प्रयोग:रिंकू1: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
रिंकू बघेल (talk | contribs) No edit summary |
रिंकू बघेल (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 5: | Line 5: | ||
| | | | ||
<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{[[नमक सत्याग्रह]] किस ईस्वी में प्रारम्भ हुआ था? | {[[नमक सत्याग्रह]] किस ईस्वी में प्रारम्भ हुआ था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[1930]] | +[[1930]] | ||
Line 13: | Line 13: | ||
||[[गाँधी|गाँधीजी]] की इस चुनौती का महत्त्व अधिकांश भारतीयों को समझ में आ गया था किन्तु [[ब्रिटिश राज|अंग्रेज़ी राज]] को नहीं। हालांकि गाँधीजी ने अपनी ‘नमक यात्रा’ की पूर्व सूचना [[वाइसराय]] [[लॉर्ड इर्विन|इर्विन]] को दे दी थी, किन्तु इर्विन उनकी इस कार्यवाही के महत्त्व को न समझ सके। [[12 मार्च]] [[1930]] को गाँधीजी ने [[साबरमती आश्रम]] में अपने आश्रम से समुद्र की ओर चलना शुरू किया। तीन हफ्तों बाद गाँधीजी अपने [[गंतव्य]] स्थान पर पहुँचे। वहाँ उन्होंने मुट्ठी भर नमक बनाकर स्वयं को क़ानून की निगाह में अपराधी बना दिया। इसी बीच देश के अन्य भागों में समान्तर नमक यात्राएँ आयोजित की गई।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[नमक सत्याग्रह]] | ||[[गाँधी|गाँधीजी]] की इस चुनौती का महत्त्व अधिकांश भारतीयों को समझ में आ गया था किन्तु [[ब्रिटिश राज|अंग्रेज़ी राज]] को नहीं। हालांकि गाँधीजी ने अपनी ‘नमक यात्रा’ की पूर्व सूचना [[वाइसराय]] [[लॉर्ड इर्विन|इर्विन]] को दे दी थी, किन्तु इर्विन उनकी इस कार्यवाही के महत्त्व को न समझ सके। [[12 मार्च]] [[1930]] को गाँधीजी ने [[साबरमती आश्रम]] में अपने आश्रम से समुद्र की ओर चलना शुरू किया। तीन हफ्तों बाद गाँधीजी अपने [[गंतव्य]] स्थान पर पहुँचे। वहाँ उन्होंने मुट्ठी भर नमक बनाकर स्वयं को क़ानून की निगाह में अपराधी बना दिया। इसी बीच देश के अन्य भागों में समान्तर नमक यात्राएँ आयोजित की गई।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[नमक सत्याग्रह]] | ||
{[[1939]] में पहली बार, [[महात्मा गांधी]] ने देशी [[राज्य]] में नियंत्रित जनसंघर्ष चलाने की विशेष तकनीक को अपनाया। उन्होंने अपने एक निकट सहयोगी को [[सत्याग्रह]] करने की इजाज़त दी, वह निकट सहयोगी कौन था? | {[[1939]] में पहली बार, [[महात्मा गांधी]] ने देशी [[राज्य]] में नियंत्रित जनसंघर्ष चलाने की विशेष तकनीक को अपनाया। उन्होंने अपने एक निकट सहयोगी को [[सत्याग्रह]] करने की इजाज़त दी, वह निकट सहयोगी कौन था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-के. टी. भाष्यम | -के. टी. भाष्यम | ||
Line 20: | Line 20: | ||
-नेबाकृष्ण चौधरी | -नेबाकृष्ण चौधरी | ||
{[[1937]] के चुनावों में [[कांग्रेस]] द्वारा बहुमत प्राप्त प्रांतों की संख्या कितनी थी? | {[[1937]] के चुनावों में [[कांग्रेस]] द्वारा बहुमत प्राप्त प्रांतों की संख्या कितनी थी? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-तीन | -तीन | ||
Line 27: | Line 27: | ||
+छ: | +छ: | ||
{निम्नलिखित में से किस एक ने सन [[1875]] में हाउस ऑफ़ कॉमंस में एक याचिका प्रस्तुत करते हुए ब्रिटिश संसद में [[भारत]] के प्रत्यक्ष प्रतिनिधित्व की मांग की? | {निम्नलिखित में से किस एक ने सन [[1875]] में हाउस ऑफ़ कॉमंस में एक याचिका प्रस्तुत करते हुए ब्रिटिश संसद में [[भारत]] के प्रत्यक्ष प्रतिनिधित्व की मांग की? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+दि डेक्कन एसोसिएशन | +दि डेक्कन एसोसिएशन | ||
Line 34: | Line 34: | ||
-पूना सार्वजनिक सभा | -पूना सार्वजनिक सभा | ||
{[[लॉर्ड कर्ज़न]] के शासनकाल का सबसे मूर्खतापूर्ण कार्य जिसने उग्र राष्ट्रीयता को जन्म दिया, क्या था? | {[[लॉर्ड कर्ज़न]] के शासनकाल का सबसे मूर्खतापूर्ण कार्य जिसने उग्र राष्ट्रीयता को जन्म दिया, क्या था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[1899]] का कलकत्ता नगर निगम अधिनियम | -[[1899]] का कलकत्ता नगर निगम अधिनियम | ||
Line 42: | Line 42: | ||
||[[बंगाल विभाजन]] पहली बार [[1905]] ई. में [[वाइसराय]] [[लॉर्ड कर्ज़न]] द्वारा किया गया था। विभाजन के सम्बन्ध में कर्ज़न का तर्क था कि तत्कालीन [[बंगाल]], जिसमें [[बिहार]] और [[उड़ीसा]] भी शामिल थे, काफ़ी विस्तृत है और अकेला लेफ्टिनेंट गवर्नर उसका प्रशासन भली-भाँति नहीं चला सकता है। इसके फलस्वरूप [[पूर्वी बंगाल]] के ज़िलों की प्राय: उपेक्षा होती है, जहाँ [[मुसलमान]] अधिक संख्या में हैं। इसीलिए उत्तरी और पूर्वी बंगाल के राजशाही, [[ढाका]] तथा चटगाँव डिवीजन में आने वाले पन्द्रह ज़िलों को [[असम]] में मिला दिया गया और पूर्वी बंगाल तथा [[असम]] नाम से एक नया प्रान्त बना दिया गया और उसे बंगाल से अलग कर दिया गया।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[बंगाल विभाजन]] | ||[[बंगाल विभाजन]] पहली बार [[1905]] ई. में [[वाइसराय]] [[लॉर्ड कर्ज़न]] द्वारा किया गया था। विभाजन के सम्बन्ध में कर्ज़न का तर्क था कि तत्कालीन [[बंगाल]], जिसमें [[बिहार]] और [[उड़ीसा]] भी शामिल थे, काफ़ी विस्तृत है और अकेला लेफ्टिनेंट गवर्नर उसका प्रशासन भली-भाँति नहीं चला सकता है। इसके फलस्वरूप [[पूर्वी बंगाल]] के ज़िलों की प्राय: उपेक्षा होती है, जहाँ [[मुसलमान]] अधिक संख्या में हैं। इसीलिए उत्तरी और पूर्वी बंगाल के राजशाही, [[ढाका]] तथा चटगाँव डिवीजन में आने वाले पन्द्रह ज़िलों को [[असम]] में मिला दिया गया और पूर्वी बंगाल तथा [[असम]] नाम से एक नया प्रान्त बना दिया गया और उसे बंगाल से अलग कर दिया गया।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[बंगाल विभाजन]] | ||
{[[क्रिप्स प्रस्ताव|क्रिप्स मिशन]] ([[1942]]) को असफल होने का सबसे महत्त्वपूर्ण कारण कौन-सा था? | {[[क्रिप्स प्रस्ताव|क्रिप्स मिशन]] ([[1942]]) को असफल होने का सबसे महत्त्वपूर्ण कारण कौन-सा था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-विंस्टन चर्चिल का प्रतिक्रियावादी होना | -विंस्टन चर्चिल का प्रतिक्रियावादी होना | ||
Line 50: | Line 50: | ||
||[[क्रिप्स प्रस्ताव]] [[30 मार्च]], [[1942]] ई. को प्रस्तुत किया गया था। 1942 ई. में [[जापान]] की फ़ौजों के रंगून (अब [[यांगून]]) पर क़ब्ज़ा कर लेने से [[भारत]] के सीमांत क्षेत्रों पर सीधा ख़तरा पैदा हो गया था। अब [[ब्रिटेन]] ने युद्ध में भारत का सक्रिय सहयोग पाने के लिए युद्धकालीन मंत्रिमण्डल के एक सदस्य स्टेफ़ोर्ड क्रिप्स को घोषणा के एक मसविदे के साथ भारत भेजा।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[क्रिप्स प्रस्ताव]]'' | ||[[क्रिप्स प्रस्ताव]] [[30 मार्च]], [[1942]] ई. को प्रस्तुत किया गया था। 1942 ई. में [[जापान]] की फ़ौजों के रंगून (अब [[यांगून]]) पर क़ब्ज़ा कर लेने से [[भारत]] के सीमांत क्षेत्रों पर सीधा ख़तरा पैदा हो गया था। अब [[ब्रिटेन]] ने युद्ध में भारत का सक्रिय सहयोग पाने के लिए युद्धकालीन मंत्रिमण्डल के एक सदस्य स्टेफ़ोर्ड क्रिप्स को घोषणा के एक मसविदे के साथ भारत भेजा।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[क्रिप्स प्रस्ताव]]'' | ||
{[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] [[1947]] में देश के विभाजन पर सहमत हो गई, इसका मुख्य कारण क्या था? | {[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] [[1947]] में देश के विभाजन पर सहमत हो गई, इसका मुख्य कारण क्या था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-द्विराष्ट्र सिद्धांत तब उनके लिए स्वीकार्य था। | -द्विराष्ट्र सिद्धांत तब उनके लिए स्वीकार्य था। | ||
Line 57: | Line 57: | ||
-ऐसा नहीं करने पर [[भारत]] स्वतंत्रता प्राप्त करने के अवसर से वंचित रह जाता। | -ऐसा नहीं करने पर [[भारत]] स्वतंत्रता प्राप्त करने के अवसर से वंचित रह जाता। | ||
{[[रामचरितमानस]] के लेखक [[तुलसीदास]] किसके शासनकाल से सम्बंधित थे? | {[[रामचरितमानस]] के लेखक [[तुलसीदास]] किसके शासनकाल से सम्बंधित थे? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[वाजिद अली शाह]] | -[[वाजिद अली शाह]] | ||
Line 64: | Line 64: | ||
-[[हर्षवर्द्धन]] | -[[हर्षवर्द्धन]] | ||
{[[औरंगज़ेब]] ने अपने [[पिता]] को किस क़िले में नज़रबंद कर दिया, जहाँ 8 वर्ष के बाद नज़रबंदी के हालत में ही [[शाहजहाँ]] की मौत हो गई? | {[[औरंगज़ेब]] ने अपने [[पिता]] को किस क़िले में नज़रबंद कर दिया, जहाँ 8 वर्ष के बाद नज़रबंदी के हालत में ही [[शाहजहाँ]] की मौत हो गई? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[आगरा क़िला]] | +[[आगरा क़िला]] | ||
Line 72: | Line 72: | ||
||[[शाहजहाँ]] का जन्म [[जोधपुर]] के शासक राजा उदयसिंह की पुत्री 'जगत गोसाई' (जोधाबाई) के गर्भ से [[5 जनवरी]], 1592 ई. को [[लाहौर]] में हुआ था। उसका बचपन का नाम ख़ुर्रम था। ख़ुर्रम [[जहाँगीर]] का छोटा पुत्र था, जो छल−बल से अपने पिता का उत्तराधिकारी हुआ था। वह बड़ा कुशाग्र बुद्धि, साहसी और शौक़ीन बादशाह था। वह बड़ा कला प्रेमी, विशेषकर स्थापत्य कला का प्रेमी था। उसका विवाह 20 वर्ष की आयु में [[नूरजहाँ]] के भाई [[आसफ़ ख़ाँ (गियासबेग़ पुत्र)|आसफ़ ख़ाँ]] की पुत्री 'आरज़ुमन्द बानो' से सन् 1611 में हुआ था। वही बाद में 'मुमताज़ महल' के नाम से उसकी प्रियतमा बेगम हुई। शाहजहाँ 8 वर्ष तक [[आगरा]] के क़िले के शाहबुर्ज में क़ैद रहा। उसका अंतिम समय बड़े दु:ख और मानसिक क्लेश में बीता था।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[शाहजहाँ]]'' | ||[[शाहजहाँ]] का जन्म [[जोधपुर]] के शासक राजा उदयसिंह की पुत्री 'जगत गोसाई' (जोधाबाई) के गर्भ से [[5 जनवरी]], 1592 ई. को [[लाहौर]] में हुआ था। उसका बचपन का नाम ख़ुर्रम था। ख़ुर्रम [[जहाँगीर]] का छोटा पुत्र था, जो छल−बल से अपने पिता का उत्तराधिकारी हुआ था। वह बड़ा कुशाग्र बुद्धि, साहसी और शौक़ीन बादशाह था। वह बड़ा कला प्रेमी, विशेषकर स्थापत्य कला का प्रेमी था। उसका विवाह 20 वर्ष की आयु में [[नूरजहाँ]] के भाई [[आसफ़ ख़ाँ (गियासबेग़ पुत्र)|आसफ़ ख़ाँ]] की पुत्री 'आरज़ुमन्द बानो' से सन् 1611 में हुआ था। वही बाद में 'मुमताज़ महल' के नाम से उसकी प्रियतमा बेगम हुई। शाहजहाँ 8 वर्ष तक [[आगरा]] के क़िले के शाहबुर्ज में क़ैद रहा। उसका अंतिम समय बड़े दु:ख और मानसिक क्लेश में बीता था।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[शाहजहाँ]]'' | ||
{[[भारत]] के पहले मजदूर संघ- बंबई मिलहैण्ड्स एसोसिएशन ([[1890]]) की स्थापना किसने की? | {[[भारत]] के पहले मजदूर संघ- बंबई मिलहैण्ड्स एसोसिएशन ([[1890]]) की स्थापना किसने की? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+नारायण मेघाजी लोखण्डे | +नारायण मेघाजी लोखण्डे |
Revision as of 12:24, 24 November 2017
|