जहाज़रानी मंत्रालय: Difference between revisions

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#युद्ध के परिवहन विभाग
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युद्ध के परिवहन विभाग को आवंटित कार्यों में प्रमुख बंदरगाहों, रेलवे प्राथमिकताओं, सड़क और जल परिवहन, पेट्रोल राशन और प्रोड्यूसर गैस के उपयोग शामिल हैं। मोटे तौर पर देखा जाए तो युद्ध के परिवहन विभाग का कार्य-युद्ध के समय में परिवहन के लिए जहाजों की मांग, तटीय शिपिंग का प्रशासन और प्रमुख बंदरगाहों का विकास था। बाद में, निर्यात की योजना बनाना परिवहन प्राथमिकता के विभाग लिया गया था।
युद्ध के परिवहन विभाग को आवंटित कार्यों में प्रमुख बंदरगाहों, रेलवे प्राथमिकताओं, सड़क और जल परिवहन, पेट्रोल राशन और प्रोड्यूसर गैस के उपयोग शामिल हैं। मोटे तौर पर देखा जाए तो युद्ध के परिवहन विभाग का कार्य-युद्ध के समय में परिवहन के लिए जहाजों की मांग, तटीय शिपिंग का प्रशासन और प्रमुख बंदरगाहों का विकास था। बाद में, निर्यात की योजना बनाना परिवहन प्राथमिकता के विभाग लिया गया था। सरकार ने बंदरगाहों के निर्माण और रखरखाव से संबंधित परियोजनाओं के तहत 100 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी है। दस साल कर छूट बंदरगाहों, अंतर्देशीय जलमार्ग और अंतर्देशीय बंदरगाहों के संचालन के कारोबार में लगे उद्यमों के लिए दिया गया है।
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Latest revision as of 08:31, 19 November 2016

जहाज़रानी मंत्रालय
विवरण 'जहाज़रानी मंत्रालय' भारत सरकार का विशिष्ट मंत्रालय है। इस मंत्रालय के भीतर जहाज़ निर्माण और मरम्मत, प्रमुख बंदरगाहों, राष्ट्रीय जलमार्ग और अंतर्देशीय जल परिवहन भी शामिल है।
देश भारत
मुख्यालय परिवहन भवन, 1 संसद मार्ग, नई दिल्ली
उत्तरदायी नितिन गडकरी
अन्य जानकारी सरकार ने बंदरगाहों के निर्माण और रखरखाव से संबंधित परियोजनाओं के तहत 100 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी है। दस साल कर छूट बंदरगाहों, अंतर्देशीय जलमार्ग और अंतर्देशीय बंदरगाहों के संचालन के कारोबार में लगे उद्यमों के लिए दिया गया है।

जहाज़रानी मंत्रालय (अंग्रेज़ी: Ministry of Shipping) भारत सरकार का मंत्रालय है। यह मंत्रालय नियमों और विनियमों और शिपिंग से संबंधित क़ानूनों के निर्माण और प्रशासन के लिए शीर्ष निकाय है। नितिन गडकरी वर्ष 2014 से भारत के शिपिंग मंत्री हैं। राष्ट्रीय समुद्री एजेंडा 2010-2020 बंदरगाह क्षेत्र के विकास के लिए ढांचे की रूपरेखा तैयार करने के लिए जहाज़रानी मंत्रालय की एक पहल है। यह एजेंडा भारतीय बंदरगाहों के संचालन क्षमता और प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करने के लिए नीति संबंधी पहल का सुझाव है।

परिचय

समुद्री परिवहन एक देश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा है। यह देश की गति, संरचना और जल परिवहन के विकास का प्रतिनिधित्व करता है। जहाज़रानी मंत्रालय के भीतर जहाज़ निर्माण और मरम्मत, प्रमुख बंदरगाहों, राष्ट्रीय जलमार्ग और अंतर्देशीय जल परिवहन भी शामिल है। मंत्रालय पर उनके कार्यान्वयन की नीतियों और कार्यक्रमों को तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जुलाई सन 1942 में संचार विभाग को दो भागों में विभाजित किया गया था-

  1. डाक विभाग
  2. युद्ध के परिवहन विभाग

कार्य

युद्ध के परिवहन विभाग को आवंटित कार्यों में प्रमुख बंदरगाहों, रेलवे प्राथमिकताओं, सड़क और जल परिवहन, पेट्रोल राशन और प्रोड्यूसर गैस के उपयोग शामिल हैं। मोटे तौर पर देखा जाए तो युद्ध के परिवहन विभाग का कार्य-युद्ध के समय में परिवहन के लिए जहाजों की मांग, तटीय शिपिंग का प्रशासन और प्रमुख बंदरगाहों का विकास था। बाद में, निर्यात की योजना बनाना परिवहन प्राथमिकता के विभाग लिया गया था। सरकार ने बंदरगाहों के निर्माण और रखरखाव से संबंधित परियोजनाओं के तहत 100 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी है। दस साल कर छूट बंदरगाहों, अंतर्देशीय जलमार्ग और अंतर्देशीय बंदरगाहों के संचालन के कारोबार में लगे उद्यमों के लिए दिया गया है।

वर्षवार घटनाक्रम

वर्षवार घटित घटनाक्रम
क्र.सं. वर्ष विवरण
1. 1957 युद्ध के परिवहन विभाग को परिवहन एवं संचार मंत्रालय नामित किया गया था और परिवहन विभाग इसके तहत रखा गया था।
2. 1966 25 जनवरी 1966 को राष्ट्रपति के आदेश के तहत परिवहन, जहाजरानी एवं पर्यटन विभाग, परिवहन और विमानन मंत्रालय के अधीन रखा गया था।
3. 1967 13 मार्च 1967 को परिवहन और विमानन मंत्रालय, जहाजरानी और परिवहन मंत्रालय और पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में विभाजित किया गया था।
4. 1985 25 सितंबर 1985 को पुनर्गठन के दौरान परिवहन और जहाजरानी मंत्रालय परिवहन मंत्रालय के तहत भूतल परिवहन विभाग बनाया गया।
5. 1986 22 अक्टूबर 1986 को परिवहन मंत्रालय के तहत भूतल परिवहन विभाग भूतल परिवहन मंत्रालय के रूप में नाम दिया गया था।
6. 1999 15 अक्टूबर 1999 को भूतल परिवहन मंत्रालय को नौवहन विभाग और सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग में फिर से आयोजित किया गया था।
7. 2000 17 नवम्बर 2000 को भूतल परिवहन मंत्रालय दो मंत्रालयों अर्थात् सड़क परिवहन मंत्रालय और राजमार्ग और नौवहन मंत्रालय में विभाजित किया गया था।
8. 2004 2 अक्टूबर 2004 शिपिंग और सड़क परिवहन मंत्रालय फिर से विलय कर दिया गया है और शिपिंग मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग के रूप में नाम दिया है। इसके तहत दो विभाग कर रहे हैं-
  1. नौवहन विभाग
  2. सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग

संगठनात्मक व्यवस्था

सचिव के सहयोग के लिए संयुक्त सचिव (शिपिंग) संयुक्त सचिव (बंदरगाह), विकास सलाहकार (पत्तन), चर्तरिंग मुख्य नियंत्रक, निदेशन उपसचिव, अवरसचिव अ. क. सचिव / तकनिकी अधिकारी गण हैं। लेखा विभाग, मुख्य लेखा नियंत्रक के अधीन है, वह लेखांक, भुगतान, बजट, आंतरिक लेखा परीक्षा और नकदी प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। सलाहकार (परिवहन अनुसंधान) नीति नियोजन, परिवहन समन्वय, मंत्रालय का सवाल है, जिसके साथ परिवहन के विभिन्न साधनों पर आर्थिक और सांख्यिकीय विश्लेषण के लिए मंत्रालय की विभिन्न पंखों के लिए आवश्यक डेटा समर्थन प्रदान करता है।

अधीनस्थ कार्यालय व निकाय

निम्नलिखित स्वायत्त संगठन, सोसाइटी/एशोशियेशन और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम पोत परिवहन मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कार्य कर रहे हैं-

अधीनस्थ/संबद्ध कार्यालय
  1. नौवहन महानिदेशालय, मुंबई
  2. अंडमान और लक्षद्वीप हार्बर वर्क्स, पोर्ट ब्लेयर
  3. लाइटहोउसेस एंड लाइटशिप्स के महानिदेशक, नई दिल्ली
  4. लघु पत्तन सर्वेक्षण संगठन, मुम्बई


स्वायत्त निकाय
  1. कोलकाता पत्तन न्यास
  2. पारादीप पत्तन न्यास
  3. विशाखापत्तनम पत्तन न्यास
  4. चेन्नई पत्तन न्यास
  5. तूतीकोरिन पत्तन न्यास
  6. कोचीन पत्तन न्यास
  7. नई मंगलौर पत्तन न्यास
  8. मोरमुगाओ पत्तन न्यास
  9. मुंबई पत्तन न्यास
  10. कांडला पत्तन न्यास
  11. भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, नोएडा
  12. महापत्तन के लिए प्रशुल्क प्राधिकरण, मुंबई
  13. माविक भविष्य निधि संगठन, मुम्बई


संघ
  1. भारतीय सामुद्रिक विश्वविद्यालय
  2. भारतीय पत्तन संघ
  3. नाविक कल्याण कोष सोसाइटी


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