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         '''[[नैनीताल]]''' [[उत्तराखण्ड]] का प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल है। नैनीताल में सबसे प्रमुख झील [[नैनी झील]] है जिसके नाम पर इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा। इसे [[भारत]] का 'लेक डिस्ट्रिक्ट' कहा जाता है। पौराणिक इतिहासकारों के अनुसार मानसखंड के अध्याय 40 से 51 तक नैनीताल क्षेत्र के पुण्य स्थलों, नदी, नालों और पर्वत श्रृंखलाओं का 219 श्लोकों में वर्णन मिलता है। मानसखंड में नैनीताल और कोटाबाग़ के बीच के [[पर्वत]] को शेषगिरि पर्वत कहा गया है, जिसके एक छोर पर सीतावनी स्थित है। कहा जाता है कि सीतावनी में भगवान [[राम]] व [[सीता]] जी ने कुछ समय बिताया है। जनश्रुति है कि सीता सीतावनी में ही अपने पुत्रों [[लव]] व [[कुश]] के साथ राम द्वारा वनवास दिये जाने के दिनों में रही थीं। [[नैनीताल|... और पढ़ें]]
         '''[[नैनीताल]]''' [[उत्तराखण्ड]] का प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल है। नैनीताल में सबसे प्रमुख झील [[नैनी झील]] है जिसके नाम पर इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा। इसे [[भारत]] का 'लेक डिस्ट्रिक्ट' कहा जाता है। पौराणिक इतिहासकारों के अनुसार मानसखंड के अध्याय 40 से 51 तक नैनीताल क्षेत्र के पुण्य स्थलों, नदी, नालों और पर्वत श्रृंखलाओं का 219 श्लोकों में वर्णन मिलता है। मानसखंड में नैनीताल और कोटाबाग़ के बीच के [[पर्वत]] को शेषगिरि पर्वत कहा गया है, जिसके एक छोर पर सीतावनी स्थित है। कहा जाता है कि सीतावनी में भगवान [[राम]] व [[सीता]] जी ने कुछ समय बिताया है। जनश्रुति है कि सीता सीतावनी में ही अपने पुत्रों [[लव कुश|लव]] व [[लव कुश|कुश]] के साथ राम द्वारा वनवास दिये जाने के दिनों में रही थीं। [[नैनीताल|... और पढ़ें]]
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Revision as of 15:17, 20 November 2014

एक पर्यटन स्थल

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        नैनीताल उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल है। नैनीताल में सबसे प्रमुख झील नैनी झील है जिसके नाम पर इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा। इसे भारत का 'लेक डिस्ट्रिक्ट' कहा जाता है। पौराणिक इतिहासकारों के अनुसार मानसखंड के अध्याय 40 से 51 तक नैनीताल क्षेत्र के पुण्य स्थलों, नदी, नालों और पर्वत श्रृंखलाओं का 219 श्लोकों में वर्णन मिलता है। मानसखंड में नैनीताल और कोटाबाग़ के बीच के पर्वत को शेषगिरि पर्वत कहा गया है, जिसके एक छोर पर सीतावनी स्थित है। कहा जाता है कि सीतावनी में भगवान रामसीता जी ने कुछ समय बिताया है। जनश्रुति है कि सीता सीतावनी में ही अपने पुत्रों लवकुश के साथ राम द्वारा वनवास दिये जाने के दिनों में रही थीं। ... और पढ़ें


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