User:रविन्द्र प्रसाद/1: Difference between revisions

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-उपरोक्त में से कोई नहीं
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||[[चित्र:Cows-mathura2.jpg|right|100px|कामधेनु]]'कामधेनु' का वर्णन पौराणिक गाथाओं में एक ऐसी चमत्कारी [[गाय]] के रूप में मिलता है, जिसमें दैवीय शक्तियाँ थीं और जिसके दर्शन मात्र से ही लोगो के दुःख व पीड़ा दूर हो जाती थी। यह [[कामधेनु]] जिसके पास होती थी, उसे हर तरह से चमत्कारिक लाभ होता था। इस गाय का [[दूध]] अमृत के समान माना जाता था। [[महर्षि वसिष्ठ]] क्षमा की प्रतिमूर्ति थे। एक बार [[विश्वामित्र]] उनके अतिथि हुए। वसिष्ठ ने कामधेनु के सहयोग से उनका राजोचित सत्कार किया। कामधेनु की अलौकिक क्षमता को देखकर विश्वामित्र के मन में लोभ उत्पन्न हो गया। उन्होंने इस गाय को वसिष्ठ से लेने की इच्छा प्रकट की। कामधेनु वसिष्ठ जी के लिये आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु महत्त्वपूर्ण साधन थी, अत: इन्होंने उसे देने में असमर्थता व्यक्त की।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कामधेनु]], [[वसिष्ठ]], [[विश्वामित्र]]
||[[चित्र:Cows-mathura2.jpg|right|100px|कामधेनु]]'कामधेनु' का वर्णन पौराणिक गाथाओं में एक ऐसी चमत्कारी [[गाय]] के रूप में मिलता है, जिसमें दैवीय शक्तियाँ थीं और जिसके दर्शन मात्र से ही लोगो के दुःख व पीड़ा दूर हो जाती थी। यह [[कामधेनु]] जिसके पास होती थी, उसे हर तरह से चमत्कारिक लाभ होता था। इस गाय का [[दूध]] अमृत के समान माना जाता था। [[महर्षि वसिष्ठ]] क्षमा की प्रतिमूर्ति थे। एक बार [[विश्वामित्र]] उनके अतिथि हुए। वसिष्ठ ने कामधेनु के सहयोग से उनका राजोचित सत्कार किया। कामधेनु की अलौकिक क्षमता को देखकर विश्वामित्र के मन में लोभ उत्पन्न हो गया। उन्होंने इस गाय को वसिष्ठ से लेने की इच्छा प्रकट की। कामधेनु वसिष्ठ जी के लिये आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु महत्त्वपूर्ण साधन थी, अत: इन्होंने उसे देने में असमर्थता व्यक्त की।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कामधेनु]], [[वसिष्ठ]], [[विश्वामित्र]]
{[[लंका]] में [[राक्षस|राक्षसों]] के कुल देवता का जो स्थान था, उसका क्या नाम था?
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-अशोक वन
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-घृताची
-घृताची
+पुंजिकस्थली
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-जानपदी
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||[[चित्र:Hanuman.jpg|right|100px|हनुमान]]'पुंजिकस्थली' देवराज [[इन्द्र]] की सभा में एक [[अप्सरा]] थी। एक बार जब [[दुर्वासा ऋषि]] इन्द्र की सभा में उपस्थित थे, तब अप्सरा [[पुंजिकस्थली]] बार-बार भीतर आ-जा रही थी। इससे रुष्ट होकर दुर्वासा ऋषि ने उसे वानरी हो जाने का शाप दे डाला। जब उसने बहुत अनुनय-विनय की, तो उसे इच्छानुसार रूप धारण करने का वर मिल गया। इसके बाद गिरज नामक वानर की पत्नी के गर्भ से इसका जन्म हुआ और '[[अंजना]]' नाम पड़ा। युवा अवस्था प्राप्त करने पर [[केसरी वानर राज|वानरराज केसरी]] से इनका [[विवाह]] हुआ और इनके ही गर्भ से वीर [[हनुमान]] का जन्म हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पुंजिकस्थली]]
{[[लंका]] में [[राक्षस|राक्षसों]] के कुल देवता का जो स्थान था, उसका क्या नाम था?
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Revision as of 12:52, 18 October 2013

1 अशोक वाटिका का दूसरा नाम क्या था?

प्रमदावन
कदलीवन
मधुवन
वृन्दावन

2 महर्षि वाल्मीकि का बचपन का नाम क्या था?

रत्नेश
रत्नसेन
रत्नाकर
रत्नाभ

3 लंका के दहन के पश्चात हनुमान जिस पर्वत पर चढ़कर समुद्र लाँघकर वापस आये थे, उसका नाम क्या था?

अरिष्ट
मैनाक
गिरनार
विन्ध्याचल

4 महर्षि वसिष्ठ की गाय का नाम क्या था?

कपिला
कामधेनु
शैलोदा
उपरोक्त में से कोई नहीं

5 लंका में राक्षसों के कुल देवता का जो स्थान था, उसका क्या नाम था?

अशोक वन
निकुंभिला
चैत्य प्रासाद
कदंब वर्त

6 निम्नलिखित में से कौन कुबेर के सेनापति हैं?

मणिमान
मणिग्रीव
मणिध्वज
मणिभद्र

7 विभीषण के उस अनुचर का नाम क्या था, जिसने पक्षी का रूप धारण कर लंका जाकर रावण की रक्षा व्यवस्था तथा सैन्य शक्ति का पता लगाया था?

आशुवंत
अनल
अघ्र
अभि

8 उस सरोवर का क्या नाम था, जो एक योजन लम्बा तथा इतना ही चौड़ा था?

पंपासर
अमृतसर
पंचाप्सर
मानसर

9 रावण ने सुग्रीव के पास जो दूत भेजा था, उसका नाम क्या था?

प्रघस
महोदर
शुक
धूम्राक्ष

10 हनुमानजी की माता पूर्वजन्म में एक अप्सरा थीं। अप्सरा रूप में उनका नाम क्या था?

घृताची
पुंजिकस्थली
उर्वशी
जानपदी