमा नई सिखबीतैं
आब गाछ चढ़ाकइ छ जकां मारै छ्ैं
आब गाछ चढ़ाकइ छ जकां मारै छै
गे अम्मा बुढ़ी मईया
गे अम्मा बुढ़ी मईया
तेजबऊ परनमा तीरहुत देस में
तेजबऊ परनमा तीरहुत देस में

Latest revision as of 11:57, 2 February 2013

भगता गीत -विद्यापति
कवि विद्यापति
जन्म सन् 1350 से 1374 के मध्य
जन्म स्थान बिसपी गाँव, मधुबनी ज़िला, बिहार
मृत्यु सन् 1440 से 1448 के मध्य
मृत्यु स्थान मगहर, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ कीर्तिलता, मणिमंजरा नाटिका, गंगावाक्यावली, भूपरिक्रमा आदि
भाषा संस्कृत, अवहट्ट और मैथिली
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
विद्यापति की रचनाएँ

ब्राह्मण
इनती करै छी हे ब्राह्मण मिनती करै छी
मिनती करै छी हे ब्राह्मण
कल जोरि करै छी परिणाम
धरम के दुअरिया हो ब्राह्मण
दाता दीनानाथ
कल जोरि करै छी परिणाम
अहर पंछ बीतलै हो ब्राह्मण
पहर पंथ बीतलै
ब्राह्मण छचिन्ह देबता
कल जोरि करै छी परिणाम
छप्पन कोरि देबता हो ब्राह्मण
धरम के दुअरिया
कल जोरि करै छी परिणाम
छप्पन कोरि देबता हो ब्राह्मण
रोकहि छी धरम के दुआरि
गाढ़ बिपत्ति परलै हो ब्राह्मण
बानहि घुमड लगतइ
कल जोरि करै छी परिणाम
अबला जानि खेलई छी हो ब्राह्मण
दाता दीनानाथ कल जोरी करै छी परिणाम
हँसइ खेलाबह हो ब्राह्मण, खैलालै चौपाड़ि
कल जोरि करै छी परिणाम
सुमिरन केलमै हो दाता दीनानाथ
भैरव
इनती करै छी भैरवनाथ
मिनती करै छी
हो भैरब कल जोरि करै छी परणाम... हे
हो भैरब.....
खेल धुप देखाबय हो भैरब,
हो भैरव एकबाली.....
भैरव दुआरि छी हो धरमक दुभारि
हो ओ ओ ओ ओ.....
डनिया जोगनीया भैरबनाथ
जाल तोरड लगतै
हो भैरब कल जोरि करै छी परणाम.....
कालरुप खलई छी हो भैरब
नीपै छी दुआरि हे हे.....ए
खेल-धुप करबै हो भैर बनाय डनीया जोगनीया
कल जोटि करै.....हे हे हे हे
कियै तूं लिखलैं बइमनमा रे
कहलो ने जाइये हे
गुण के लीयों ने सम्हारि यौ.....
डानि जकां खेलई छी भैरबनाथ
सुमिरन देलयै दाता रे दीनानाथ के
अहर पल बीतलै हो भैरब
पहर पल बीतलै
दाता दीनानाथ हो.....
हौ भैरबनाथ कल जोरि करै.....
चोर जकां खेलई छी भैरबनाथ
अबला हो सती कमला माय हे
जैरक बात भैरब एकबाली
हो भैरब कल जोरि.....
गलो नहि चलै हो भैरबनाथ डनिया जोगनिया
हो साबर मन्त्र मारिहइ सम्हारि कइ
साबरा मन्त्र जनि हे रे बौआ दाता दीनानाथ
हो भैरब कल जोरि.....
भगबती

गे अम्मा बुढ़ी मईया
गे अम्मा बुढ़ी मईया
कते गुण सिखलऊँ परदेस में
आगे हमरा के छोड़लैं तीरहुत देस में गे
गे अम्मा बुढ़ी मईया
गे अम्मा बुढ़ी मईया
गुनमा सिखौंलैं गे मईया
अपन दरबार में गे.....
आ कतइ जाक बैसलैं गे मिशचीनमा
गे अम्मा बुढ़ी मईया
गे अम्मा बुढ़ी मईया
गे मैया गे सैह मोन छलउ गे मैया
गुणमा नई सिखबीतैं
आब गाछ चढ़ाकइ छ जकां मारै छै
गे अम्मा बुढ़ी मईया
तेजबऊ परनमा तीरहुत देस में
गे अम्मा बुढ़ी मईया
आई तेजई छी गे मईया
आई तेजई छी गे परनमा
अपने बैसलैं कोन राज में
गे अम्मा बुढ़ी मईया
गे अम्मा बुढ़ी मईया
सोरिये के घेर में गे मईया
नूनमा जे खीलबितै गे
गे अम्मा बुढ़ी मईया
गे अम्मा बुढ़ी मईया
अबियऊ गे मईया अबियऊ तीरहुत देस में
कोना क हेतई बालकडे गुहरिया गे
गे अम्मा बुढ़ी मईया
गे अम्मा बुढ़ी मईया
गे मईया कोना घर में कनै छै हमरा मईया
कोन घर में कनै छै बहिनीया
आगै कोने घर में कनै छै भगता इसतीरीया
गे अम्मा बुढ़ी मईया
गे अम्मा बुढ़ी मईया
आगे गोसाडनिक घर में माई जे कानै छै
ओसरा कानै गै बहीनीया
कोने चार कानै भगता इसतीरीया गे
गे अम्मा बुढ़ी मईया
गे अम्मा बुढ़ी मईया


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