केंद्रीय विश्वविद्यालय: Difference between revisions
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*राष्ट्रपति या कुलाध्यक्ष विश्वविद्यालय अधिनियम में प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार [[विश्वविद्यालय]] की कार्यकारी समिति, प्रबंधन बोर्ड, न्यायालय अथवा चयन समिति में कुछ सदस्यों को नामित करता है। | *राष्ट्रपति या कुलाध्यक्ष विश्वविद्यालय अधिनियम में प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार [[विश्वविद्यालय]] की कार्यकारी समिति, प्रबंधन बोर्ड, न्यायालय अथवा चयन समिति में कुछ सदस्यों को नामित करता है। | ||
*राष्ट्रपति कुलाध्यक्ष के रूप में संशोधनों, स्थिति में कुछ जोड़ने व निरस्त करने, अध्यादेशों पर रोक लगाने तथा अनुमोदित न करने, विश्वविद्यालयों से संबंधित मामलों में जांच के आदेश देने तथा कार्यकारी परिषद एवं चयन समिति के बीच विवादों के समाधान के संबंध में अपनी शक्तियों का प्रयोग करता है। | *राष्ट्रपति कुलाध्यक्ष के रूप में संशोधनों, स्थिति में कुछ जोड़ने व निरस्त करने, अध्यादेशों पर रोक लगाने तथा अनुमोदित न करने, विश्वविद्यालयों से संबंधित मामलों में जांच के आदेश देने तथा कार्यकारी परिषद एवं चयन समिति के बीच विवादों के समाधान के संबंध में अपनी शक्तियों का प्रयोग करता है। | ||
*केंद्रीय विश्वविद्यालय में कुलाध्यक्ष द्वारा नामित कुलाध्यक्ष के प्रतिनिधियों की नियुक्ति में सचिवालय सेवाएं प्रदान करता है और प्रत्येक उस मामले की जांच करता है जो कुलाध्यक्ष के विचारार्थ या उनके आदेशों के लिए आता है। | *केंद्रीय विश्वविद्यालय में कुलाध्यक्ष द्वारा नामित कुलाध्यक्ष के प्रतिनिधियों की नियुक्ति में सचिवालय सेवाएं प्रदान करता है और प्रत्येक उस मामले की जांच करता है जो कुलाध्यक्ष के विचारार्थ या उनके आदेशों के लिए आता है। | ||
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Revision as of 08:35, 4 November 2014
भारत के राष्ट्रपति सभी केन्द्रीय विश्वविद्यालयों का कुलाध्यक्ष हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के क्षेत्राधिकार में संसद के अधिनियम के तहत सृजित 23 केन्द्रीय विश्वविद्यालय हैं। जबकि इनमें से 22 विश्वविद्यालयों की देख-रेख एवं विकास के लिए अनुदान 'केन्द्र सरकार' द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के माध्यम से दिया जाता है। परन्तु इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली को निधियां सीधी मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाती है।
- राष्ट्रपति या कुलाध्यक्ष विश्वविद्यालय अधिनियम में प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार विश्वविद्यालय की कार्यकारी समिति, प्रबंधन बोर्ड, न्यायालय अथवा चयन समिति में कुछ सदस्यों को नामित करता है।
- राष्ट्रपति कुलाध्यक्ष के रूप में संशोधनों, स्थिति में कुछ जोड़ने व निरस्त करने, अध्यादेशों पर रोक लगाने तथा अनुमोदित न करने, विश्वविद्यालयों से संबंधित मामलों में जांच के आदेश देने तथा कार्यकारी परिषद एवं चयन समिति के बीच विवादों के समाधान के संबंध में अपनी शक्तियों का प्रयोग करता है।
- केंद्रीय विश्वविद्यालय में कुलाध्यक्ष द्वारा नामित कुलाध्यक्ष के प्रतिनिधियों की नियुक्ति में सचिवालय सेवाएं प्रदान करता है और प्रत्येक उस मामले की जांच करता है जो कुलाध्यक्ष के विचारार्थ या उनके आदेशों के लिए आता है।
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