प्रयोग:कविता सा.-1: Difference between revisions
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||विष्णु श्रीधर वाकड़कर ने [[भीमबेटका गुफ़ाएँ|भीमबेटका]] के प्रागैतिहासिक चित्रों का सर्वप्रथम वर्ष [[1958]] में पता लगाया। यहां 500 वर्गमील के क्षेत्र में 30 पर्वतश्रेणियां अवस्थित हैं जिनकी समुद्रतल से ऊंचाई 1345 फीट (420 मी.) से 2000 फीट (600 मी.) तक है। इन्हीं के ऊपर एक ट्रिगनोमैट्रिक स्टेशन स्थापित किया गया था, जहां गत शताब्दी में सर्वेक्षण किए गए थे। इन पर्वतश्रेणियों की शिलाएं बकुआ पत्थर की हैं। | ||विष्णु श्रीधर वाकड़कर ने [[भीमबेटका गुफ़ाएँ|भीमबेटका]] के प्रागैतिहासिक चित्रों का सर्वप्रथम वर्ष [[1958]] में पता लगाया। यहां 500 वर्गमील के क्षेत्र में 30 पर्वतश्रेणियां अवस्थित हैं जिनकी समुद्रतल से ऊंचाई 1345 फीट (420 मी.) से 2000 फीट (600 मी.) तक है। इन्हीं के ऊपर एक ट्रिगनोमैट्रिक स्टेशन स्थापित किया गया था, जहां गत शताब्दी में सर्वेक्षण किए गए थे। इन पर्वतश्रेणियों की शिलाएं बकुआ पत्थर की हैं। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[भीमबेटका गुफ़ाएँ|भीमबेटका]] | ||
{[[बाघ की गुफाएं]] कहाँ स्थित हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-26,प्रश्न-27 | {[[बाघ की गुफाएं]] कहाँ स्थित हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-26,प्रश्न-27 | ||
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-[[उत्तर प्रदेश]] | -[[उत्तर प्रदेश]] | ||
-[[गुजरात]] | -[[गुजरात]] | ||
|| | ||[[बाघ की गुफ़ाएं]] [[मध्य प्रदेश]] में [[इन्दौर]] के पास धार में स्थित हैं। वाघ की गुफ़ाएं प्राचीन भारत के स्वर्णिम युग की अद्वितीय देन हैं। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[बाघ की गुफ़ाएं]] | ||
{सित्तनवासल का गुफ़ा मंडप किस नदी के तट पर स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-42,प्रश्न-16 | {सित्तनवासल का गुफ़ा मंडप किस नदी के तट पर स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-42,प्रश्न-16 | ||
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-यात्रा | -यात्रा | ||
-सेंट एंडूज में विवाह | -सेंट एंडूज में विवाह | ||
||[[के.जी. सुब्रह्मण्यम|के.जी सुब्रह्मण्यम]] के कार्यों की एक शृंखला है जिसे 'सरस' कहते हैं। सरस वास्तव से [[बंगाल]] की लोक कला में व्याप्त कर्मकांडी/अनुष्ठानिक कला की एक शैली है। | ||[[के.जी. सुब्रह्मण्यम|के.जी सुब्रह्मण्यम]] के कार्यों की एक शृंखला है जिसे 'सरस' कहते हैं। सरस वास्तव से [[बंगाल]] की लोक कला में व्याप्त कर्मकांडी/अनुष्ठानिक कला की एक शैली है।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[के.जी. सुब्रह्मण्यम|के.जी सुब्रह्मण्यम]] | ||
{[[नालंदा विश्वविद्यालय]] किस राज्य में स्थित है?- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-223,प्रश्न-282 | {[[नालंदा विश्वविद्यालय]] किस राज्य में स्थित है?- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-223,प्रश्न-282 | ||
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+[[बिहार]] में | +[[बिहार]] में | ||
-[[मध्य प्रदेश]] में | -[[मध्य प्रदेश]] में | ||
||प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय [[बिहार]] राज्य के [[पटना]] से 64 किमी. दक्षिण अस्तित्व में आया। | ||प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय [[बिहार]] राज्य के [[पटना]] से 64 किमी. दक्षिण अस्तित्व में आया। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[नालंदा विश्वविद्यालय]] | ||
{[[अकबर]] के शासनकाल में विद्बानों के एक दल ने [[महाभारत]] का [[संस्कृत]] से [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] में [[अनुवाद]] किया और उसे बाद में कलाकारों को चित्रण हेतु दिया गया। यह फ़ारसी [[अनुवाद]] क्या कहलाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-65,प्रश्न-62 | {[[अकबर]] के शासनकाल में विद्बानों के एक दल ने [[महाभारत]] का [[संस्कृत]] से [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] में [[अनुवाद]] किया और उसे बाद में कलाकारों को चित्रण हेतु दिया गया। यह फ़ारसी [[अनुवाद]] क्या कहलाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-65,प्रश्न-62 | ||
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+[[रज़्मनामा]] | +[[रज़्मनामा]] | ||
-अनवर-ए-सुहैली | -अनवर-ए-सुहैली | ||
||'[[रज़्मनामा]]' ग्रंथ, हिंदू ग्रंथ [[महाभारत]] का फारसी अनुवाद [[अकबर]] के शासनकाल में किया गया। [[बदायूंनी, अब्दुल क़ादिर|मौलाना अब्दुल कादिर बदायूंनी]] ने 'महाभारत' का फारसी में अनुवाद किया और उसका नाम '[[रज्मनामा]]' रखा। इसे पूरा करने में लगभग एक वर्ष लगा और 1582 ई. में पूर्ण किया गया। इसकी सचित्र प्रति बादशाह के लिए 1588 ई. में तैयार की गई थी, जिसकी तीन बड़ी सचित्र जिल्दें हैं। | ||'[[रज़्मनामा]]' ग्रंथ, हिंदू ग्रंथ [[महाभारत]] का फारसी अनुवाद [[अकबर]] के शासनकाल में किया गया। [[बदायूंनी, अब्दुल क़ादिर|मौलाना अब्दुल कादिर बदायूंनी]] ने 'महाभारत' का फारसी में अनुवाद किया और उसका नाम '[[रज्मनामा]]' रखा। इसे पूरा करने में लगभग एक वर्ष लगा और 1582 ई. में पूर्ण किया गया। इसकी सचित्र प्रति बादशाह के लिए 1588 ई. में तैयार की गई थी, जिसकी तीन बड़ी सचित्र जिल्दें हैं। | ||
{[[नंदलाल बोस]] का नाम किस संस्था से जुड़ा है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-39 | {[[नंदलाल बोस]] का नाम किस संस्था से जुड़ा है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-39 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-सरकारी आर्ट कॉलेज, कलकत्ता | -सरकारी आर्ट कॉलेज, [[कलकत्ता]] | ||
-जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट, बंबई | -जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट, [[बंबई]] | ||
-वनस्थली विद्यापीठ | -वनस्थली विद्यापीठ | ||
+[[शांतिनिकेतन]] | +[[शांतिनिकेतन]] | ||
||[[नंदलाल बोस]] वर्ष [[1922]] में [[शांतिनिकेतन]] में स्थापित विश्वभारती के कला भवन में प्रधानाध्यापक नियुक्त किए गए। इससे पहले इसी कला भवन में उन्होंने शिक्षण कार्य किया था। | ||[[नंदलाल बोस]] वर्ष [[1922]] में [[शांतिनिकेतन]] में स्थापित विश्वभारती के कला भवन में प्रधानाध्यापक नियुक्त किए गए। इससे पहले इसी कला भवन में उन्होंने शिक्षण कार्य किया था। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[शांतिनिकेतन]] | ||
{[[अजंता]] में कितने प्रकार की रेखा शैली का प्रयोग किया गया है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-162,प्रश्न-32 | {[[अजंता]] में कितने प्रकार की रेखा शैली का प्रयोग किया गया है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-162,प्रश्न-32 | ||
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||रेखाओं द्वारा भाव प्रदर्शन [[अजंता की गुफा|अजंता गुफा]] की चित्रशैली की विशेषता है। [[अजंता]] की चित्रकला की अपनी शैली है जो चित्रकला की अन्य शैलियों से भिन्न है। [[अजंता]] के चित्रों में रेखांकन का प्राधान्य है जिसमें चित्रों की रूपरेखा भावमय एवं सप्राण है। अजंता में करीब 20 प्रकार की रेखा शैलियां प्रयुक्त हुई हैं। | ||रेखाओं द्वारा भाव प्रदर्शन [[अजंता की गुफा|अजंता गुफा]] की चित्रशैली की विशेषता है। [[अजंता]] की चित्रकला की अपनी शैली है जो चित्रकला की अन्य शैलियों से भिन्न है। [[अजंता]] के चित्रों में रेखांकन का प्राधान्य है जिसमें चित्रों की रूपरेखा भावमय एवं सप्राण है। अजंता में करीब 20 प्रकार की रेखा शैलियां प्रयुक्त हुई हैं। | ||
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Revision as of 11:32, 12 November 2017
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