प्रयोग:कविता बघेल 9: Difference between revisions
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{"अनियंत्रित बाजार आधारित पूंजीवाद का परिणाम होगा- कार्यकुशलता, उत्पादन वृद्धि तथा व्यापक संपन्नता।" यह विश्वास किसके साथ जुड़ा है?(नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-36,प्रश्न-2 | {"अनियंत्रित बाजार आधारित पूंजीवाद का परिणाम होगा- कार्यकुशलता, उत्पादन वृद्धि तथा व्यापक संपन्नता।" यह विश्वास किसके साथ जुड़ा है?(नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-36,प्रश्न-2 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+नव उदारवाद | +नव उदारवाद | ||
-नव अनुदारवाद | -नव अनुदारवाद | ||
-नव मार्क्सवाद | -नव मार्क्सवाद | ||
- | -उपर्युक्त में से कोई नहीं | ||
||"अनियंत्रित बाजार आधारित पूंजीवाद का परिणाम होगा- कार्यकुशलता, उत्पादन वृद्धि तथा व्यापक संपन्नता।" यह विश्वास नव उदारवाद के साथ जुड़ा हुआ है। नव उदारवाद वास्तव में शास्त्रीय उदारवाद की नकारात्मक उदारवादी धारा को पुनर्स्थापित करता है। यह राज्य के हस्तक्षेप को न्यूनतम करते हुए बाजार आधारित अर्थव्यवस्था का समर्थन करता है। फ्रेडरिक हेयक व मिल्टन फ्रीडमैन प्रमुख नव उदारवादी सिद्धांतकार हैं। हेयक ने अपनी कृति 'रोड टू सर्फडम' (दासता के पथ पर) में लिखा है कि निर्देशित अर्थव्यवस्था व्यक्तियों के अव्यक्त ज्ञान का उतना उपयोग नहीं कर सकती जितना बाजार अर्थव्यवस्था कर सकती है। इसके अनुसार आर्थिक नियोजन का रास्ता सर्वाधिकारवाद की ओर ले जाता है। मिल्टन फ्रीडमैन ने 'कैपटिलिज्म एवं फ्रीडम' में लिखा है कि 'पूंजीवाद स्वतंत्रता की आवश्यक शर्त है। पूंजीवाद जिसमें निजी उद्यम को स्वतंत्र विनियम का पूरा अवसर हो व्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए अनिवार्य है। | ||"अनियंत्रित बाजार आधारित पूंजीवाद का परिणाम होगा- कार्यकुशलता, उत्पादन वृद्धि तथा व्यापक संपन्नता।" यह विश्वास नव उदारवाद के साथ जुड़ा हुआ है। नव उदारवाद वास्तव में शास्त्रीय उदारवाद की नकारात्मक उदारवादी धारा को पुनर्स्थापित करता है। यह राज्य के हस्तक्षेप को न्यूनतम करते हुए बाजार आधारित अर्थव्यवस्था का समर्थन करता है। फ्रेडरिक हेयक व मिल्टन फ्रीडमैन प्रमुख नव उदारवादी सिद्धांतकार हैं। हेयक ने अपनी कृति 'रोड टू सर्फडम' (दासता के पथ पर) में लिखा है कि निर्देशित अर्थव्यवस्था व्यक्तियों के अव्यक्त ज्ञान का उतना उपयोग नहीं कर सकती जितना बाजार अर्थव्यवस्था कर सकती है। इसके अनुसार आर्थिक नियोजन का रास्ता सर्वाधिकारवाद की ओर ले जाता है। मिल्टन फ्रीडमैन ने 'कैपटिलिज्म एवं फ्रीडम' में लिखा है कि 'पूंजीवाद स्वतंत्रता की आवश्यक शर्त है। पूंजीवाद जिसमें निजी उद्यम को स्वतंत्र विनियम का पूरा अवसर हो व्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए अनिवार्य है। | ||
Revision as of 11:36, 8 April 2017
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