ईरान: Difference between revisions

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'[[भविष्य पुराण]]' के अनुसार वर्ण-व्यवस्था ईरान के ब्राह्मणों की देन है। उन्होंने ही [[ब्राह्मण]], [[क्षत्रिय]], [[वैश्य]] और [[शूद्र]] जातियों में समाज को बाँटा था। यह निर्विवाद रूप से सत्य है कि ईरानी पुरोहित मग ज्योतिष विद्या में पारंगत थे। मग ब्राह्मणों के अतिरिक्त भोजक और अग्नि उपासक भी ईरान से यहाँ आए थे, जो बाद में '[[आर्य]]' कहलाने लगे।  
'[[भविष्य पुराण]]' के अनुसार वर्ण-व्यवस्था ईरान के ब्राह्मणों की देन है। उन्होंने ही [[ब्राह्मण]], [[क्षत्रिय]], [[वैश्य]] और [[शूद्र]] जातियों में समाज को बाँटा था। यह निर्विवाद रूप से सत्य है कि ईरानी पुरोहित मग ज्योतिष विद्या में पारंगत थे। मग ब्राह्मणों के अतिरिक्त भोजक और अग्नि उपासक भी ईरान से यहाँ आए थे, जो बाद में '[[आर्य]]' कहलाने लगे।  
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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[[Category:विदेशी स्थान]]
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Revision as of 09:04, 31 July 2010

ईरान, जंबुद्वीप (एशिया) के दक्षिण-पश्चिम खंड में स्थित देश है। ईरान को सन 1935 तक फारस नाम से भी जाना जाता है। ईरान देश उत्तर-पूर्व में तुर्कमेनिस्तान, उत्तर में कैस्पियन सागर और अज़रबैजान, दक्षिण में फारस की खाड़ी, पश्चिम में इराक और तुर्की, पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान तथा पाकिस्तान से घिरा है । ईरान की राजधानी तेहरान है। यहाँ का प्रमुख धर्म इस्लाम है तथा यह क्षेत्र शिया बहुल है ।

ईरान प्राचीन काल में बड़े साम्राज्यों की भूमि रह चुका है। सन 1979 ई॰ में ईरान को इस्लामिक गणराज्य घोषित किया गया था। ईरान के प्रमुख शहर तेहरान, इस्फ़हान, तबरेज़, मशहद इत्यादि हैं। ईरान की राजधानी तेहरान में देश की 15 प्रतिशत जनता वास करती है। ईरान की अर्थव्यवस्था मुख्यतः तेल और प्राकृतिक गैस निर्यात पर निर्भर है। फ़ारसी भाषा यहाँ की मुख्य भाषा है। ईरान के हखामनी शासन-काल में संपूर्ण पश्चिम एशिया में आरमेई भाषा तथा लिपि का प्रचार था।

'भविष्य पुराण' के अनुसार वर्ण-व्यवस्था ईरान के ब्राह्मणों की देन है। उन्होंने ही ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र जातियों में समाज को बाँटा था। यह निर्विवाद रूप से सत्य है कि ईरानी पुरोहित मग ज्योतिष विद्या में पारंगत थे। मग ब्राह्मणों के अतिरिक्त भोजक और अग्नि उपासक भी ईरान से यहाँ आए थे, जो बाद में 'आर्य' कहलाने लगे।