खमाज: Difference between revisions
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*यह राग | *यह राग शृंगारप्रधान है। | ||
*इसके गाने का समय रात्रि का द्वितीय पहर बताया गया है।<ref>{{cite book | last = पांडेय | first = सुधाकर | title = हिन्दी विश्वकोश | edition = 1963 | publisher = नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी | location = भारतडिस्कवरी पुस्तकालय | language = [[हिन्दी]] | pages = पृष्ठ सं 303 | chapter = खण्ड 3 }}</ref> | *इसके गाने का समय रात्रि का द्वितीय पहर बताया गया है।<ref>{{cite book | last = पांडेय | first = सुधाकर | title = हिन्दी विश्वकोश | edition = 1963 | publisher = नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी | location = भारतडिस्कवरी पुस्तकालय | language = [[हिन्दी]] | pages = पृष्ठ सं 303 | chapter = खण्ड 3 }}</ref> | ||
Revision as of 13:19, 25 June 2013
- खमाज भारतीय संगीत का एक राग है।
- यह संपूर्ण षाडव है।
- इसका वादी स्वर गांधार और संवादी निषाद है।
- आरोह में ऋषभ वर्जित है।
- निषाद शुद्ध, अवरोह कोमल और अन्य सभी स्वर शुद्ध लगते हैं।
- यह राग शृंगारप्रधान है।
- इसके गाने का समय रात्रि का द्वितीय पहर बताया गया है।[1]
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